दुर्गोत्सव: छत्रपति शिवाजी महाराज के किलों को श्रद्धांजलि देने का अभिनव प्रयास
महाराष्ट्र सरकार ने छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर में शामिल किए जाने के उपलक्ष्य में ‘दुर्गोत्सव’ का आयोजन किया है। इस आयोजन का उद्देश्य इन किलों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एक विश्वविक्रम स्थापित करना है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नेतृत्व
मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पहल की शुरुआत की और राज्यभर में इसे एक जनोत्सव के रूप में मनाने का निर्देश दिया। उनका कहना है कि “छत्रपति शिवाजी महाराज के किलों का युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर में शामिल किया जाना हमारे इतिहास और संस्कृति की महानता का प्रतीक है”।
दुर्गोत्सव की विशेषताएँ
‘दुर्गोत्सव’ में नागरिकों से अपील की गई है कि वे रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सिंधुदुर्ग, साल्हेर, खांदेरी, जिनजी, पन्हाला, शिवनेरी, विजयदुर्ग, लोहगढ़ और पद्मदुर्ग – इन 12 किलों में से किसी एक की सजावटी प्रतिकृति अपने घर, आंगन, बालकनी या सार्वजनिक स्थल पर बनाएं। इसके साथ सेल्फी खींचकर इसे 12 से 25 अक्टूबर 2025 के बीच https://www.durgotsav.com वेबसाइट पर अपलोड करना होगा।
मुख्यमंत्री की डिजिटल हस्ताक्षर युक्त ‘अभिनंदन पत्र’
सत्यापन के बाद प्रत्येक सहभागी को मुख्यमंत्री की डिजिटल हस्ताक्षर युक्त ‘अभिनंदन पत्र’ दिया जाएगा। साथ ही ‘शिवचरित्र से आज के लिए शिक्षा’ विषय पर मुफ्त ऑडियो-वीडियो सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी।
स्थानीय समुदायों की भागीदारी
स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी इस आयोजन की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। स्थानीय इतिहासकारों और पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहल से न केवल किलों के संरक्षण में मदद मिलेगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
भविष्य की योजनाएँ
महाराष्ट्र सरकार ने इन किलों के संरक्षण और विकास के लिए एक दशक लंबी योजना बनाई है। इसमें किलों के आसपास सुविधाओं का निर्माण, पर्यटन मार्गों का विकास और स्थानीय समुदायों को प्रशिक्षण देने की योजना शामिल है।