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प्रशांत किशोर नहीं लड़ेंगे बिहार विधानसभा चुनाव, जताई 150 सीटों की जीत का लक्ष्य

Prashant Kishor Will Not Contest Bihar Assembly Elections 2025: प्रशांत किशोर 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे; जुसपा के लिए 150 सीटों का लक्ष्य रखा
Prashant Kishor Will Not Contest Bihar Assembly Elections 2025: प्रशांत किशोर 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे; जुसपा के लिए 150 सीटों का लक्ष्य रखा
अक्टूबर 15, 2025

प्रशांत किशोर का बड़ा ऐलान — चुनाव नहीं लड़ेंगे, पर 150 सीटों का लक्ष्य

पटना। राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक रणनीतिकार और जन सुराज पार्टी (JSP) के नेता प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया है कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में उम्मीदवार नहीं होंगे। इस निर्णय को उन्होंने पार्टी और राज्य के “महत्तवपूर्ण हित” के लिए लिया है।

हालाँकि, उन्होंने पार्टी के लिए 150 सीटों का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है और चेतावनी दी है कि इससे कम परिणाम मिलने पर इसे “पराजय” माना जाएगा।


चुनाव में न उतरने का कारण

प्रशांत किशोर ने पीटीआई से विशेष बातचीत में कहा, “यह निर्णय हमने पार्टी के व्यापक हित में लिया है। यदि मैं चुनाव लड़ता, तो यह मुझे संगठनात्मक कार्यों से भटका देता।” उनका मानना है कि संगठन को मजबूत करना और रणनीतिक तैयारियाँ करना उनकी प्राथमिकता है, न कि व्यक्तिगत चुनावी सफलता।

जन सुराज पार्टी ने हाल ही में राघोपुर से चंचल सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया, जबकि किशोर के समर्थकों ने उनके नाम की सिफारिश की थी। राघोपुर सीट पर तेजस्वी यादव का प्रभाव है, जो 2015 से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। किशोर ने स्पष्ट किया कि व्यक्तिगत चुनाव लड़ना पार्टी की व्यापक योजना में बाधक होता।


150 सीटों का लक्ष्य और चुनावी रणनीति

किशोर ने कहा कि पार्टी का प्रदर्शन या तो शानदार होगा या भारी शिकस्त मिलेगी। उन्होंने कहा, “150 सीटों से कम हासिल करना, चाहे 120 हो या 130, मेरे लिए पराजय के बराबर होगा। यदि हम अच्छा करेंगे, तो बिहार को देश के दस सबसे विकसित राज्यों में शामिल करने का अवसर मिलेगा। यदि प्रदर्शन कमजोर रहा, तो इसका मतलब है कि जनता ने हमें पर्याप्त विश्वास नहीं दिया, और हमें ‘समाज और सड़क की राजनीति’ जारी रखनी होगी।”

उन्होंने पूर्वानुमान लगाया कि नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री पद पर पुनः आगमन संभव नहीं है, और राज्य में एनडीए की सत्ता भी संकट में है। किशोर ने पिछली विधानसभा चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि चिराग पासवान का विद्रोह और JDU उम्मीदवारों की संख्या कम होने से नीतीश कुमार की पार्टी का प्रदर्शन प्रभावित हुआ था।


राजनीतिक माहौल और गठबंधन संकट

बीजेपी और JDU के बीच सीट-सेयरिंग को लेकर अंतिम समय में हुए विवादों ने भी चुनावी प्रक्रिया को जटिल बना दिया है। सोमवार को एनडीए की सीट-सेयरिंग घोषणा रद्द करनी पड़ी, जबकि पूर्व में दोनों पार्टियों ने 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई थी। इस विवाद ने नेताओं में असंतोष और गठबंधन में तनाव बढ़ा दिया है।

किशोर ने पार्टी की रणनीति पर जोर देते हुए कहा कि उनका ध्यान संगठनात्मक मजबूती और चुनावी तैयारी पर रहेगा, बजाय व्यक्तिगत चुनावी भागीदारी के।

प्रशांत किशोर का यह निर्णय बिहार की राजनीति में नई रणनीतिक दिशा का संकेत देता है। व्यक्तिगत चुनाव न लड़कर उन्होंने संगठन और व्यापक राजनीतिक लक्ष्य को प्राथमिकता दी है। 150 सीटों का महत्वाकांक्षी लक्ष्य यह दर्शाता है कि जन सुराज पार्टी राजनीतिक परिवर्तन और राज्य के विकास की दिशा में ठोस कदम उठाना चाहती है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में उनके निर्णय और रणनीतिकार की भूमिका पार्टी की सफलता के लिए निर्णायक साबित हो सकती है। जनता की प्रतिक्रिया और चुनाव परिणाम यह तय करेंगे कि पार्टी अपने उद्देश्य में कितनी सफल होती है।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com

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