Bridge Collapsed in Gujrat: गुजरात के वलसाड जिले से ऐसी घटना सामने आई है जिसने एक बार फिर देश में निर्माणाधीन अवसंरचनाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। औरंगा नदी पर बन रहा पुल अचानक ढह गया, जब उसका गर्डर निर्माण के दौरान क्षतिग्रस्त हो गया। यह हादसा केवल एक तकनीकी चूक नहीं, बल्कि वर्षों से चली आ रही निर्माण लापरवाही की वह परत है जिसे अक्सर कागज़ों की सफ़ाई छिपा देती है। सुबह करीब 9 बजे हुई इस दुर्घटना ने निर्माण स्थल पर अफरा-तफरी मचा दी, क्योंकि गिरते ढांचे के साथ काम कर रहे मजदूर उसी मलबे का हिस्सा बन गए।
गर्डर टूटने के साथ मचान भी ढही, मजदूर मलबे में दबे
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुल के दो खंभों के बीच स्लैब निर्माण के लिए मचान तैयार किया जा रहा था। तभी अचानक एक गर्डर में दरार आई और पूरा ढांचा भरभराकर गिर पड़ा। करीब पांच मजदूर इस मलबे के बीच दब गए। इनमें से कुछ मजदूरों की चीखें दूर तक सुनाई दे रही थीं। राहत दल के पहुंचने में कुछ ही मिनट लगे, लेकिन टूटते ढांचे के बीच फंसे मजदूर मानो समय से लड़ रहे थे।
राहत कार्य तेज, चार मजदूरों को बचाया गया
वलसाड अग्निशमन विभाग और स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और स्थिति का आकलन किया। मलबा हटाने का कार्य शुरू होते ही टीमों ने एक-एक कर मजदूरों को बाहर निकालना शुरू किया। चार मजदूरों को बचाकर अस्पताल पहुंचाया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। डॉक्टरों के अनुसार, सभी घायल मजदूरों की हालत फिलहाल स्थिर है, लेकिन कुछ को गंभीर चोटें आई हैं। स्थानीय प्रशासन ने अस्पताल में विशेष चिकित्सा प्रबंधन की व्यवस्था भी की है।
एक मजदूर अब भी लापता, खोज अभियान जारी
घटना का सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि एक कर्मचारी अब तक लापता है। आशंका है कि वह भारी मलबे के नीचे दबा हो सकता है।
अग्निशमन दल और पुलिसकर्मी युद्धस्तर पर खोज अभियान चला रहे हैं। रात के समय भी राहत कार्य जारी रखने की तैयारी की जा रही है, ताकि किसी भी तरह की देरी से मजदूर के जीवन को खतरा न बढ़े।
ग्राम पंचायत ने खंभा खिसकने को बताया हादसे का कारण
परदी-संधपोर ग्राम पंचायत के सरपंच भोलाभाई पटेल ने बताया कि पुल के अंतिम हिस्से में लोहे की छड़ों की पटिया डाली जा रही थी। तभी एक खंभा अपनी मूल स्थिति से खिसक गया और पूरी संरचना ढह गई। यह बयान एक गंभीर संकेत है कि या तो निर्माण की तकनीक में खामी थी या फिर सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया। ऐसी संभावना भी जताई जा रही है कि उपयोग में लाए जा रहे सामग्रियों की गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं थी।
स्थानीय लोग दहशत में
हादसे के बाद आसपास के गांवों के लोग बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचे। कई ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। कुछ लोगों ने कहा कि पुल का काम कई दिनों से धीमा और अव्यवस्थित तरीके से चल रहा था। स्थानीय लोगों का कहना था कि मजदूर अक्सर बिना हेलमेट, बिना सुरक्षा बेल्ट और बिना किसी सुरक्षा निगरानी के काम करते देखे जा रहे थे।