बेतिया में सबसे धनी उम्मीदवार: रणकौशल प्रताप सिंह
बिहार विधानसभा चुनाव में लौरिया क्षेत्र से महागठबंधन की ओर से विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के उम्मीदवार रणकौशल प्रताप सिंह बेतिया जिले के सबसे धनी प्रत्याशी के रूप में उभरे हैं। उनके नामांकन पत्र के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति 373 करोड़ रुपये से अधिक है, जो किसी भी अन्य उम्मीदवार की तुलना में अद्वितीय है।
संपत्ति का व्यापक विवरण
रणकौशल प्रताप सिंह की संपत्ति में 2.58 करोड़ रुपये मूल्य की कृषि योग्य भूमि शामिल है। इसके अतिरिक्त पटना, बेतिया और बांका में उनके पास 57 प्लॉट गैर कृषि योग्य भूमि के रूप में हैं।
उनके पास पटना, दानापुर और अन्य क्षेत्रों में 12 व्यावसायिक भवन भी हैं। इसके अलावा विभिन्न बैंकों से लिए गए 14.48 करोड़ रुपये के ऋण के बावजूद उनके निवेशों का मूल्य अरबों में है।
निवेश और वित्तीय संपत्ति
रणकौशल प्रताप सिंह ने अपने निवेश को विविधता प्रदान की है। उनके पास शेयर, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम, जीवन बीमा और हेल्थ इंश्योरेंस बांड्स में करोड़ों रुपये का निवेश है। वसुधा आर्गेनिक मिल्क सेंटर और निपान लाइफ जैसे संस्थानों में भी उनका निवेश है।
वाहन और बहुमूल्य धातु
उनके पास पाँच वाहन हैं, जिनमें टोयोटा इनोवा हाईक्रास, टोयोटा फॉर्च्यूनर लेजेंडर, क्रेटा और ऑडी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, उनके पास 80 लाख रुपये मूल्य का सोना और आठ लाख रुपये मूल्य के हीरे हैं। रणकौशल प्रताप सिंह राइफल और पिस्टल के मालिक भी हैं।
पत्नी और बेटियों की संपत्ति
रणकौशल प्रताप सिंह की पत्नी सलोनी सिंह भी करोड़ों की संपत्ति की धारक हैं। उनके पास 131 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जिसमें विभिन्न बैंकों से लगभग एक करोड़ रुपये का ऋण शामिल है। उनके पास 3.34 करोड़ रुपये मूल्य का सोना और 59 लाख रुपये का फर्नीचर है।
रणकौशल की दोनों बेटियां श्रीजा सिंह और रिद्धि सिंह भी करोड़पति हैं। श्रीजा के पास 3.18 करोड़ और रिद्धि के पास 2.67 करोड़ रुपये की संपत्ति है। दोनों के नाम पर पटना में लगभग एक-एक करोड़ रुपये मूल्य के प्लॉट हैं। उनके पास सुकन्या समृद्धि योजना, पीपीएफ, म्यूचुअल फंड, सोना और बांड में निवेश है।
चुनावी रणनीति और संभावित प्रभाव
रणकौशल प्रताप सिंह की भारी संपत्ति और परिवार की आर्थिक स्थिति वीआईपी पार्टी की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा मानी जा रही है। बेतिया में उनकी उम्मीदवारी ने चुनावी मुकाबले को और भी रोचक बना दिया है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसी संपन्न पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की उम्मीदवारी से चुनावी प्रचार और जनता की नजरें प्रभावित होती हैं। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक यह भी कहते हैं कि केवल संपत्ति चुनाव जीतने की गारंटी नहीं देती, जनता के मुद्दों और क्षेत्रीय आवश्यकताओं को समझना भी आवश्यक है।
बेतिया में वीआईपी पार्टी के रणकौशल प्रताप सिंह की संपत्ति और परिवार की आर्थिक स्थिति स्पष्ट रूप से दिखाती है कि राजनीति और संपत्ति का संयोजन किस प्रकार चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकता है। उनके नामांकन पत्र ने बिहार चुनाव में धनी उम्मीदवारों की सूची में नया रिकॉर्ड बनाया है।
बेतिया की जनता अब यह तय करेगी कि क्या धन और संपत्ति के बल पर उम्मीदवार को वोट दिया जाएगा या विकास और जनकल्याण के मुद्दों पर ही चुनाव का निर्णय लिया जाएगा।