Tanjavur में Marathi Language Bhavan की घोषणा – दो दिवसीय कार्यक्रम
तंजावुर, 7 अक्टूबर: महाराष्ट्र सरकार की ओर से मराठी भाषा को ‘अभिजात’ (Classical) दर्जा मिलने के बाद, भाषा के संरक्षण और प्रचार-प्रसार को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में महाराष्ट्र के Marathi Language Bhavan को तंजावुर में स्थापित करने की घोषणा मराठी भाषा मंत्री Uday Samant ने की है। यह भवन न केवल मराठी साहित्य और संस्कृति का केंद्र बनेगा, बल्कि दो दिवसीय कार्यक्रमों की शृंखला के लिए भी मंच उपलब्ध कराएगा।
मराठी भाषा के महत्व और उसके वैश्विक स्तर पर पहुँचाने के उद्देश्य को लेकर मंत्री सामंत ने कहा कि “मराठी भाषा को संरक्षित करना और इसके प्रति स्वाभिमान बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। मराठी के लिए निष्ठा और प्रयास ही इसे सशक्त बनाएंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि भाषा को बढ़ावा देने के लिए एक ऐप 1 दिसंबर से लॉन्च किया जाएगा, जो गैर-मराठी लोगों को मराठी सिखाने में मदद करेगा।
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इस अवसर पर महाराष्ट्र राज्य विश्वकोश निर्मिती मंडल द्वारा आयोजित अभिजात मराठी भाषा दिवस और सप्ताह के कार्यक्रमों में 99वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के नियोजित अध्यक्ष Vishwas Patil का भी सत्कार किया गया। साहित्यिक विश्वास पाटील ने कहा, “मराठी भाषा की भक्ति और उसकी अनिवार्यता दोनों जरूरी हैं। नए लेखक और युवा प्रतिभाओं को आगे आना चाहिए, ताकि मराठी साहित्य की विरासत और भी मजबूत हो सके।”

उदय सामंत ने आगे कहा कि Yashwantrao Chavan Translation Committee की स्थापना भी की जाएगी, जिसका उद्देश्य मराठी साहित्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलाना और विदेशी भाषाओं में अनुवाद करवाना होगा। इससे मराठी की समृद्ध साहित्यिक धरोहर को विश्वभर में पहचान मिलेगी।
दो दिवसीय कार्यक्रमों की योजना के तहत तंजावुर में विभिन्न साहित्यिक सेमिनार, कवि गोष्ठी, साहित्यिक चर्चाएँ और बच्चों के लिए मराठी भाषा सीखने के कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँगी। इस भवन में आने वाले साहित्य प्रेमियों, छात्रों और शोधकर्ताओं को मराठी साहित्य और संस्कृति की गहरी जानकारी मिलने का अवसर मिलेगा।
मंत्री सामंत ने कहा, “भाषा केवल संवाद का साधन नहीं है, बल्कि यह हमारी पहचान और संस्कृति का प्रतीक है। Marathi Language Bhavan इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि मराठी का समृद्ध साहित्य और ज्ञान नई पीढ़ी तक पहुंचे।”
वेब स्टोरी:
कार्यक्रम के दौरान कई प्रमुख साहित्यकारों और शिक्षाविदों ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने मराठी भाषा के संरक्षण, शिक्षा और प्रचार के महत्व पर जोर दिया। विशेष रूप से यह भी चर्चा हुई कि कैसे नई तकनीक और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से मराठी भाषा को और व्यापक स्तर पर पहुँचाया जा सकता है।
तंजावुर में Marathi Language Bhavan के निर्माण से न केवल महाराष्ट्र के मराठी भाषियों को गर्व महसूस होगा, बल्कि दक्षिण भारत में भाषा और साहित्य के प्रति रुचि रखने वालों के लिए यह एक नया केंद्र बनेगा। यह पहल मराठी भाषा के वैश्विक मान्यता प्राप्त ‘Classical’ दर्जे को मजबूत करने और संस्कृति की धरोहर को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।