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बिहार में मतदान से पहले एनडीए को झटका, लोजपा प्रत्याशी सीमा सिंह का नामांकन रद्द

NDA Bihar Shock
NDA Bihar Shock: मतदान से पहले लोजपा प्रत्याशी सीमा सिंह का नामांकन रद्द
अक्टूबर 18, 2025

मतदान से पूर्व बड़ा झटका: एनडीए की उम्मीदें टूटी

बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र सारण जिले के मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र में बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला है। लोजपा (रामविलास) की प्रत्याशी और अभिनेत्री से नेता बनीं सीमा सिंह सहित चार उम्मीदवारों के नामांकन पत्र निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा रद्द कर दिए गए हैं। चुनाव अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई कागजातों में तकनीकी और औपचारिक कमियों के कारण की गई है।

यह घटना एनडीए के लिए एक गंभीर झटका है, क्योंकि सीमा सिंह को क्षेत्रीय राजनीति में एनडीए का प्रमुख चेहरा माना जा रहा था। उनका नामांकन रद्द होने से पार्टी की चुनावी रणनीति में महत्वपूर्ण परिवर्तन करना पड़ सकता है। अब इस विधानसभा सीट पर मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनसुराज पार्टी जैसे दलों के बीच होने की संभावना प्रबल हो गई है।

नामांकन रद्द होने के कारण

निर्वाचन कार्यालय ने यह स्पष्ट किया कि सीमा सिंह और अन्य तीन उम्मीदवारों के नामांकन पत्र में कुछ आवश्यक कागजातों की कमी थी। चुनावी प्रक्रिया के अनुसार, सभी उम्मीदवारों को निर्धारित कागजात समय पर प्रस्तुत करना अनिवार्य है। यदि कोई उम्मीदवार यह कागजात सही ढंग से प्रस्तुत नहीं करता, तो उसके नामांकन को रद्द कर दिया जाता है।

इस मामले में, कागजातों की कमी को लेकर कोई भी अपील की प्रक्रिया खुली है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अपील की संभावना कम है और निर्णय अंतिम रूप से जारी रह सकता है।

NDA Bihar Shock
NDA Bihar Shock: मतदान से पहले लोजपा प्रत्याशी सीमा सिंह का नामांकन रद्द

राजनीतिक दांव-पेंच और एनडीए की चुनौती

एनडीए के लिए यह घटना केवल उम्मीदवार खोने तक सीमित नहीं है। मढ़ौरा क्षेत्र में सीमा सिंह को पार्टी की लोकप्रिय चेहरा माना जा रहा था। उनकी राजनीतिक छवि और क्षेत्रीय लोकप्रियता को देखते हुए, उनका नामांकन रद्द होना पार्टी की जीत की संभावनाओं पर सीधे प्रभाव डाल सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि अब एनडीए को जल्दी से जल्दी नए उम्मीदवार को मैदान में उतारने और चुनाव प्रचार रणनीति को पूरी तरह से पुनर्गठित करने की आवश्यकता है। वहीं, राजद और जनसुराज पार्टी इस अवसर का लाभ उठाकर क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने की योजना बना सकते हैं।

निर्वाचन अधिकारी की स्पष्टीकरण

सारण जिले के निर्वाचन अधिकारी ने मीडिया को बताया कि नामांकन पत्रों की समीक्षा पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ की गई। उन्होंने कहा, “हमने सभी कागजातों की जांच नियमों के अनुसार की है। जो उम्मीदवार नियमों का पालन नहीं करते, उनके नामांकन को रद्द करना हमारा कर्तव्य है। यह कोई राजनीतिक निर्णय नहीं है, बल्कि निष्पक्ष प्रक्रिया का हिस्सा है।”

आगामी चुनाव और संभावित प्रभाव

इस घटना के बाद मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र की राजनीति और अधिक रोचक बन गई है। अब मतदाताओं के सामने केवल राजद और जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार ही चुनावी विकल्प रहेंगे। एनडीए के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति है क्योंकि पार्टी के समर्थक उम्मीदवार की अनुपस्थिति में असमंजस में पड़ सकते हैं।

विश्लेषकों का अनुमान है कि इस सीट पर मुकाबला और भी कड़ा होने वाला है। मतदाता अब अपने फैसले के लिए मुख्य रूप से पार्टी की नीतियों, स्थानीय विकास कार्यों और उम्मीदवारों की व्यक्तिगत छवि पर ध्यान देंगे।

इस प्रकार, सारण जिले में मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र का चुनावी परिदृश्य अचानक बदल गया है। एनडीए की रणनीति को नई चुनौती का सामना करना होगा, जबकि विपक्षी दल इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने की कोशिश करेंगे। आगामी मतदान तक राजनीतिक हलचल और प्रचार-प्रसार और तेज होने की संभावना है।

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