Delhi Blast: दिल्ली ब्लास्ट पर अमित शाह की उच्च स्तरीय बैठक, राजधानी में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके ने पूरे राष्ट्र को हिला कर रख दिया है। इस गंभीर घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार सुबह 11 बजे अपने आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, आईबी निदेशक, दिल्ली पुलिस कमिश्नर, एनआईए के डीजी और जम्मू-कश्मीर के डीजीपी (वर्चुअल रूप से) शामिल रहे।
घटना की पृष्ठभूमि और प्रारंभिक जानकारी
सोमवार रात को दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास एक जोरदार धमाका हुआ। इस धमाके में 9 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धमाका इतना जबरदस्त था कि आसपास खड़ी गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं और मेट्रो स्टेशन की खिड़कियों के शीशे टूट गए।
पुलिस के अनुसार, यह विस्फोट एक हुंडई i20 कार में हुआ, जिसके टुकड़े करीब 250 मीटर तक बिखर गए। यह संकेत देता है कि धमाके में उच्च तीव्रता वाला विस्फोटक पदार्थ, संभवतः RDX, इस्तेमाल किया गया हो सकता है।
बैठक में लिए गए अहम निर्णय
अमित शाह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी प्रमुख एजेंसियों ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की। गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस को राजधानी के सभी प्रमुख इलाकों, खासकर ऐतिहासिक स्थलों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश दिए।
एनआईए और आईबी को मामले की तह तक पहुंचने के लिए संयुक्त जांच टीम बनाने को कहा गया है। बैठक में इस संभावना पर भी चर्चा हुई कि यह धमाका आतंकी साजिश का हिस्सा हो सकता है।
संदिग्धों से पूछताछ और जांच की दिशा
Delhi Blast: दिल्ली पुलिस ने घटना के तुरंत बाद गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA के तहत मामला दर्ज किया है। फिलहाल चार संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है जिनसे पूछताछ जारी है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि कुछ तकनीकी सुराग मिले हैं जिनसे हमले के पीछे के नेटवर्क का खुलासा हो सकता है।
इसके अलावा, मेट्रो स्टेशन और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि घटनास्थल पर मौजूद संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाया जा सके।
14 साल बाद राजधानी में बड़ा विस्फोट
दिल्ली में 2011 में हाई कोर्ट गेट के पास हुए धमाके के बाद यह पहला बड़ा विस्फोट है। लगभग 14 वर्षों के अंतराल के बाद इस तरह की घटना ने सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नागरिकों में भय और असुरक्षा की भावना बढ़ी है।
इस घटना ने केंद्र सरकार को राजधानी की सुरक्षा रणनीति की पुनः समीक्षा करने के लिए प्रेरित किया है।
सरकार की अपील और जनता से सहयोग
गृह मंत्रालय ने जनता से संयम बनाए रखने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की है। अमित शाह ने यह भी कहा है कि किसी भी संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति की सूचना तुरंत पुलिस या निकटतम सुरक्षा एजेंसी को दें।
सरकार ने घायलों के लिए त्वरित राहत और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का आश्वासन भी दिया है।
दिल्ली ब्लास्ट की यह घटना देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ी चेतावनी है। राजधानी जैसे उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में इस तरह का धमाका होना गंभीर सुरक्षा चूक का संकेत देता है। अब आवश्यकता है कि सुरक्षा एजेंसियां पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़कर आधुनिक तकनीकी साधनों का उपयोग करें ताकि ऐसी घटनाओं को दोबारा न दोहराया जा सके।