सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का रुख देखने को मिला। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही सूचकांक लाल निशान में कारोबार करते नजर आए। बाजार में आई इस कमजोरी के पीछे मुख्य कारण निवेशकों की सतर्क रणनीति है, जो इस सप्ताह होने वाली कई आईपीओ गतिविधियों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक को देखते हुए अपनाई गई है।
पिछले सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति घोषणा के बाद अब निवेशकों का ध्यान इस सप्ताह अमेरिकी केंद्रीय बैंक की बैठक पर टिका है। माना जा रहा है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर सकता है, जिसके चलते बाजार सहभागी जोखिम लेने से बच रहे हैं।
बाजार के अधिकतर क्षेत्रों में कमजोरी
सोमवार के कारोबारी सत्र में अधिकतर क्षेत्रों ने सतर्क रुख अपनाया। ऑटो, बैंक, वित्तीय सेवाएं, एफएमसीजी, धातु, फार्मा, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, रियल्टी, निजी बैंक, स्वास्थ्य सेवा, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं, तेल और गैस, मिड-स्मॉल कैप, रसायन और संबंधित सूचकांकों में व्यापक नरमी देखी गई।
हालांकि, आईटी और मीडिया जैसे कुछ क्षेत्रों में हल्की मजबूती बनी रही, जो समग्र बाजार में हिचकिचाहट के बीच चुनिंदा आशावाद का संकेत दे रहे हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि निवेशक पूरी तरह से बाजार से दूर नहीं हुए हैं, बल्कि सावधानी के साथ चुनिंदा क्षेत्रों में दांव लगा रहे हैं।
वैश्विक बाजारों की स्थिति
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मिली-जुली तस्वीर देखने को मिली। एसएंडपी 500 फ्यूचर्स में 0.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि नैस्डैक 100 फ्यूचर्स 0.3 प्रतिशत ऊपर रहे। डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज के फ्यूचर्स में कोई खास बदलाव नहीं आया।
एमएससीआई एशिया पैसिफिक इंडेक्स में 0.3 प्रतिशत की तेजी आई, वहीं एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स भी 0.3 प्रतिशत चढ़ा। जापान का टोपिक्स सूचकांक 0.6 प्रतिशत मजबूत हुआ, लेकिन हांगकांग का हैंग सेंग 1 प्रतिशत गिर गया। शंघाई कंपोजिट में 0.6 प्रतिशत की बढ़त रही।
यूरोपीय बाजारों की बात करें तो यूरो स्टॉक्स 50 फ्यूचर्स में 0.1 प्रतिशत की गिरावट आई। इससे साफ होता है कि वैश्विक स्तर पर निवेशक सतर्क मूड में हैं और बड़े फैसलों का इंतजार कर रहे हैं।
केसोरम इंडस्ट्रीज में जोरदार उछाल
शेयर बाजार में केसोरम इंडस्ट्रीज का शेयर 20 प्रतिशत के अपर सर्किट में बंद हुआ। यह तेजी फ्रंटियर वेयरहाउसिंग द्वारा ब्लॉक डील के जरिए कंपनी में 42.8 प्रतिशत नियंत्रक हिस्सेदारी खरीदने के बाद आई। इस सौदे के साथ ही बिड़ला परिवार ने कंपनी से पूरी तरह से अपना हाथ खींच लिया है।
यह हिस्सेदारी बिक्री केसोरम के सीमेंट कारोबार के अल्ट्राटेक में विलय के बाद हुई है। अब केसोरम अपने गैर-सीमेंट कारोबार पर ध्यान केंद्रित करेगी। इस बदलाव को निवेशकों ने सकारात्मक रूप से लिया और शेयर में जबरदस्त खरीदारी देखी गई।
ऑस्ट्रेलियाई बाजार में कमजोरी
ऑस्ट्रेलियाई शेयर बाजार सोमवार को मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ। खनन कंपनियों में नुकसान के चलते एसएंडपी/एएसएक्स 200 सूचकांक 0.1 प्रतिशत गिरकर 8,624.40 अंक पर आ गया। पिछले सप्ताह यह सूचकांक 0.2 प्रतिशत चढ़ा था।
निवेशकों की नजर मंगलवार को होने वाली रिजर्व बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया की बैठक पर टिकी है। माना जा रहा है कि ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा, लेकिन बैंक की भविष्य की नीति को लेकर दिए जाने वाले संकेत महत्वपूर्ण होंगे।
वित्तीय और रियल एस्टेट शेयरों में क्रमशः 0.2 प्रतिशत और 0.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। न्यूजीलैंड का बेंचमार्क एसएंडपी/एनजेडएक्स 50 सूचकांक लगभग स्थिर रहते हुए 13,486.32 अंक पर बंद हुआ।
अमेरिकी फेड की बैठक का महत्व
इस सप्ताह बाजार के लिए सबसे अहम घटना अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति बैठक होगी। बुधवार को होने वाली इस बैठक में एक चौथाई अंक की ब्याज दर कटौती की उम्मीद जताई जा रही है।
अगर फेड ब्याज दरों में कटौती करता है, तो इसका सीधा असर वैश्विक बाजारों पर पड़ेगा। भारतीय बाजार के लिए भी यह फैसला महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि विदेशी निवेशकों की रणनीति इसी पर निर्भर करेगी।
आईपीओ गतिविधियों का प्रभाव
इस सप्ताह कई आईपीओ बाजार में आने वाले हैं, जिससे निवेशकों का पैसा अलग-अलग दिशाओं में बंटने की संभावना है। नई कंपनियों में निवेश के अवसर के चलते मौजूदा शेयरों में बिकवाली का दबाव बन सकता है।
हालांकि, आईपीओ का आना बाजार में तरलता और गतिविधि के लिहाज से सकारात्मक संकेत माना जाता है। यह दर्शाता है कि कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए बाजार को उपयुक्त मान रही हैं।
निवेशकों के लिए सुझाव
मौजूदा स्थिति में निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। बड़े फैसले लेने से पहले अमेरिकी फेड की घोषणा का इंतजार करना समझदारी होगी। साथ ही, चुनिंदा मजबूत कंपनियों में निवेश की रणनीति अपनाई जा सकती है।
तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि अल्पकालिक अस्थिरता के बावजूद भारतीय बाजार के दीर्घकालिक आधार मजबूत हैं। आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं और कॉर्पोरेट कमाई में सुधार की उम्मीदें बाजार को सहारा देंगी।
Disclaimer:
यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है। किसी भी निवेश से पहले एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें।