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Gold Price Target: दिसंबर 2025 में सोने का संभावित भाव, निवेशकों के लिए संकेत और सावधानी

Gold Price Target 2025
Gold Price Target 2025: दिसंबर 2025 में सोने के संभावित भाव और निवेशकों के लिए जरूरी समझ (File Photo)
दिवाली के बाद सोने के दामों में गिरावट आई। विशेषज्ञों के अनुसार दिसंबर 2025 तक 24 कैरेट सोना 1,05,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है, यदि वैश्विक परिस्थितियाँ स्थिर रहीं। सोना दीर्घकालिक निवेश के लिए उपयुक्त है, लेकिन अल्पकालिक उतार-चढ़ाव पर ध्यान देना आवश्यक है.
नवम्बर 5, 2025

मुख्य समाचार सामग्री (600+ शब्द)

देश में सोना सदियों से सुरक्षित संपत्ति के रूप में देखा जाता है। दामों में उतार-चढ़ाव चलते रहते हैं, फिर भी लोग सोने को दीर्घकालीन सुरक्षा मानते हैं। दिवाली के बाद सोने के दामों में गिरावट देखी गई। इस गिरावट ने खरीदारों का ध्यान खींचा। कई लोग यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि अभी खरीदें या कुछ समय इंतजार करें।

सोना भारतीय समाज का आर्थिक और सांस्कृतिक पहलू

भारत में सोने का संबंध केवल निवेश से नहीं, परिवार की परंपरा से जुड़ा है। विवाह, पर्व, और धार्मिक अवसरों पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। यही कारण है कि मांग बनी रहती है। फेस्टिव सीजन में मांग बढ़ी, फिर उसके बाद थोड़ी गिरावट आई। यह गिरावट खरीद का अवसर लगती है, पर स्थिति को समझना जरूरी है।

विशेषज्ञ की राय, सोने का संभावित मूल्य

कमोडिटी विशेषज्ञ अजय केडिया ने सोने के भविष्य के दामों पर अहम विचार दिए। उनके अनुसार, यदि वैश्विक परिस्थिति स्थिर रही, तो 24 कैरेट सोना दिसंबर 2025 तक 1,05,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। 22 कैरेट सोने का दाम 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे देखने को मिल सकता है।

यह अनुमान स्थिरता पर आधारित है। यदि वैश्विक तनाव, युद्ध, मुद्रा संकट, या आर्थिक असंतुलन बढ़ा, तो सोने के दाम तेजी से ऊपर जा सकते हैं। दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अस्थिर समय में सोना खरीदना बढ़ाते हैं। इससे मांग बढ़ती है और भाव ऊपर जाते हैं।

निवेशकों को क्या समझना चाहिए

निवेशक अक्सर गिरावट में खरीद के अवसर खोजते हैं। लेकिन सोना अल्पकालिक लाभ का साधन नहीं है। इसमें निर्णय लंबी अवधि को सामने रखकर लेना चाहिए।

ध्यान देने योग्य बिंदु
• यदि आप दीर्घकालिक निवेश करते हैं, तो सोना अभी स्थिर भाव पर उचित विकल्प है।
• यदि आप अल्पकालिक लाभ चाहते हैं, तो अचानक उतार-चढ़ाव आपको प्रभावित करेगा।
• घरेलू सोना खरीदते समय मेकिंग चार्ज और जीएसटी कीमत पर प्रभाव डालते हैं।
• डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ और सोवरेन गोल्ड बॉन्ड अधिक पारदर्शी विकल्प हैं।

अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों का प्रभाव

सोने की कीमतें डॉलर की मजबूती, वैश्विक तेल कीमतों, और बड़े देशों की आर्थिक नीतियों पर निर्भर करती हैं। अंतरराष्ट्रीय तनाव जितना बढ़ता है, निवेशक सोने की ओर जाते हैं। इससे सोना सुरक्षित संपत्ति का दर्जा बनाए रखता है।

अभी खरीदना या इंतजार करना

यदि निवेशक दीर्घकाल में देख रहा है, तो समय का महत्व कम है। सोना लंबे समय में मूल्य बढ़ाता है। यदि आप शादी या पारिवारिक उपयोग के लिए खरीद रहे हैं, तो धीरे-धीरे किस्तों में खरीद समझदारी है।
यदि आप ट्रेडिंग के लिए सोच रहे हैं, तो बाजार की हर सप्ताह की हलचल पर ध्यान देना आवश्यक है।

समग्र दृष्टि

सोना स्थिरता का प्रतीक है। इसकी मांग कभी समाप्त नहीं होती। दामों में उतार-चढ़ाव होता है, पर दीर्घकालिक ग्राफ ऊपर की ओर रहता है। दिसंबर 2025 तक सोने के दामों में बढ़ोतरी संभव है, लेकिन अंतिम निर्णय वैश्विक स्थिरता और आर्थिक स्थितियों पर निर्भर रहेगा।

डिस्क्लेमर:
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