आंध्र प्रदेश में सुरक्षाबलों की संयुक्त कार्रवाई, शीर्ष माओवादी कमांडरों के सुरक्षा गार्ड सहित 50 नक्सली गिरफ्तार
विजयवाड़ा, 18 नवंबर। मंगलवार को हुई मुठभेड़ में शीर्ष माओवादी कमांडर मदवी हिड़मा के मारे जाने के कुछ ही घंटे बाद आंध्र प्रदेश में एक बड़े अभियान के तहत 50 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से नौ माओवादी, संगठन प्रमुख थिप्पिरी तिरुपति उर्फ देवूजी के निजी सुरक्षा गार्ड के रूप में तैनात थे। यह अभियान एक साथ पांच जिलों में चलाया गया, जिसमें इंटेलिजेंस विंग, स्थानीय पुलिस, OCTOPUS और ग्रेहाउंड्स की संयुक्त कार्रवाइयाँ शामिल थीं।
व्यापक अभियान की पृष्ठभूमि
सूत्रों के अनुसार, पुलिस को हिड़मा की डायरी से महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त हुईं, जिसके आधार पर विजयवाड़ा और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षाबलों ने अचानक और बड़े पैमाने पर छापेमारी शुरू की।
विजयवाड़ा के न्यू ऑटो नगर में एक चार मंजिला इमारत को घेरकर तलाशी अभियान चलाया गया।
गिरफ्तारी की बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल
पुलिस द्वारा दिए गए आधिकारिक विवरण के अनुसार, गिरफ्तार 50 माओवादियों में से 21 महिलाएं हैं। इन्हें विजयवाड़ा, काकीनाडा, एलुरु और अन्य क्षेत्रों से दबोचा गया। अधिकांश गिरफ्तार माओवादी छत्तीसगढ़ से भागकर अस्थायी रूप से आंध्र प्रदेश में पनाह लेने की कोशिश कर रहे थे।
माओवादी नेटवर्क के पुनर्संचालन की आशंका
पुलिस अधीक्षक वी. विद्य सागर नायडू ने कहा कि हिड़मा की मौत के बाद यह संकेत मिले थे कि नक्सली आंदोलन को पुनर्जीवित करने के लिए कई शीर्ष सदस्य सीमा पार कर राज्य में प्रवेश कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार व्यक्तियों में से कई पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की पहली बटालियन से जुड़े हैं, जिसे सबसे आक्रामक और प्रशिक्षित माओवादी इकाई माना जाता है।
छद्म पहचान में बसने की रणनीति
जाँच के दौरान यह भी सामने आया कि कई माओवादी, स्थानीय कारखानों और लकड़ी मंडियों में मजदूरों के रूप में शामिल होकर अपनी पहचान छिपाने की रणनीति अपनाए हुए थे।
हथियार बरामद, लेकिन विवरण गोपनीय
हालांकि अभियान के दौरान हथियार भी बरामद किए गए हैं, लेकिन पुलिस ने अभी उसके विवरण का खुलासा नहीं किया है।
बड़े शहर में पहली बार इतनी संख्या में गिरफ्तारी
वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि आंध्र प्रदेश में माओवादी गतिविधियों के चरम समय में भी किसी शहर से एक साथ इतनी बड़ी संख्या में माओवादी गिरफ्तार नहीं किए गए थे।
भवन मालिक और सहयोगियों पर भी होगी कार्रवाई
जाँच एजेंसियाँ यह भी पता लगा रही हैं कि कौन स्थानीय नागरिक या संस्थाएँ इन माओवादियों को आश्रय दे रही थीं। पुलिस ने भवन मालिक से पूछताछ शुरू कर दी है और आगे कई और नाम उजागर होने की संभावना है।
यह समाचार IANS एजेंसी के इनपुट के आधार पर प्रकाशित किया गया है।