Ratan Tata Death Anniversary 2025 | देश ने किया नमन – एक दूरदर्शी नेता और दानवीर को याद किया गया
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क।
9 अक्टूबर 2025 को देश ने अपने प्रिय उद्योगपति और दानवीर रतन टाटा को उनकी पहली पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। भारतीय उद्योग जगत के इस महानायक ने न केवल देश की औद्योगिक संरचना को नई दिशा दी, बल्कि मानवीय मूल्यों और नैतिकता की मिसाल भी कायम की।
मानवता और विनम्रता के प्रतीक रतन टाटा
28 दिसंबर 1937 को नेवल टाटा और सोनू कमिशरियत के घर जन्मे रतन टाटा का पालन-पोषण उनकी दादी लेडी नवजबाई टाटा ने किया। उन्होंने टाटा समूह को वैश्विक पहचान दिलाई और भारतीय उद्योग को नैतिकता और जिम्मेदारी की नई परिभाषा दी।
उनकी मानवता, सादगी और दूरदृष्टि ने उन्हें केवल एक उद्योगपति नहीं बल्कि एक प्रेरणास्रोत बना दिया। 2008 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
सोशल मीडिया पर उमड़ा स्नेह और श्रद्धा का सैलाब
रतन टाटा की पुण्यतिथि पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर देश-विदेश से लोगों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
एक यूज़र ने लिखा —
“एक सच्चे नेता को याद करते हुए, जिन्होंने न सिर्फ उद्योग बल्कि एक बेहतर भारत का निर्माण किया। रतन टाटा सदैव हमारे दिलों में रहेंगे।”
एक अन्य ने लिखा —
“पद्म विभूषण रतन टाटा जी की विरासत को नमन। उन्होंने भारतीय उद्योग को नई परिभाषा दी और करोड़ों लोगों को प्रेरणा दी।”
एक पोस्ट में लिखा गया —
“रतन टाटा जी की दूरदर्शिता और नैतिक व्यावसायिक सिद्धांत आने वाली पीढ़ियों को राह दिखाते रहेंगे।”
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टाटा समूह का भावनात्मक संदेश
टाटा समूह ने अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर रतन टाटा की मुस्कुराती तस्वीर साझा करते हुए लिखा —
“A life that shaped generations. Today, we remember our Chairman Emeritus Ratan N Tata with deep respect.”
यह ट्वीट देशभर में वायरल हुआ और लाखों लोगों ने इसे साझा किया।
रतन टाटा का जीवन और योगदान | Ratan Tata Death Anniversary 2025
रतन टाटा ने टाटा समूह का नेतृत्व करते हुए टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और टाटा ट्रस्ट्स को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने जगुआर-लैंड रोवर जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का अधिग्रहण कर भारत की वैश्विक पहचान को सशक्त किया।
वे अपने विनम्र स्वभाव और सामाजिक सेवा के लिए भी प्रसिद्ध रहे। चाहे कोविड-19 महामारी के दौरान राहत कार्य हो या शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश, रतन टाटा का योगदान हर वर्ग के जीवन को छूता रहा।
गूगल पर बढ़ी खोजें और रुचि
गूगल ट्रेंड्स के अनुसार, 9 अक्टूबर को रतन टाटा से जुड़ी सर्च क्वेरीज़ में भारी बढ़ोतरी हुई।
लोग “रतन टाटा की मृत्यु कैसे हुई” और “टाटा समूह का इतिहास” जैसे सवालों को खोज रहे थे।
सबसे अधिक सर्च झारखंड, महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात और तेलंगाना से देखी गईं।
भारत के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगे रतन टाटा
रतन टाटा का निधन पिछले वर्ष 9 अक्टूबर 2024 को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 86 वर्ष की आयु में हुआ था।
उनकी यादें आज भी हर भारतीय के दिल में ज़िंदा हैं — एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसने व्यवसाय को मानवीय संवेदनाओं से जोड़ा।
रतन टाटा केवल एक उद्योगपति नहीं थे, बल्कि वे एक विचारधारा थे — ईमानदारी, संवेदना और राष्ट्रनिर्माण के प्रतीक। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।