राज्य ब्यूरो, पटना।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राज्य की सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। इस बार चुनाव को लेकर जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने तैयारी का नया तरीका अपनाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद पहल करते हुए घोषणा की है कि वे पार्टी के संभावित प्रत्याशियों और मौजूदा विधायकों से वन-टू-वन मुलाकात करेंगे।
दशहरा के बाद होगी शुरुआत
पार्टी सूत्रों के मुताबिक यह मुलाकात दशहरा के बाद शुरू होगी और जदयू प्रदेश कार्यालय, पटना में आयोजित की जाएगी। कार्यक्रम दो से तीन दिनों तक चलेगा। सुबह 11 बजे से शाम तक यह सिलसिला जारी रहेगा। जिन नेताओं से मुलाकात होगी, उन्हें पहले से पार्टी की ओर से सूचना भेजी जाएगी।
वन-टू-वन बातचीत में उठेंगे अहम मुद्दे
इस मुलाकात के दौरान नीतीश कुमार न केवल उम्मीदवारों की तैयारी और संगठनात्मक क्षमता को परखेंगे बल्कि सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुँचाने में उनकी भूमिका पर भी चर्चा करेंगे।
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सरकारी योजनाओं का लाभ कितनी दूर तक पहुँचा?
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स्थानीय स्तर पर उम्मीदवार की पकड़ कितनी मज़बूत है?
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संगठन के कामकाज में उनकी सक्रियता कितनी रही?
इन सब बिंदुओं पर मुख्यमंत्री फीडबैक लेंगे।
कोर कमेटी भी रहेगी मौजूद
इस बैठक में पार्टी की कोर कमेटी के कुछ वरिष्ठ सदस्य भी मौजूद रहेंगे। माना जा रहा है कि कई सीटों पर टिकट बंटवारे की रणनीति इन्हीं बैठकों से तय होगी।
JDU की रणनीति – सीधा संवाद
विशेषज्ञों का मानना है कि नीतीश कुमार का यह कदम बेहद अहम है।
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एक तरफ यह पार्टी संगठन को मजबूत करेगा।
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दूसरी ओर उम्मीदवारों को सीधे मुख्यमंत्री से अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा।
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इससे संभावित असंतोष भी पहले ही दूर किया जा सकेगा।
उम्मीदवारों की परीक्षा भी
पार्टी सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार इन बैठकों में यह भी जांचेंगे कि प्रत्याशी स्थानीय स्तर पर कितना प्रभाव रखते हैं। कई सीटों पर पिछले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में अब नीतीश कुमार खुद सुनिश्चित करना चाहते हैं कि केवल सही उम्मीदवार को टिकट मिले।
2020 चुनाव से सीख
पिछले विधानसभा चुनाव (2020) में जदयू को अपेक्षा के अनुसार प्रदर्शन नहीं मिला था। सीटों की संख्या घटी और नीतीश कुमार को एनडीए गठबंधन के सहयोग से सरकार बनानी पड़ी। माना जा रहा है कि इस बार उम्मीदवार चयन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि दोबारा वैसा हाल न हो।
NDA गठबंधन और जदयू की भूमिका
हालांकि नीतीश कुमार अभी भी भाजपा के साथ गठबंधन में हैं, लेकिन बिहार की राजनीति में समीकरण तेजी से बदलते रहते हैं। ऐसे में जदयू अपने उम्मीदवारों को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। यही कारण है कि नीतीश कुमार इस बार व्यक्तिगत तौर पर सभी से मिल रहे हैं।
प्रत्याशियों में बढ़ी बेचैनी
जदयू के संभावित प्रत्याशियों में इस मुलाकात को लेकर उत्सुकता और बेचैनी दोनों है।
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कई नेता इसे अपनी राजनीतिक किस्मत बदलने का अवसर मान रहे हैं।
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वहीं वर्तमान विधायक अपनी रिपोर्ट कार्ड लेकर तैयारियों में जुट गए हैं।
जनता तक संदेश
विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार का यह कदम केवल संगठनात्मक नहीं बल्कि जनता को संदेश देने का प्रयास भी है कि वे अब भी सक्रिय हैं और हर प्रत्याशी को परख रहे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी में अब जदयू का फोकस उम्मीदवार चयन पर है। नीतीश कुमार खुद मुलाकात करके यह दिखाना चाहते हैं कि पार्टी की रणनीति और टिकट बंटवारा पूरी तरह से उनकी निगरानी में होगा। अगले कुछ दिनों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि किन चेहरों को मौका मिलेगा और किन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
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