करवा चौथ 2025: बिहार में चंद्रमा दर्शन का समय
करवा चौथ विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं।
करवा चौथ का सबसे खास हिस्सा है महिलाओं का सोलह श्रृंगार और चांद के दर्शन के बाद व्रत खोलना। महिलाएं पहले सूर्योदय से पहले सरगी खाती हैं और शाम को करवा, दीपक, मिठाई और पूजा की थाली से पूजा करती हैं।
बिहार में चंद्रमा निकलने का समय (Moonrise Timing)
बिहार के प्रमुख शहरों में इस साल करवा चौथ पर चांद का उदय समय इस प्रकार है:
शहर | चांद निकलने का समय |
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पटना | 7:56 PM |
गया | 7:57 PM |
भागलपुर | 8:08 PM |
मधेपुरा | 8:48 PM |
मुजफ्फरपुर | 8:46 PM |
दरभंगा | 8:18 PM |
पूर्णिया | 8:53 PM |
सहरसा | 8:08 PM |
महिलाएं चंद्रमा का दर्शन छलनी से करती हैं और फिर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए व्रत का पारण करती हैं।
करवा चौथ व्रत की पौराणिक कथा
करवा चौथ से जुड़ी प्रमुख कथा वीरवती की है। कहा जाता है कि 7 भाइयों की इकलौती बहन वीरवती ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा। शाम को भाइयों ने वीरवती की तकलीफ देखकर छल से चंद्रमा दिखा दिया, जिससे उसने व्रत तोड़ दिया। इस घटना के बाद उसके पति की मृत्यु हो गई।
इस कथा के माध्यम से व्रत की महिमा और उसकी पौराणिक पृष्ठभूमि को समझा जा सकता है।