बिहार मंत्रिमंडल गठन पर मंथन तेज, सम्राट चौधरी के आवास पर भाजपा नेताओं की रणनीतिक बैठक

Nitish Kumar Cabinet
Nitish Kumar Cabinet: नई सरकार के मंत्रिमंडल गठन पर भाजपा में तेज सरगर्मी (File Photo)
बिहार में नई सरकार गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है। सम्राट चौधरी के आवास पर भाजपा नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक में मंत्रियों के चयन, शपथ ग्रहण की तैयारी और संगठनात्मक रणनीति पर चर्चा हुई। 19 नवंबर को भाजपा विधायक दल की बैठक में नेता का चयन होगा और मंत्रिमंडल की रूपरेखा स्पष्ट हो जाएगी।
नवम्बर 17, 2025

नई सरकार के गठन की तैयारियों के साथ राजनीतिक गतिविधियां तेज

पटना। बिहार में नई सरकार के गठन को लेकर राजनीतिक गतिविधियों का दौर लगातार तेज होता जा रहा है। चुनावी समीकरण और संगठनात्मक रणनीतियों के बीच अब मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले संभावित चेहरों पर गहन विमर्श शुरू हो चुका है। राज्य में बदले राजनीतिक वातावरण के बीच यह साफ संकेत है कि भाजपा अपने कोटे से शामिल किए जाने वाले मंत्रियों के चयन में इस बार अपेक्षाकृत अधिक सावधानी बरतना चाहती है।
इसी क्रम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के सरकारी आवास 5, देशरत्न मार्ग पर सोमवार को भाजपा के शीर्ष नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी। बैठक में संगठनात्मक जिम्मेदारियों के निर्धारण से लेकर नए मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप देने तक तमाम पहलुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई।

भाजपा नेतृत्व की महत्वपूर्ण बैठक का एजेंडा

बैठक में प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, राष्ट्रीय संगठन मंत्री भिखूभाई दलसानिया, वरिष्ठ नेता नितिन नवीन, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय सहित कई प्रमुख नेता मौजूद रहे।
सूत्रों के अनुसार, यह बैठक न केवल मंत्रिमंडल गठन पर केंद्रीत थी, बल्कि पार्टी की भविष्य की कार्ययोजना और शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों को लेकर भी बेहद अहम साबित हुई।
बैठक में तीन मुख्य बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई—

  • मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले नामों पर अंतिम सहमति

  • शपथ ग्रहण समारोह की रूपरेखा

  • संगठन, प्रदर्शन और जातीय संतुलन के आधार पर योग्य चेहरों का चयन

स्पष्ट संकेत यह है कि भाजपा इस बार मंत्रियों के चयन में जातीय समीकरण को संतुलित रखने के साथ-साथ अनुभवी चेहरों और युवा नेतृत्व दोनों को अवसर देने की रणनीति तैयार कर रही है। यह भी माना जा रहा है कि पार्टी उन विधायकों को प्राथमिकता देगी जिन्होंने चुनावी मैदान में बेहतर प्रदर्शन किया और संगठनात्मक स्तर पर अपनी मजबूत भूमिका का परिचय दिया।

सम्राट चौधरी की भूमिका और राजनीतिक समीकरण

राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि सम्राट चौधरी इस पूरी प्रक्रिया में समन्वयक की भूमिका निभा रहे हैं।
भाजपा के राज्य नेतृत्व से लेकर केंद्रीय नेतृत्व तक, सभी की सहमति से अंतिम सूची तैयार की जाएगी। दल के भीतर यह भी चर्चा है कि सम्राट चौधरी जिस रणनीतिक संतुलन को आगे बढ़ा रहे हैं, उससे न केवल संगठन मजबूत होगा बल्कि सरकार की दिशा और नीति निर्माण में भी स्थिरता आएगी।

सम्राट चौधरी के नेतृत्व में इस बैठक ने यह संकेत भी दे दिया कि पार्टी किसी भी स्थिति में जल्दबाजी में निर्णय लेने के पक्ष में नहीं है। बिहार में नए राजनीतिक समीकरणों के बीच भाजपा अपनी भूमिका को सुदृढ़ करने और सरकार में अपनी स्थिति को प्रभावी बनाए रखने का प्रयास कर रही है।

भाजपा विधायक दल की बैठक: 19 नवंबर को होगा नेता का चयन

बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल द्वारा 19 नवंबर को भाजपा विधानमंडल दल की बैठक बुलाने के बाद पार्टी के भीतर गतिविधियां और तेज हो गई हैं।
इस बैठक में विधायक दल का नेता चुना जाएगा, जो भविष्य में सरकार संचालन के लिए भाजपा की ओर से प्रमुख भूमिका निभाएगा।
ऐसा अनुमान है कि रक्षा मंत्री और पूर्व भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह को पर्यवेक्षक के रूप में भेजा जा सकता है।

उनकी मौजूदगी में विधायक दल का नेता और उपनेता चयनित किए जाएंगे।
यह पूरी प्रक्रिया भाजपा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बाद ही मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले चेहरों की स्थिति बिल्कुल स्पष्ट हो जाएगी।
साथ ही यह भी तय होगा कि भाजपा की ओर से कौन-कौन उपमुख्यमंत्री की भूमिका निभाएगा।

शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों पर चर्चा

बैठक में शपथ ग्रहण समारोह की प्रारंभिक तैयारियों पर भी बात हुई।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस समारोह को प्रभावशाली और अनुशासित रूप में संपन्न कराने की रणनीति बना रही है।
इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर सभी विभागों को निर्देश जारी किए जाने की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं।

साथ ही, नेताओं ने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि समारोह के दौरान पार्टी की नीतियों और प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया जाए ताकि जनता को नए शासन की दिशा का संकेत मिल सके।

जातीय समीकरण और युवा नेतृत्व पर विशेष ध्यान

भाजपा द्वारा इस बार मंत्रिमंडल में जातीय संतुलन बनाए रखने की रणनीति पर जोर देने की चर्चा भी बैठक से पहले और बाद में राजनीतिक गलियारों में तेज रही।
राज्य की सामाजिक बनावट को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी प्रमुख वर्ग की अनदेखी न हो।

पार्टी के शीर्ष नेताओं का मानना है कि युवा नेतृत्व और अनुभवी चेहरों का मिश्रण सरकार को गतिशील दिशा देगा और बिहार की प्रशासनिक संरचना को मजबूती प्रदान करेगा।

आने वाले दिनों में सरकार की रूपरेखा स्पष्ट

बैठक के बाद यह लगभग स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में बिहार की नई सरकार का स्वरूप पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगा।
विधायक दल के नेता के चयन के बाद भाजपा अपने कोटे के मंत्रियों की सूची को अंतिम रूप देगी और शपथ ग्रहण समारोह की तारीख भी घोषित हो सकती है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया न केवल भाजपा की संगठनात्मक मजबूती का संकेत है, बल्कि यह भी दिखाती है कि पार्टी बिहार में अपने प्रभाव को और व्यापक बनाने की दिशा में ठोस रणनीति अपना रही है।

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Aakash Srivastava

Writer & Editor at RashtraBharat.com | Political Analyst | Exploring Sports & Business. Patna University Graduate.