बाल योगी उमेश नाथ महाराज का बड़ा बयान — भारत की आत्मा सनातन धर्म में बसती है
प्रसिद्ध संत बाल योगी उमेश नाथ महाराज ने देश के लोकतंत्र और संस्कृति पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि Democracy in India कभी खतरे में नहीं रही है, क्योंकि यह राष्ट्र ऋषि-मुनियों की परंपरा वाला देश है, जिसकी नींव सत्य, धर्म और अहिंसा पर टिकी हुई है।
महाराज के अनुसार भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था इतनी मजबूत है कि इसे कोई शक्ति कमजोर नहीं कर सकती। यह व्यवस्था लोगों की आस्था, संस्कृति और परंपरा से संचालित होती है, न कि केवल राजनीतिक इच्छाशक्ति से।
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“जो भारत की बुराई करता है, वही सबसे बड़ा अपराधी”
उमेश नाथ महाराज ने कहा कि कुछ लोग भारत की मर्यादा और एकता का महत्व नहीं समझते।
उन्होंने कहा —
“जो व्यक्ति भारत का अन्न खाता है, भारत का जल पीता है और भारत के वस्त्र पहनता है, वही बाहर जाकर भारत की निंदा करता है — वह सबसे बड़ा दंडनीय अपराधी है।”
उन्होंने कहा कि Democracy in India की जड़ें गहरी हैं और इसकी मजबूती का कारण ही यह है कि भारत की जनता लोकतंत्र को एक पवित्र जिम्मेदारी के रूप में देखती है।
बाल योगी उमेश नाथ महाराज बोले — Democracy in India कभी खतरे में नहीं 🇮🇳
जो भारत की बुराई करता है, वही सबसे बड़ा अपराधी!
“भारत की आत्मा सनातन धर्म में बसती है।”#DemocracyInIndia #UmeshNathMaharaj #SanatanDharma #IndiaNews #Loktantra pic.twitter.com/vsyMFbDRM0— Rashtra Bharat (@RBharatdigital) October 4, 2025
“मस्जिद तोड़े जाने की बात — पुरानी व्यवस्था की पुनर्स्थापना”
उत्तर प्रदेश में मस्जिद तोड़े जाने से जुड़े सवाल पर महाराज ने कहा —
“यह कोई नई बात नहीं है। अंग्रेजों के समय में भी कई मंदिरों को तोड़ा गया था। आज जब सनातन परंपरा का पुनर्जागरण हो रहा है, तब हम अपनी व्यवस्था को अपने ढंग से पुनर्स्थापित कर रहे हैं।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह किसी धर्म के विरोध में नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति के सम्मान की दिशा में एक कदम है।
“I Love Mohammad” बयान पर महाराज की प्रतिक्रिया
हाल ही में दिए गए “I Love Mohammad” बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराज ने कहा —
“हमारी सोच ‘I love Ishwar, I love God’ की है। भारत में सभी धर्मों के लोग ईश्वर की संतान हैं। हमारा प्रेम उसी में है और रहेगा। लेकिन यदि कोई दबाव बनाता है, तो हम ईंट का जवाब पत्थर से देंगे।”
उन्होंने कहा कि भारत का प्रेम समभाव और करुणा में निहित है, लेकिन अगर कोई इस प्रेम की परीक्षा लेता है, तो भारत जवाब देना भी जानता है।
“भारत की आत्मा सनातन धर्म में बसती है”
महाराज ने कहा कि भारत की पहचान उसकी संस्कृति और सनातन परंपरा में है।
“भारत की आत्मा सनातन धर्म में बसती है और यही इसकी असली शक्ति है। जो व्यक्ति भारतीय संस्कृति, मर्यादा और एकता को समझे बिना विदेश जाकर भारत के खिलाफ बोलता है, वह केवल देश नहीं बल्कि अपनी आत्मा का भी अपमान करता है।”
उन्होंने कहा कि आज जब पूरी दुनिया आध्यात्मिकता की ओर लौट रही है, तब भारत को अपनी सनातन जड़ों से जुड़कर विश्वगुरु बनने की दिशा में आगे बढ़ना होगा।
वेब स्टोरी:
संपादकीय दृष्टि से विश्लेषण
बाल योगी उमेश नाथ महाराज का यह बयान इस बात की पुष्टि करता है कि Democracy in India केवल एक राजनीतिक व्यवस्था नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है।
भारत का लोकतंत्र उसकी सांस्कृतिक चेतना, आध्यात्मिक परंपरा और जनमानस के विश्वास से संचालित होता है। यही कारण है कि अनेक चुनौतियों के बावजूद भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था दुनिया में सबसे स्थिर और मजबूत मानी जाती है।
महाराज के शब्द हमें याद दिलाते हैं कि लोकतंत्र तभी सशक्त रहेगा जब नागरिक अपनी संस्कृति, परंपरा और मर्यादा के प्रति निष्ठावान रहेंगे।