दक्षिण कोलकाता का रामगढ़ बाजार इलाका गुरुवार की देर रात एक भीषण आग की चपेट में आ गया। रात करीब डेढ़ बजे अचानक कई दुकानों में आग लगने से पूरा बाजार इलाका दहशत में आ गया। आग इतनी तेजी से फैली कि देखते ही देखते 40 से ज्यादा दुकानें पूरी तरह से जलकर राख हो गईं। स्थानीय लोगों ने तुरंत दमकल विभाग को सूचना दी, जिसके बाद 7 दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
घने इलाके में तेजी से फैली आग
रामगढ़ बाजार दक्षिण कोलकाता का एक घना व्यापारिक इलाका है जहां छोटी-छोटी दुकानें सटी हुई हैं। रात करीब डेढ़ बजे जब इलाके के कुछ लोग अपने घरों में सो रहे थे, तभी अचानक कई दुकानों से धुएं और आग की लपटें उठती दिखाई दीं। स्थानीय लोगों ने सबसे पहले आग को देखा और तुरंत शोर मचाकर आसपास के लोगों को जगाया। चूंकि यह इलाका बेहद घना है और दुकानें एक-दूसरे से सटी हुई हैं, इसलिए आग बहुत तेजी से फैलने लगी।
स्थानीय लोगों ने पहले खुद बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी भयंकर थी कि उनके हाथ से काबू से बाहर हो गई। इसके बाद तुरंत दमकल विभाग को फोन किया गया। मौके पर पहुंचने से पहले ही आग ने कई दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया था।
दमकल की 7 गाड़ियों ने संभाली स्थिति
दमकल विभाग को सूचना मिलते ही 7 दमकल गाड़ियां तुरंत रामगढ़ बाजार की तरफ रवाना हुईं। घने बाजार इलाके में पहुंचना और फिर आग से लड़ना दमकल कर्मियों के लिए बड़ी चुनौती बन गया। संकरी गलियों और दुकानों के बीच कम जगह होने की वजह से पानी के पाइप लगाने और आग पर काबू पाने में काफी मुश्किल हुई।
दमकल कर्मियों ने लगभग दो घंटे तक लगातार मेहनत की और आखिरकार सुबह करीब साढ़े तीन बजे आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया। हालांकि तब तक करीब 40 दुकानें पूरी तरह से जलकर राख हो चुकी थीं। दमकल अधिकारियों ने बताया कि अगर सूचना देर से मिलती या दमकल गाड़ियां देर से पहुंचतीं तो नुकसान और भी ज्यादा हो सकता था।
दुकानदारों का रोना
आग की इस घटना से 40 से ज्यादा दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ है। ज्यादातर दुकानें कपड़े, किराने का सामान, इलेक्ट्रॉनिक सामान और दैनिक उपयोग की चीजों की थीं। कई दुकानदार ऐसे हैं जिनकी पूरी पूंजी इन दुकानों में लगी हुई थी और एक ही रात में सब कुछ खत्म हो गया।
स्थानीय दुकानदार रामेश चंद्र ने बताया कि उनकी कपड़े की दुकान पूरी तरह से जल गई। उन्होंने कहा, “मैंने पिछले 20 साल में जो कुछ कमाया था, वह सब इस दुकान में लगा था। आज सब कुछ राख हो गया। अब समझ नहीं आ रहा कि क्या करूं।”
एक अन्य दुकानदार सुनील कुमार ने कहा, “हमारी दुकानों में किसी तरह का बीमा भी नहीं था। अब सरकार से मदद की उम्मीद है, वरना हमारा और हमारे परिवार का क्या होगा।”
आग लगने का कारण अभी स्पष्ट नहीं
अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आग कैसे और किस वजह से लगी। दमकल विभाग की टीम इस मामले की जांच कर रही है। शुरुआती जांच में कुछ लोगों का कहना है कि किसी दुकान में शॉर्ट सर्किट से आग लगी होगी, जबकि कुछ का मानना है कि किसी दुकान में रखे ज्वलनशील पदार्थों से आग भड़क सकती है।
दमकल अधिकारियों ने कहा कि वे पूरी तरह से जांच करेंगे और जल्द ही असली कारण सामने आएगा। इलेक्ट्रिकल वायरिंग, गैस सिलेंडर, और दुकानों में रखे सामान की भी जांच की जा रही है।
प्रशासन ने दिलाया भरोसा
स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे। कोलकाता नगर निगम के अधिकारियों ने प्रभावित दुकानदारों को भरोसा दिलाया है कि सरकार उनकी मदद करेगी। स्थानीय विधायक ने भी मौके का दौरा किया और दुकानदारों से बात की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से तुरंत मुआवजे की मांग की जाएगी।
पुलिस ने भी इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है ताकि किसी तरह की अफवाह या अव्यवस्था की स्थिति न हो। दुकानदारों को अगले कदमों के बारे में जल्द ही जानकारी दी जाएगी।
सुरक्षा के उपायों की जरूरत
यह घटना एक बार फिर से पुराने बाजार इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था की कमी को उजागर करती है। रामगढ़ बाजार जैसे घने इलाकों में आग बुझाने के उपाय बहुत कम हैं। न तो यहां आग बुझाने के यंत्र मौजूद हैं और न ही दुकानदारों को आग से बचाव की ट्रेनिंग दी गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पुराने बाजारों में बिजली की तारों की जांच समय-समय पर होनी चाहिए। साथ ही हर दुकान में छोटे आग बुझाने के यंत्र होने चाहिए। नगर निगम को भी ऐसे इलाकों में नियमित निरीक्षण करना चाहिए ताकि ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
दक्षिण कोलकाता के रामगढ़ बाजार में लगी यह भीषण आग एक बड़ी त्रासदी है। 40 दुकानों के जलने से न सिर्फ दुकानदारों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है, बल्कि उनके परिवारों का भविष्य भी अंधकार में चला गया है। अब देखना यह है कि सरकार इन प्रभावित लोगों की कितनी जल्दी और किस तरह से मदद करती है। साथ ही यह भी जरूरी है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।