प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के महत्वपूर्ण दौरे पर जाएंगे, जहां वे आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और कृषि से जुड़े अनेक कार्यक्रमों में भाग लेंगे। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य किसानों को समर्थन प्रदान करना, प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देना और समाज सेवा के आदर्शों से जुड़ी महान विभूतियों को श्रद्धांजलि देना है।
श्री सत्य साई बाबा की जन्मशताब्दी पर प्रधानमंत्री की श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी सर्वप्रथम आंध्र प्रदेश के पुट्टापर्थी पहुंचेंगे, जहां वे भगवान श्री सत्य साई बाबा की जन्मशताब्दी समारोह में सम्मिलित होंगे। सुबह लगभग 10 बजे प्रधानमंत्री श्री सत्य साई बाबा के पवित्र समाधि स्थल पर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। इसके पश्चात वे जन्मशताब्दी समारोह में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करेंगे।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री एक स्मारक सिक्का एवं डाक टिकटों का विशेष संग्रह जारी करेंगे, जिसमें श्री सत्य साई बाबा के जीवन, शिक्षाओं और समाज के प्रति उनके योगदान का उल्लेख होगा।
प्रधानमंत्री ने मंगलवार की रात अपने सोशल मीडिया संदेश में लिखा कि वे आंध्र प्रदेश के भाइयों और बहनों के बीच रहकर समाजसेवा की प्रेरणा देने वाले श्री सत्य साई बाबा की शताब्दी समारोह में सम्मिलित होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन का उद्घाटन
पुट्टापर्थी के कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री तमिलनाडु के कोयंबटूर रवाना होंगे, जहां वे दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन 2025 का उद्घाटन करेंगे। यह सम्मेलन 19 नवंबर से 21 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा।
सम्मेलन का उद्देश्य प्राकृतिक कृषि पद्धति, पर्यावरण अनुकूल खेती और रासायनिक रहित कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना है। इसके माध्यम से भारत को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिद्वंद्वी बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।
पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त जारी
सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री PM-KISAN योजना की 21वीं किस्त जारी करेंगे, जिसकी कुल राशि 18 हजार करोड़ रुपये से अधिक होगी। इस योजना के अंतर्गत देश भर के लगभग 9 करोड़ किसानों को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाएगा।
सरकार का मानना है कि यह राशि किसानों के लिए राहत और उत्पादकता में वृद्धि का साधन बनेगी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री जनसभा को संबोधित करेंगे और प्राकृतिक खेती के महत्व पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
सम्मेलन का उद्देश्य और भागीदारी
इस सम्मेलन में दक्षिण भारत के विभिन्न राज्यों, जैसे तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के 50,000 से अधिक किसान एवं कृषि विशेषज्ञ भाग लेंगे।
प्राकृतिक कृषि के क्षेत्र में नवाचार, जैविक खाद, पर्यावरणीय पैकेजिंग और स्थानीय कृषि प्रौद्योगिकी को इस आयोजन में विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाएगा।
सम्मेलन का प्रमुख लक्ष्य किसान-उत्पादक समूहों को संगठित करना, ग्रामीण उद्यमिता को प्रोत्साहित करना और भारत को स्थायी कृषि का वैश्विक केंद्र बनाना है।
यह समाचार IANS एजेंसी के इनपुट के आधार पर प्रकाशित किया गया है।