बच्चू कडू का आंदोलन थमा, नागपुर में राजमार्ग और सड़कें हुईं सुचारु
समय: दोपहर 03:00 बजे, 30 अक्टूबर 2025
स्थान: नागपुर, महाराष्ट्र
किसानों की माँग पर आरंभ हुआ ‘महाअल्गार मोर्चा’
नागपुर के बाहरी क्षेत्रों में पिछले दो दिनों से प्रहार जनशक्ति पार्टी (पीजेपी) के नेता और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू के नेतृत्व में हजारों किसान ‘महाअल्गार मोर्चा’ के तहत एकत्र हुए थे। इस आंदोलन का प्रमुख उद्देश्य था — पूर्ण कृषि ऋण माफी की माँग को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करना।
हालाँकि, आंदोलन के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग तथा शहर की प्रमुख सड़कों पर यातायात बाधित हुआ। नागरिकों को असुविधा हुई, जिसके पश्चात बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई की।
उच्च न्यायालय की सख्त टिप्पणी और निर्देश
न्यायमूर्ति रजनीश व्यास की अवकाश पीठ ने बुधवार को कहा कि आंदोलन बिना अनुमति जारी था, जो कानून का उल्लंघन है। अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिया कि कडू और उनके समर्थक तुरंत सभी सार्वजनिक मार्ग खाली करें, ताकि नागरिकों की आवाजाही प्रभावित न हो।
गुरुवार को नागपुर पुलिस आयुक्त रवीन्द्र सिंगल ने अदालत को सूचित किया कि सभी मार्गों से प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्वक हटाया गया है और राजमार्ग पर यातायात सामान्य रूप से बहाल हो गया है।
‘रेल रोको’ की चेतावनी और अदालत की चिंता
पुलिस आयुक्त ने अपने शपथपत्र में यह भी बताया कि कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बच्चू कडू ने चेतावनी दी थी कि यदि सरकार से वार्ता विफल रही तो वे ‘रेल रोको आंदोलन’ करेंगे। इस संभावना ने अदालत को गंभीर रूप से चिंतित किया।
अदालत ने कहा कि यदि रेल यातायात भी बाधित हुआ तो यह कानून व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा होगा। इसलिए, अदालत ने रेल मंत्रालय, मध्य रेलवे, रेलवे सुरक्षा बल और जीआरपी (Government Railway Police) को नोटिस जारी किए और उन्हें तैयार रहने का आदेश दिया।
कडू का रुख नरम, ‘रेल रोको’ आंदोलन रद्द
कडू के अधिवक्ता हरिओम धागे ने अदालत में सूचित किया कि उनके मुवक्किल ने ‘रेल रोको आंदोलन’ रद्द करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बच्चू कडू स्वयं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुंबई में मुलाकात कर वार्ता करेंगे।
अदालत ने इसे एक सकारात्मक और जिम्मेदार कदम बताया तथा कहा कि ऐसा रवैया अन्य नेताओं के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
अदालत की नागरिक सुरक्षा पर स्पष्ट चेतावनी
अदालत ने अपने आदेश में लिखा —
“नागरिकों की सुरक्षा और उनके आवागमन का अधिकार सर्वोपरि है। यदि किसी भी प्रकार की संभावना है कि रेलवे या सड़क यातायात प्रभावित होगा, तो प्रशासन को तुरंत सक्रिय कदम उठाने होंगे।”
अदालत ने यह भी कहा कि सभी विभाग — पुलिस, रेलवे और स्थानीय प्रशासन — एकजुट होकर कार्य करें, ताकि भविष्य में कोई अप्रिय स्थिति न बने।
प्रशासन की तैयारी और अगले आदेश की प्रतीक्षा
उच्च न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। तब तक सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि कोई नई गड़बड़ी न हो। नागपुर पुलिस ने स्थिति को पूर्ण रूप से नियंत्रण में बताया, और शहर में सामान्य यातायात बहाल कर दिया गया है।
बच्चू कडू का यह आंदोलन जहाँ एक ओर किसानों की आर्थिक समस्याओं को उजागर करता है, वहीं दूसरी ओर न्यायालय की सतर्कता और प्रशासन की तत्परता ने यह सुनिश्चित किया कि कानून व्यवस्था बनी रहे और नागरिकों की दिनचर्या प्रभावित न हो। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार के साथ वार्ता से किसानों को क्या राहत मिलती है।
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।