Tirupati Temple Ghee Scam: तिरुपति लड्डुओं में घी घोटाला उजागर
Tirupati Temple Ghee Scam: नई दिल्ली/तिरुपति। देश के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) से जुड़ा एक बड़ा घोटाला सामने आया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने खुलासा किया है कि मंदिर में प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले प्रसिद्ध तिरुपति लड्डुओं में पिछले पांच वर्षों से मिलावटी घी का इस्तेमाल हो रहा था।
इस घोटाले का मुख्य आरोपी उत्तराखंड की एक कंपनी ‘भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी’ है, जिसने 2019 से 2024 के बीच लगभग 68 लाख किलोग्राम नकली घी मंदिर प्रबंधन को सप्लाई किया।
रसायन, पाम ऑयल और जानवरों की चर्बी से बना नकली घी
CBI जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी द्वारा आपूर्ति किया गया घी असल में रासायनिक पदार्थों, पाम ऑयल और पशु वसा (Animal Fat) से बनाया गया था। इस कंपनी ने तिरुपति मंदिर की शुद्ध शाकाहारी मानकों का खुलेआम उल्लंघन किया।
घी की यह सप्लाई मंदिर के लड्डुओं और प्रसाद निर्माण में की जाती थी, जिसे हर साल लाखों श्रद्धालु प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।
250 करोड़ रुपये का घोटाला
CBI की रिपोर्ट के अनुसार, यह पूरा घोटाला करीब 250 करोड़ रुपये का है। भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी के संचालक पोमिल जैन और विपिन जैन ने मिलकर यह फर्जीवाड़ा किया। उन्होंने फर्जी कंपनियों (Shell Companies) और जाली दस्तावेजों के माध्यम से टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया ताकि ब्लैकलिस्ट होने से बचा जा सके।
इस तरीके से उन्होंने लगातार पांच वर्षों तक तिरुपति देवस्थानम को नकली घी की आपूर्ति की और मंदिर प्रशासन को गुमराह किया।
Tirupati Temple Ghee Scam: सीबीआई ने किया बड़ा खुलासा और गिरफ्तारी
CBI ने घोटाले का पर्दाफाश करते हुए एक आरोपी अजय कुमार सुगंध को गिरफ्तार किया है। एजेंसी ने बताया कि यह घोटाला सुनियोजित तरीके से चलाया जा रहा था, जिसमें कई बिचौलिए और कारोबारी शामिल थे।
CBI अब जांच को अन्य मंदिरों और धार्मिक संस्थानों तक भी विस्तारित कर रही है, क्योंकि शक है कि इसी नेटवर्क के माध्यम से अन्य धार्मिक स्थलों पर भी मिलावटी घी की सप्लाई की गई हो सकती है।
तिरुपति देवस्थानम ने बढ़ाई सख्ती
घोटाले के उजागर होने के बाद तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) प्रशासन ने तुरंत एक्शन लिया है। मंदिर में अब घी की हर खेप का क्वालिटी टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही, आपूर्तिकर्ताओं की पृष्ठभूमि जांच (Background Verification) भी शुरू की गई है।
TTD के अधिकारियों ने कहा कि मंदिर की पवित्रता और शाकाहारी मानकों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी।
मंदिर की छवि पर गहरा असर
यह घोटाला तिरुपति मंदिर की प्रतिष्ठा के लिए बड़ा झटका है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां प्रसाद के रूप में तिरुपति लड्डू को भगवान का आशीर्वाद मानकर ग्रहण करते हैं। अब इस खुलासे ने श्रद्धालुओं के विश्वास को झकझोर दिया है।
धार्मिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल आर्थिक नहीं, बल्कि आस्था से जुड़ा अपराध है, जिसने मंदिर की पवित्रता पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
CBI की इस जांच ने यह साफ कर दिया है कि आस्था के नाम पर लालच का खेल लंबे समय से चल रहा था। पांच वर्षों तक करोड़ों रुपये का मिलावटी घी मंदिरों को सप्लाई किया गया, जिससे न केवल श्रद्धालुओं की भावना आहत हुई, बल्कि धार्मिक संस्थानों की विश्वसनीयता भी सवालों के घेरे में आ गई।
अब सवाल यह है कि क्या इस मामले में दोषियों को कठोर सजा मिलेगी और क्या धार्मिक संस्थानों में पारदर्शिता को लेकर नए मानक स्थापित होंगे।