देश की सबसे बड़ी घरेलू विमान सेवा कंपनी इंडिगो एयरलाइंस को बुधवार के दिन बड़े परिचालन संकट का सामना करना पड़ा। तकनीकी समस्याओं और परिचालन संबंधी दिक्कतों के चलते कंपनी को देशभर में लगभग 200 उड़ानें रद करनी पड़ीं। इस घटना से हजारों यात्रियों की यात्रा योजनाएं प्रभावित हुईं और देश के प्रमुख हवाई अड्डों पर अफरातफरी का माहौल बन गया। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों के हवाई अड्डों पर इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिला।
किन शहरों की उड़ानें हुईं प्रभावित
इंडिगो की जो उड़ानें रद की गईं उनमें देश के कई महत्वपूर्ण शहर शामिल थे। विशाखापत्तनम, गोवा, अहमदाबाद, दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, मदुरै, हुबली, भोपाल और भुवनेश्वर से हैदराबाद आने और जाने वाली कई उड़ानें इस समस्या की चपेट में आईं। खासतौर पर दिल्ली, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, हुबली और भोपाल जाने वाली उड़ानों में भारी व्यवधान देखा गया। यात्रियों को अचानक मिली इस जानकारी से उनकी परेशानी और बढ़ गई क्योंकि कई लोगों की जरूरी बैठकें और कार्यक्रम प्रभावित हुए।
बेंगलुरु स्थित केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्थिति काफी गंभीर रही। यहां कुल 42 घरेलू उड़ानें रद करनी पड़ीं, जिनमें से 22 आने वाली और 20 जाने वाली उड़ानें थीं। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, गोवा, कोलकाता और लखनऊ को जोड़ने वाले मार्गों पर यात्रा करने वाले यात्रियों को इसका सीधा असर झेलना पड़ा। हवाई अड्डे पर लंबी कतारें लग गईं और यात्रियों में निराशा का भाव स्पष्ट दिखाई दिया।
दिल्ली हवाई अड्डे पर रहा सबसे बुरा हाल
राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इंडिगो की अधिकांश उड़ानें एक से दो घंटे की देरी से रवाना हुईं। कुछ उड़ानों में तो यह विलंब और भी ज्यादा रहा। देश के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक होने के कारण दिल्ली में हुई इस समस्या का असर पूरे देश के विमानन नेटवर्क पर पड़ा। एयरलाइंस ने इस विलंब के पीछे परिचालन संबंधी समस्याओं और हवाई यातायात की भीड़भाड़ को जिम्मेदार ठहराया।
जानकारों के मुताबिक इंडिगो में पिछले कुछ दिनों से उड़ानों में देरी की समस्या देखी जा रही थी, लेकिन बुधवार को यह समस्या अपने चरम पर पहुंच गई। दिल्ली हवाई अड्डे पर करीब 85 प्रतिशत इंडिगो उड़ानें विलंबित रहीं और औसत विलंब का समय लगभग 45 मिनट रहा। कुछ मामलों में तो यात्रियों को पांच-छह घंटे तक इंतजार करना पड़ा। उदाहरण के लिए, उड़ान संख्या 6E6827 जो मुंबई से दिल्ली सुबह 11 बजे उड़ान भरने वाली थी, उसकी बोर्डिंग शाम 5 बजे शुरू हुई। इस तरह के विलंब से यात्रियों की पूरी दिनचर्या गड़बड़ा गई।
क्या है असली कारण
हालांकि इंडिगो ने आधिकारिक तौर पर तकनीकी समस्याओं, हवाई अड्डे पर भीड़भाड़ और परिचालन संबंधी आवश्यकताओं को इसका कारण बताया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो असली समस्या कुछ और है। विमानन क्षेत्र से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इंडिगो के पास विमान चालक दल यानी क्रू मेंबर्स की कमी इस समस्या का प्रमुख कारण है। पायलट, केबिन क्रू और अन्य जरूरी कर्मचारियों की अपर्याप्त संख्या के कारण कंपनी को अपनी उड़ान सेवाएं ठीक से संचालित करने में मुश्किल हो रही है।
हालांकि इंडिगो ने इस बात से साफ इनकार किया है और कहा है कि समस्या का कारण तकनीकी और परिचालन संबंधी है। लेकिन विमानन विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में उड़ानों का एक साथ रद होना केवल तकनीकी समस्या के कारण संभव नहीं है। इसके पीछे संगठनात्मक और प्रबंधन संबंधी कारण भी हो सकते हैं। पिछले कुछ महीनों में विमानन क्षेत्र में तेजी से बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए एयरलाइंस कंपनियों ने अपनी उड़ानों की संख्या बढ़ाई है, लेकिन उसी अनुपात में कर्मचारियों की भर्ती नहीं हो पाई है।
