Ramdas Soren Dead: झारखंड के शिक्षा मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता रामदास सोरेन नहीं रहे। दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उन्होंने 15 अगस्त को अंतिम सांस ली। झामुमो के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर यह जानकारी दी।उनके निधन पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन समेत तमाम नेताओं ने शोक व्यक्त किया है.
रामदास सोरेन के निधन की खबर सुनते ही उनके विधानसभा क्षेत्र घाटशिला के साथ-साथ पूरे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गयी है। एक ही महीने में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के 2-2 बड़े नेताओं के निधन ने पार्टी को झकझोर दिया है। रामदास सोरेन का पार्थिव शरीर शनिवार 16 अगस्त 2025 को रांची लाया जायेगा. सुबह 8 बजे उनका पार्थिव शरीर रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर पहुंचेगा.
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सबसे पहले रामदास सोरेन (62) के बड़े पुत्र सोमेश सोरेन ने रात को करीब 10:46 बजे सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ के रामदास सोरेन के हैंडल से अपने पिता के निधन की सूचना दी। सोमेश सोरेन ने लिखा, ‘अत्यंत ही दुख के साथ यह बता रहा हूं कि मेरे पिताजी रामदास सोरेन जी अब हमारे बीच नहीं रहे।’
इसके बाद झामुमो के नेता और बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने इसी ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, ‘आप सभी को अत्यंत दुःख के साथ यह सूचना साझा कर रहा हूं कि राज्य के स्कूली शिक्षा व निबंधन मंत्री तथा घाटशिला विधानसभा के विधायक माननीय रामदास सोरेन जी अब हम सबके बीच नहीं रहे।’
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उन्होंने लिखा, ‘उनके लाखों चाहने वालों, शुभचिंतकों, कर्मठ कार्यकर्ताओं, स्कूली शिक्षा व निबंधन विभाग के सहयोगियों और हम सबके लिए एक व्यक्तिगत और अपूरणीय क्षति है। पूरा झामुमो परिवार इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के सभी चिकित्सकों और उनकी टीमों के सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों का हृदय से आभार व्यक्त करता है कि उन्होंने पिछले 2 अगस्त से लेकर आज तक दिन रात उन्हें ठीक करने के लिए बहुत मेहनत की, लेकिन ईश्वर की मर्जी के आगे हम सब मजबूर हैं।’
बहुत जल्द आपने हम सबके सर पर से हाथ उठा लिया सर।
मेरे पिता नही थे आप लेकिन आपका मेरे प्रति प्यार पिता के प्यार से रत्ती भर कम भी नहीं था। 2014 में @HemantSorenJMM भैया के प्रतिनिधि के रूप में मेरे घर आकर मुझे @JmmJharkhand परिवार में लाने वाले और मेरे राजनीतिक प्रवेश की नींव… pic.twitter.com/fh8Jq3rqge
— Kunal Sarangi 🇮🇳 (@KunalSarangi) August 15, 2025
रामदास सोरेन 2 अगस्त को जमशेदपुर के अपने आवास में बाथरूम में गिर गये थे। उनके सिर और हाथ में गंभीर चोटें आयीं थीं। टाटा मोटर्स के अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें एयरलिफ्ट कर दिल्ली के इद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी।
एक महीने में झारखंड मुक्ति मोर्चा के दूसरे बड़े नेता का निधन हुआ है। दिशोम गुरु शिबू सोरेन लंबी बीमारी के बाद 4 अगस्त 2025 को इस दुनिया को अलविदा कह गये। गुरुजी का निधन सर गंगा राम अस्पताल में हुआ था। 5 अगस्त 2025 को रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड में उनके पैतृक गांव नेमरा में उनका अंतिम संस्कार किया गया था। 15 अगस्त को उनका दशकर्म था। गुरुजी का दशकर्म समाप्त होने के बाद देर रात रामदास सोरेन का भी निधन हो गया।