भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर इन दिनों विवादों के घेरे में हैं। टेस्ट क्रिकेट में लगातार मिल रही हार के बाद उनकी कुर्सी खतरे में नजर आ रही थी। सोशल मीडिया पर उन्हें हटाने की मांग जोर पकड़ रही थी। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि आने वाले टी20 वर्ल्ड कप को देखते हुए बीसीसीआई ने उन्हें अभयदान दे दिया है। बोर्ड जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेने जा रहा है।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर मिली शर्मनाक हार के बाद गौतम गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने भविष्य को लेकर बीसीसीआई के ऊपर फैसला छोड़ दिया था। उन्होंने साफ कहा था कि भारतीय क्रिकेट उनसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। लेकिन बोर्ड के सूत्रों के मुताबिक अभी किसी तरह की कार्रवाई की कोई योजना नहीं है।
बीसीसीआई क्यों नहीं उठा रहा कोई कदम
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट में बीसीसीआई के एक अधिकारी ने साफ किया है कि बोर्ड जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेगा। अधिकारी के मुताबिक टीम अभी संक्रमण के दौर से गुजर रही है। कई पुराने खिलाड़ी टीम से बाहर हो चुके हैं और नए खिलाड़ी आ रहे हैं।
बीसीसीआई अधिकारी ने कहा कि गंभीर का अनुबंध 2027 तक का है और सिर पर वर्ल्ड कप है। ऐसे में अभी कोच बदलना सही नहीं होगा। बोर्ड चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट से बात जरूर करेगा लेकिन आनन-फानन में कोई कार्रवाई नहीं होगी।
टेस्ट क्रिकेट में भारत का पतन
गौतम गंभीर के कार्यकाल में भारतीय टीम का टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन लगातार गिरता जा रहा है। पिछले एक साल में टीम को तीन बड़ी टेस्ट सीरीज हार का सामना करना पड़ा है। सबसे बड़ी बात यह है कि इनमें से दो हार घरेलू सरजमीं पर मिली हैं।
सबसे पहले न्यूजीलैंड ने भारत में आकर टीम इंडिया को 3-0 से रौंद दिया। यह भारतीय क्रिकेट के इतिहास में बहुत शर्मनाक हार थी। घरेलू सरजमीं पर ऐसी करारी हार किसी ने उम्मीद नहीं की थी। टीम एक भी मैच नहीं जीत पाई।
इसके बाद टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई जहां उसे 3-1 से हार मिली। हालांकि ऑस्ट्रेलिया में हारना कोई नई बात नहीं है लेकिन टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
दक्षिण अफ्रीका के हाथों सूपड़ा साफ
अभी हाल ही में दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत दौरे पर आई। दो मैचों की इस सीरीज में भारत को दोनों मैच हारने पड़े। टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों विभाग पूरी तरह से फेल रहे।
पहले टेस्ट में भारत को बड़े अंतर से हार मिली। दूसरे मैच में भी टीम कुछ खास नहीं कर पाई। दक्षिण अफ्रीका ने आसानी से सीरीज 2-0 से अपने नाम कर ली। यह लगातार दूसरी बार था जब भारत को घर में ही सीरीज में एक भी जीत नहीं मिली।
गंभीर ने क्या कहा अपने भविष्य पर
सीरीज हारने के बाद गौतम गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने भविष्य को लेकर सवालों का सामना किया। उन्होंने कहा कि यह बीसीसीआई का फैसला है कि वह क्या करना चाहता है। गंभीर ने याद दिलाया कि जब वह हेड कोच बने थे तब भी उन्होंने कहा था कि भारतीय क्रिकेट उनसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
गंभीर ने कहा कि वह आज भी अपने उन शब्दों पर कायम हैं। उन्होंने साफ किया कि अगर बोर्ड को लगता है कि बदलाव जरूरी है तो वह उस फैसले का सम्मान करेंगे।
वर्ल्ड कप बना सुरक्षा कवच
बीसीसीआई के फैसले में सबसे बड़ा कारण आने वाला टी20 वर्ल्ड कप है। अगले साल यह बड़ा टूर्नामेंट होने वाला है और बोर्ड नहीं चाहता कि इस समय कोच बदलने से टीम में और अस्थिरता आए।
गंभीर का अनुबंध 2027 तक का है। बोर्ड का मानना है कि टीम को स्थिरता की जरूरत है। अभी कई खिलाड़ी रिटायर हो चुके हैं और नई टीम बन रही है। ऐसे में कोच बदलना टीम के लिए और परेशानी खड़ी कर सकता है।
आगे क्या होगा
बीसीसीआई जल्द ही चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट के साथ बैठक करेगा। इस बैठक में हालिया हार की समीक्षा की जाएगी। यह देखा जाएगा कि आखिर क्या कमियां रही जिनकी वजह से टीम लगातार हार रही है।
टीम की रणनीति, खिलाड़ियों के चयन और मैच की तैयारी जैसे सभी पहलुओं पर चर्चा होगी। लेकिन फिलहाल गंभीर की कुर्सी सुरक्षित दिख रही है।
संक्रमण काल की चुनौती
बीसीसीआई का तर्क है कि टीम संक्रमण के दौर से गुजर रही है। रोहित शर्मा, विराट कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ी अपने करियर के आखिरी पड़ाव में हैं। नए खिलाड़ियों को मौका दिया जा रहा है। ऐसे में हार होना स्वाभाविक है।
लेकिन सवाल यह है कि क्या लगातार हारना और वह भी घर में सीरीज गंवाना सिर्फ संक्रमण काल की वजह से है या फिर कोचिंग में भी कुछ कमी है। यह बहस का विषय बना हुआ है।
सोशल मीडिया पर नाराजगी
सोशल मीडिया पर क्रिकेट प्रेमी गंभीर से काफी नाराज दिख रहे हैं। कई लोग उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब नतीजे नहीं आ रहे तो कोच बदलना जरूरी है।
लेकिन बीसीसीआई इस दबाव में आने को तैयार नहीं दिख रहा। बोर्ड अपनी योजना के मुताबिक आगे बढ़ना चाहता है। उसका मानना है कि जल्दबाजी में लिए गए फैसले टीम को और नुकसान पहुंचा सकते हैं।
गौतम गंभीर को फिलहाल राहत मिल गई है। वर्ल्ड कप उनके लिए सुरक्षा कवच बन गया है। लेकिन अगर आगे भी नतीजे नहीं सुधरे तो बोर्ड पर दबाव बढ़ेगा। तब शायद बीसीसीआई को सख्त फैसला लेना पड़े। फिलहाल गंभीर को अपना काम साबित करने का मौका मिला है।