एसबीआई ने फिर किया कमाल
नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रोशन किया है। न्यूयॉर्क स्थित ग्लोबल फाइनेंस ने वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ की सालाना बैठक के दौरान एसबीआई को दो अहम सम्मान प्रदान किए — ‘वर्ल्ड्स बेस्ट कंज्यूमर बैंक 2025’ और ‘बेस्ट बैंक इन इंडिया 2025’।
यह उपलब्धि न केवल बैंकिंग क्षेत्र में एसबीआई की साख को मजबूत करती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि भारतीय बैंकिंग व्यवस्था अब विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम है।
नवाचार और ग्राहकों के प्रति प्रतिबद्धता का परिणाम
एसबीआई ने इस सम्मान के बाद कहा कि यह पुरस्कार उनके इनोवेशन, वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) और ग्राहक सेवा उत्कृष्टता के प्रति समर्पण का परिणाम है। बैंक ने वर्षों से ‘डिजिटल फर्स्ट, कस्टमर फर्स्ट’ दृष्टिकोण को अपनाया है, जिससे ग्राहकों को अत्याधुनिक सेवाएं मिल रही हैं।
बैंक के चेयरमैन सी. एस. शेट्टी ने कहा, “52 करोड़ ग्राहकों को लगातार सेवाएं देना और रोजाना लगभग 65,000 नए ग्राहकों को जोड़ना आसान काम नहीं है। इसके पीछे हमारी तकनीकी मजबूती और डिजिटल निवेश की अहम भूमिका है।”
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दी बधाई
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस मौके पर एसबीआई परिवार को बधाई देते हुए कहा, “यह सम्मान भारत के वित्तीय क्षेत्र में एसबीआई की अग्रणी भूमिका का प्रमाण है। बैंक ने वित्तीय समावेशन को जन-जन तक पहुंचाने और समाज के हर वर्ग को सेवा देने में बेहतरीन योगदान दिया है।”
उन्होंने आगे कहा कि एसबीआई की यह उपलब्धि भारत की ‘ग्रोथ स्टोरी’ को और मजबूत बनाती है। यह दिखाती है कि सरकारी क्षेत्र का कोई बैंक भी अपने प्रदर्शन और नवाचार के दम पर वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त कर सकता है।
‘डिजिटल फर्स्ट, कस्टमर फर्स्ट’ का मंत्र
शेट्टी ने बताया कि बैंक की प्राथमिकता हमेशा ग्राहकों की सुविधा रही है। “एक डिजिटल फर्स्ट, कस्टमर फर्स्ट बैंक के रूप में हमारा प्रमुख मोबाइल एप्लिकेशन अब 10 करोड़ से अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान कर रहा है, जिनमें प्रतिदिन 1 करोड़ से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं।”
बैंक के मुताबिक, इन पुरस्कारों के माध्यम से एसबीआई की तकनीकी क्षमता, सेवा गुणवत्ता और वित्तीय विस्तार को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली है।
छोटे व्यवसायों के लिए भी नई उम्मीद
एसबीआई ने हाल के वर्षों में छोटे और मध्यम उद्योगों (SMEs) के लिए कई नई योजनाएं शुरू की हैं। बैंक ने बताया कि उसने ‘एसएमई डिजिटल बिजनेस लोन’ योजना के तहत अगस्त 2025 तक 2.25 लाख से अधिक डिजिटल लोन प्रोसेस किए हैं, जिनकी कुल राशि 74,434 करोड़ रुपये है।
इसके साथ ही बैंक ने 3,242 करोड़ रुपये के 67,299 एमएसएमई मुद्रा लोन भी प्रोसेस किए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि एसबीआई न केवल व्यक्तिगत ग्राहकों, बल्कि छोटे कारोबारियों और उद्यमियों के लिए भी आर्थिक सहारा बन रहा है।
तकनीक और पारदर्शिता से बदली बैंकिंग की तस्वीर
पिछले कुछ वर्षों में एसबीआई ने अपने डिजिटल ढांचे को अभूतपूर्व रूप से मजबूत किया है। योनो (YONO) जैसे ऐप ने ग्राहकों को बैंकिंग का नया अनुभव दिया है, जहां लोन आवेदन, बीमा, निवेश, ट्रांजैक्शन, और ई-कॉमर्स सभी कुछ एक ही मंच पर उपलब्ध हैं।
बैंकिंग क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि एसबीआई की सफलता इस बात का उदाहरण है कि पारंपरिक संस्थाएं भी सही रणनीति और तकनीकी नवाचार के साथ विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का यह सम्मान सिर्फ एक बैंक की उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक और तकनीकी प्रगति का प्रतीक है। एसबीआई ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय बैंक अब केवल घरेलू जरूरतों तक सीमित नहीं, बल्कि वे विश्व स्तर पर उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित कर रहे हैं।