हिंगोली में अवैध रेत खनन पर प्रशासन का कड़ा प्रहार
हिंगोली जिले में अवैध रेत खनन पर नियंत्रण के लिए प्रशासनिक स्तर पर सख्त कार्रवाई जारी है। जिले के औंधा नागनाथ तहसील के अंखली नदी तट पर रविवार देर शाम राजस्व विभाग को गुप्त सूचना मिली कि कुछ व्यक्ति ट्रैक्टरों के माध्यम से अवैध रूप से रेत का उत्खनन कर रहे हैं। सूचना के आधार पर राजस्व विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर छापा मारा।
जैसे ही तस्करों ने टीम को आते देखा, वे अपने ट्रैक्टरों सहित वहां से भागने लगे। इसी दौरान एक ट्रैक्टर असंतुलित होकर पलट गया और उसमें अचानक आग लग गई। देखते ही देखते ट्रैक्टर पूरी तरह जलकर राख हो गया।
घटना स्थल पर अफरा-तफरी का माहौल
अंखली नदी के किनारे यह दृश्य देख स्थानीय ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। आग की लपटें दूर तक दिखाई देने लगीं। ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस और तहसील प्रशासन को दी। थोड़ी ही देर में औंधा नागनाथ पुलिस और राजस्व अधिकारी मौके पर पहुंचे।
मौके पर पहुंचकर अधिकारियों ने पंचनामा तैयार किया और घटनास्थल का निरीक्षण किया। इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है, लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
संयुक्त टीम ने चलाया अभियान
इस अभियान में तहसीलदार हरीश गाडे, मंडल अधिकारी श्री काले, गजानन हजारे, मुकीर पटवारी गजानन सोनटक्के, नितिन अंभोरे और कापसे के नेतृत्व में दस्ते ने सक्रिय भागीदारी निभाई। टीम ने नदी किनारे कई स्थानों का निरीक्षण कर रेत खनन के साक्ष्य एकत्र किए।
अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में जिले में रेत तस्करी के मामलों में तेजी आई है। ऐसे में प्रशासन ने तय किया है कि अवैध उत्खनन करने वालों पर किसी भी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी।
प्रशासन की सख्त चेतावनी
तहसीलदार हरीश गाडे ने बताया कि अवैध रेत खनन राज्य के प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचा रहा है और पर्यावरणीय असंतुलन पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति या गिरोह इस कार्य में संलिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में इसी प्रकार के छापे लगातार जारी रहेंगे और किसी को भी कानून से ऊपर नहीं माना जाएगा।
पर्यावरणीय संतुलन के लिए रेत खनन पर नियंत्रण आवश्यक
अवैध रेत उत्खनन न केवल सरकारी राजस्व की हानि का कारण बनता है, बल्कि यह नदियों के पारिस्थितिक तंत्र पर भी गंभीर प्रभाव डालता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अनियंत्रित खनन से नदी तल में जल स्तर घटता है, जिससे कृषि और पेयजल व्यवस्था पर सीधा असर पड़ता है।
राज्य सरकार ने ऐसे मामलों में कठोर कदम उठाने के निर्देश जारी किए हैं और जिलों के प्रशासन को नियमित निगरानी रखने का आदेश दिया है।
जनसहभागिता की अपील
प्रशासन ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि यदि उन्हें कहीं भी अवैध रेत खनन या परिवहन की जानकारी मिलती है, तो तुरंत संबंधित विभाग को सूचित करें। नागरिकों की सूचना से न केवल अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सकती है, बल्कि पर्यावरण की रक्षा में भी बड़ा योगदान दिया जा सकता है।
हिंगोली जिले की यह कार्रवाई एक उदाहरण है कि प्रशासन अब अवैध रेत खनन को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा। ऐसे प्रयासों से न केवल पर्यावरण की सुरक्षा होगी, बल्कि शासन-प्रशासन की साख भी मजबूत होगी। आने वाले दिनों में इस तरह की और सख्त कार्रवाई देखने को मिल सकती है।