कंपनी ने मांगी माफी और दिए विकल्प
इस पूरे घटनाक्रम के बाद इंडिगो एयरलाइंस ने आधिकारिक बयान जारी कर स्थिति को स्पष्ट किया। कंपनी ने कहा कि तकनीकी समस्याओं, हवाई अड्डे पर भीड़भाड़ और परिचालन संबंधी जरूरतों सहित विभिन्न कारणों से उनकी कुछ उड़ानें प्रभावित हुई हैं। कंपनी की टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं ताकि परिचालन जल्द से जल्द सामान्य स्थिति में आ सके।
इंडिगो ने यह भी बताया कि प्रभावित यात्रियों को वैकल्पिक उड़ान का विकल्प या फिर पूरी धनवापसी की सुविधा दी जा रही है। कंपनी ने इस असुविधा के लिए अपने मूल्यवान यात्रियों से माफी भी मांगी है। हालांकि हवाई अड्डों पर मौजूद कई यात्रियों ने शिकायत की कि उन्हें उचित जानकारी समय पर नहीं मिली और कंपनी के कर्मचारियों की तरफ से सही मदद नहीं मिल पाई। कुछ यात्रियों ने सोशल मीडिया पर भी अपनी परेशानियां साझा कीं।
यात्रियों को हुई भारी परेशानी
इस घटना से सबसे ज्यादा परेशानी उन यात्रियों को हुई जिनकी जरूरी यात्राएं थीं। व्यापारिक बैठकों के लिए जा रहे लोग, परिवार से मिलने जा रहे लोग, और आपातकालीन स्थिति में यात्रा कर रहे लोगों को भारी नुकसान हुआ। कई यात्रियों को होटल में रुकना पड़ा और अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ा। हवाई अड्डों पर लंबे इंतजार के कारण यात्रियों की थकान और निराशा बढ़ती गई।
कुछ यात्रियों ने बताया कि उन्हें अपनी उड़ान रद होने की जानकारी बहुत देर से मिली, जिससे वे वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर पाए। कई लोगों ने कंपनी के ग्राहक सेवा केंद्र पर फोन किया लेकिन लाइनें व्यस्त रहीं। सोशल मीडिया पर इंडिगो के खिलाफ यात्रियों की शिकायतों का अंबार लग गया। कुछ यात्रियों ने कहा कि उन्हें वैकल्पिक उड़ान का विकल्प तो मिला लेकिन वह दो-तीन दिन बाद की थी, जो उनकी जरूरत को पूरा नहीं कर सकती थी।
विमानन क्षेत्र के लिए चिंता का विषय
यह घटना पूरे भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए चिंता का विषय है। इंडिगो देश की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइंस है और भारत के हवाई यात्रा बाजार में इसकी हिस्सेदारी करीब 60 प्रतिशत है। जब इतनी बड़ी कंपनी को इस तरह की परिचालन समस्याओं का सामना करना पड़े तो यह पूरे विमानन तंत्र की मजबूती पर सवाल खड़े करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि तेजी से बढ़ते विमानन क्षेत्र को बुनियादी ढांचे और मानव संसाधन के मामले में मजबूत करने की जरूरत है। पायलट, केबिन क्रू, तकनीकी कर्मचारियों की पर्याप्त संख्या और उनका उचित प्रशिक्षण जरूरी है। साथ ही हवाई अड्डों पर बेहतर प्रबंधन और तकनीकी सुविधाओं की व्यवस्था होनी चाहिए। नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भी इस मामले में हस्तक्षेप कर एयरलाइंस कंपनियों के परिचालन की समीक्षा करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न बने।
आगे की राह
इंडिगो ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही सभी उड़ानें सामान्य रूप से संचालित होने लगेंगी। कंपनी अपनी तकनीकी समस्याओं को सुलझाने और परिचालन को सुचारू बनाने के लिए प्रयासरत है। लेकिन यात्रियों को उम्मीद है कि कंपनी भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए ठोस कदम उठाएगी। बेहतर योजना, पर्याप्त कर्मचारियों की व्यवस्था और तकनीकी मजबूती से ही इस तरह की समस्याओं से बचा जा सकता है। यात्रियों का भरोसा बनाए रखना किसी भी एयरलाइंस के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है और इंडिगो को इस दिशा में गंभीरता से काम करना होगा।