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सिवान में नामांकन का महासंग्राम: आरजेडी और जन सूरज प्रत्याशियों ने भरी हुंकार, सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब

Siwan Nomination Battle 2025
Siwan Nomination Battle 2025: सिवान में आरजेडी और जन सूरज प्रत्याशियों का जबरदस्त शक्ति प्रदर्शन
अक्टूबर 16, 2025

सिवान में नामांकन का महासंग्राम: आरजेडी और जन सूरज के प्रत्याशियों ने दिखाया दमखम

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का रंग अब पूरी तरह सिवान जिले में चढ़ चुका है। गुरुवार को जिले में नामांकन प्रक्रिया के दौरान सियासी हलचल अपने चरम पर रही। आरजेडी, जन सूरज, और अन्य दलों के उम्मीदवारों ने समर्थकों के साथ शक्ति प्रदर्शन करते हुए नामांकन पत्र दाखिल किए। हर ओर नारे, बैंड-बाजे और समर्थकों की भीड़ ने चुनावी माहौल को और गरमा दिया।


सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब, चुनावी जुलूस बना चर्चा का केंद्र

सिवान विधानसभा से आरजेडी के वरिष्ठ नेता अवध बिहारी चौधरी और रघुनाथपुर से पूर्व सांसद स्वर्गीय मोहम्मद शहाबुद्दीन के पुत्र ओसामा साहब का नामांकन जुलूस पूरे जिले की चर्चा का विषय बना रहा। दोनों नेताओं के समर्थकों की भारी भीड़ ने सड़कों को लाल झंडों से भर दिया।

अवध बिहारी चौधरी ने नामांकन के बाद मीडिया से कहा,

“हम महागठबंधन के सिपाही हैं, जनता हमारे साथ है और इस बार सिवान की हर सीट पर हमारी जीत तय है।”

वहीं, ओसामा साहब ने मीडिया से दूरी बनाए रखी, लेकिन उनके जुलूस में उमड़ी भीड़ ने यह साबित कर दिया कि सिवान की राजनीति में शहाबुद्दीन परिवार का प्रभाव अब भी बरकरार है।


जन सूरज प्रत्याशियों ने भी दिखाया दम

जन सूरज पार्टी ने भी इस नामांकन दिवस पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। सिवान से इंतखाब अहमद और बड़हरिया से डॉ. शाहनवाज आलम ने समर्थकों के साथ नामांकन किया। जन सूरज के कार्यकर्ताओं ने ‘जनता का जन सूरज’ और ‘बदलाव का इरादा’ जैसे नारों से माहौल को जीवंत कर दिया।

डॉ. शाहनवाज आलम ने कहा,

“जन सूरज किसी व्यक्ति की नहीं, बल्कि जनता की आवाज है। अब सिवान में राजनीति विकास के मुद्दों पर होगी, जाति के आधार पर नहीं।”


सिवान बना राजनीतिक अखाड़ा, पुरानी विरासत बनाम नई ऊर्जा

सिवान की राजनीति हमेशा से बिहार की सियासत का केंद्र रही है। एक ओर आरजेडी जैसे अनुभवी दल मैदान में हैं, तो दूसरी ओर जन सूरज जैसे नए खिलाड़ी बदलाव का नारा लेकर उतरे हैं। इस बार मुकाबला दिलचस्प है क्योंकि युवाओं की भागीदारी और स्थानीय मुद्दे दोनों ही बड़े फैक्टर साबित हो सकते हैं।

सिवान की जनता के बीच रोजगार, शिक्षा और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दे प्रमुख हैं। वहीं, पुराने नेताओं का जनाधार और नए चेहरों की लोकप्रियता ने मुकाबले को और रोमांचक बना दिया है।


भीड़ और जोश से गूंजा पूरा जिला

सिवान, बड़हरिया, रघुनाथपुर और दरौली जैसे इलाकों में सुबह से ही समर्थकों की भीड़ उमड़ने लगी थी। जगह-जगह वाहनों का जाम, ढोल-नगाड़ों की थाप और झंडों की फहराहट ने चुनावी माहौल को उत्सव में बदल दिया।

जिले के प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए, ताकि नामांकन प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से पूरी हो सके। पुलिस बलों की तैनाती और रूट डायवर्जन के बावजूद लोगों का जोश कम नहीं हुआ।


राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव संभव

सियासी जानकारों का मानना है कि इस बार सिवान की हर सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। जहां आरजेडी अपने पारंपरिक वोट बैंक पर भरोसा कर रही है, वहीं जन सूरज पार्टी युवाओं और नए मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश में है।

सिवान की राजनीति में एक बार फिर पुराने नामों और नए चेहरों का संगम देखने को मिल रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि जनता अनुभव को चुनती है या बदलाव को मौका देती है।


सिवान की सियासत में गर्मी चरम पर

नामांकन के साथ ही सिवान में चुनावी महासंग्राम की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है। प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ मैदान में उतर चुके हैं, और अब हर गली, हर नुक्कड़ पर राजनीति की चर्चा आम हो गई है।

2025 का यह चुनाव न सिर्फ सिवान के लिए, बल्कि बिहार की राजनीति के लिए भी अहम साबित हो सकता है।


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