पप्पू यादव का बयान: “एनडीए में जेडीयू को खत्म करने की साजिश, नतीजे के बाद नीतीश को लौटना पड़ेगा महागठबंधन में”

अक्टूबर 12, 2025

एनडीए में सीटों के बंटवारे के बाद बिहार की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। इस बार जेडीयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी नेताओं के सीधे निशाने पर हैं। पूर्णिया के निर्दलीय सांसद और अब कांग्रेस पार्टी में शामिल हो चुके राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने एनडीए की सीट शेयरिंग को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की रणनीति स्पष्ट है — वह नीतीश कुमार की जेडीयू को धीरे-धीरे खत्म करने की दिशा में काम कर रही है।

पप्पू यादव का सीधा आरोप भाजपा पर

पत्रकारों से बातचीत के दौरान पप्पू यादव ने कहा कि भाजपा ने सीट बंटवारे के ज़रिए अपनी राजनीतिक मंशा साफ कर दी है। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी को भाजपा ने जो सीटें दी हैं, वे सभी उनकी ही पार्टी से जुड़ी हैं। लेकिन जेडीयू के हिस्से में जो सीटें दी गईं, वह भाजपा की ओर से एक “राजनीतिक संकेत” है कि जेडीयू की भूमिका सीमित रखी जाए।

“नीतीश कुमार को नतीजों के बाद महागठबंधन में लौटना ही होगा”

पप्पू यादव ने कहा कि नतीजों के बाद नीतीश कुमार के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचेगा। उन्होंने दावा किया कि भाजपा के भीतर से ही जेडीयू को कमजोर करने की कोशिशें हो रही हैं, और परिणाम आने के बाद जेडीयू को मजबूरन महागठबंधन की ओर लौटना पड़ेगा। यादव ने यह भी जोड़ा कि भाजपा का पूरा उद्देश्य बिहार में एकमात्र प्रमुख पार्टी के रूप में खुद को स्थापित करना है।

सीट बंटवारे पर विपक्ष का तीखा रुख

पप्पू यादव के बयान से पहले भी कई विपक्षी नेताओं ने एनडीए की सीट शेयरिंग को लेकर सवाल उठाए हैं। राजद और कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जेडीयू को जानबूझकर “कम हिस्सेदारी” दी गई है ताकि भविष्य में भाजपा उसे अपने अधीन कर सके। वहीं, भाजपा ने अपने हिस्से की सीटों पर “रणनीतिक पकड़” बनाए रखी है, जिससे जेडीयू की राजनीतिक स्वतंत्रता सीमित हो रही है।

पूर्णिया में पत्रकारों से बातचीत का माहौल

पूर्णिया में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान पप्पू यादव ने कहा, “एनडीए की सीट शेयरिंग कोई साझेदारी नहीं, बल्कि एक संदेश है। भाजपा जेडीयू को खत्म करने की दिशा में बढ़ रही है। चुनाव नतीजों के बाद नीतीश कुमार और उनकी पार्टी को अपनी सियासी स्थिति का एहसास होगा और उन्हें फिर से महागठबंधन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।”

उन्होंने हल्के अंदाज में कहा कि “भाजपा अब किसी को भी पूर्ण सहयोग नहीं देती, बल्कि उसे अपने तरीके से चलाती है। जेडीयू को इस हकीकत का एहसास चुनाव के बाद जरूर होगा।”

बिहार की राजनीति में बढ़ती अनिश्चितता

बिहार की राजनीति में यह बयान ऐसे समय आया है जब एनडीए और महागठबंधन दोनों अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची तय करने में जुटे हैं। भाजपा-जेडीयू गठबंधन के बीच हाल के दिनों में कई मुद्दों पर मतभेद देखने को मिले हैं। ऐसे में पप्पू यादव का यह बयान राजनीतिक हलकों में नई चर्चा का विषय बन गया है।

पप्पू यादव के इस बयान से यह स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति अभी भी अस्थिर दौर में है। सीट शेयरिंग को लेकर उठे विवाद और जेडीयू की भूमिका पर उठे सवाल आने वाले चुनाव में राजनीतिक समीकरणों को पूरी तरह बदल सकते हैं। नीतीश कुमार की अगली चाल पर अब सभी की नजरें टिकी हैं — क्या वे भाजपा के साथ रहेंगे या पप्पू यादव की भविष्यवाणी सही साबित होगी और वे महागठबंधन की ओर लौटेंगे।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com