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दीपावली से पूर्व ही बनारस की वायु प्रदूषित, सांस रोगियों के लिए खतरा बढ़ा

Banaras Air Quality
Banaras Air Quality: वाराणसी में बढ़ती वायु प्रदूषण की समस्या, सांस रोगियों को सतर्क रहने की आवश्यकता
अक्टूबर 17, 2025

वाराणसी, जो अपने शुद्ध गंगा तट और ऐतिहासिक महत्त्व के लिए विश्वविख्यात है, इस समय वायु प्रदूषण की चुनौती का सामना कर रहा है। पिछले वर्ष शहर की हवा अपेक्षाकृत स्वच्छ रही, और लगभग एक वर्ष से अधिक समय तक वायु गुणवत्ता ग्रीन जोन में बनी रही। परंतु अक्टूबर माह में हुई वर्षा समाप्त होने के पश्चात् हवा की गुणवत्ता पुनः बिगड़ने लगी है। विशेष रूप से शरद ऋतु के आगमन के साथ वातावरण में शुष्कता बढ़ रही है और वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि देखी जा रही है।

वायु गुणवत्ता में बदलाव

अक्टूबर माह की शुरुआत से ही शहर के विभिन्न क्षेत्रों में वायु प्रदूषणकारी धूल कणों (PM2.5 और PM10) की संख्या बढ़ रही है। औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 11 अक्टूबर को 102 तक पहुँच गया था और 17 अक्टूबर तक यह 121 तक बढ़ गया। इससे श्वास संबंधी रोगियों के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है।

भेलूपुर क्षेत्र में अधिक प्रदूषण

भेलूपुर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सबसे अधिक प्रदूषित पाई गई। 10 अक्टूबर को यहाँ AQI 117 था, जो क्रमशः बढ़ते हुए 181 तक पहुँच गया। अर्दली बाजार और बीएचयू क्षेत्र भी प्रभावित हैं, परंतु मलदहिया क्षेत्र अभी भी अपेक्षाकृत स्वच्छ बनी हुई है।

मलदहिया क्षेत्र की स्थिति

मलदहिया में वायु गुणवत्ता अपेक्षाकृत बेहतर है। 9 अक्टूबर तक AQI 46 था, जो बाद में 77 तक बढ़ा और वर्तमान में 88 पर स्थिर है। यह क्षेत्र अन्य हिस्सों के मुकाबले हल्का प्रदूषण अनुभव कर रहा है।

वर्षाकाल समाप्त होने के बाद वायु प्रदूषण क्यों बढ़ता है

बीएचयू मौसम विभाग के विज्ञानी प्रो. मनोज श्रीवास्तव के अनुसार, वर्षा काल में AQI सामान्यत: 50 के नीचे रहता है। वर्षा समाप्त होने के पश्चात् वर्षा के कारण जमीन पर जमा धूल के कण सूखकर हल्के हो जाते हैं और हवा में फैल जाते हैं। इसके कारण वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। दीपावली और शीतकाल के दौरान यह स्थिति और अधिक गंभीर हो जाती है, क्योंकि धूंध और कोहरा भी AQI बढ़ाते हैं।

सांस रोगियों के लिए चेतावनी

वायु में बढ़ते प्रदूषण से विशेष रूप से श्वास रोगी, वृद्ध और बच्चों को जोखिम रहता है। विशेषज्ञों ने लोगों से सलाह दी है कि वे मास्क पहनें, प्रदूषित क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचें और घर के भीतर शुद्ध हवा सुनिश्चित करने के उपाय करें।

शहरवासियों के लिए सुझाव

  1. प्रदूषित क्षेत्रों में यात्रा कम करें।

  2. घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।

  3. दीपावली के दौरान पटाखों के प्रयोग में संयम बरतें।

  4. सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करें और निजी वाहनों का प्रयोग कम करें।

  5. पौधरोपण और हरित क्षेत्रों की सुरक्षा करें, जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार संभव हो।

निष्कर्ष

वाराणसी की हवा वर्षा के बाद पुनः प्रदूषणकारी स्तर तक पहुँच रही है। शरद ऋतु और दीपावली के समय वायु प्रदूषण बढ़ने की संभावना अधिक रहती है। नागरिकों को जागरूक रहना अनिवार्य है और प्रशासन को भी सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है।


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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.

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