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रेलवे तत्काल टिकट बुकिंग में बड़ा बदलाव: अब ओटीपी होगा जरूरी

Tatkal Ticket Booking: काउंटर से टिकट लेने के लिए अब ओटीपी होगा जरूरी, जानें नए नियम
Tatkal Ticket Booking: काउंटर से टिकट लेने के लिए अब ओटीपी होगा जरूरी, जानें नए नियम (File Photo)
भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग में बड़ा बदलाव किया है। अब रिजर्वेशन काउंटर से टिकट लेने के लिए मोबाइल पर ओटीपी जरूरी होगा। 17 नवंबर 2025 को शुरू हुए पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद यह व्यवस्था जल्द सभी स्टेशनों पर लागू होगी। यात्री को फार्म में सही मोबाइल नंबर देना होगा, जिस पर ओटीपी आएगा। इससे फर्जी बुकिंग और बिचौलियों पर रोक लगेगी। असली यात्रियों को तत्काल टिकट मिलने की संभावना बढ़ेगी और बुकिंग प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और पारदर्शी होगी।
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तत्काल टिकट बुकिंग में ओटीपी अनिवार्य

भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और टिकट बुकिंग में पारदर्शिता लाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब रेलवे के रिजर्वेशन काउंटर से तत्काल टिकट बुक करने के लिए वन टाइम पासवर्ड यानी ओटीपी जरूरी होगा। यह नई व्यवस्था पूरे देश भर के सभी रेलवे स्टेशनों पर अगले कुछ दिनों में लागू होने जा रही है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस कदम से तत्काल टिकट बुकिंग सुविधा का गलत इस्तेमाल रुकेगा और असली यात्रियों को फायदा मिलेगा।

पिछले कुछ समय से तत्काल टिकट बुकिंग में धांधली और बिचौलियों की भूमिका को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। कई बार देखा गया कि जरूरतमंद यात्रियों को तत्काल टिकट नहीं मिल पाते थे, जबकि कुछ लोग फर्जी तरीके से टिकट ब्लाक कर लेते थे। इसी समस्या का समाधान करने के लिए रेलवे ने यह नई ओटीपी आधारित प्रणाली शुरू करने का फैसला किया है।

रेलवे की पहल से बढ़ेगी पारदर्शिता

रेलवे का मानना है कि ओटीपी आधारित व्यवस्था से टिकट लेने की पूरी प्रक्रिया आसान और भरोसेमंद हो जाएगी। जो यात्री अक्सर तत्काल टिकट पाने में कठिनाइयों का सामना करते थे, उन्हें अब राहत मिलेगी। इस नई व्यवस्था में सिर्फ असली यात्री ही टिकट बुक करा सकेंगे। जिनके पास वैध मोबाइल नंबर नहीं होगा या जो फर्जी नंबर देकर टिकट लेने की कोशिश करेंगे, उन पर अब रोक लग जाएगी।

पिछले डेढ़ साल में रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग को सुरक्षित बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। जुलाई 2025 में पहली बार ऑनलाइन तत्काल टिकटों के लिए आधार आधारित ओटीपी सिस्टम शुरू किया गया था। इसके बाद अक्टूबर 2025 में सभी सामान्य ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए भी ओटीपी सत्यापन को अनिवार्य कर दिया गया। यात्रियों ने इन दोनों बदलावों को सहजता से स्वीकार किया और नतीजा भी सकारात्मक रहा।

ऑनलाइन बुकिंग में मिली सफलता

ऑनलाइन टिकट बुकिंग में ओटीपी लागू होने के बाद पारदर्शिता में काफी सुधार आया है। फर्जी और नकली बुकिंग में कमी आई है। वास्तविक यात्रियों को टिकट मिलने की संभावना बढ़ गई है। इसी सफलता को देखते हुए अब रेलवे ने इस मॉडल को काउंटर बुकिंग पर भी लागू करने का फैसला किया है। इससे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से टिकट बुकिंग एक समान और सुरक्षित हो जाएगी।

रेलवे ने 17 नवंबर 2025 को इस नई व्यवस्था का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। शुरुआत में केवल 52 ट्रेनों में यह प्रणाली लागू की गई थी। कुछ हफ्तों तक इसका प्रयोग चलाया गया और परिणाम बेहद सकारात्मक रहे। रेलवे को यह तकनीक दुरुपयोग रोकने में कारगर साबित हुई। यात्रियों को भी इसमें कोई खास परेशानी नहीं हुई। इसी सफलता के बाद रेलवे ने इसे सभी ट्रेनों और सभी आरक्षण काउंटरों पर लागू करने का निर्णय लिया है।

कैसे काम करेगी नई प्रणाली

नई ओटीपी आधारित बुकिंग प्रणाली बहुत आसान और सरल है। यात्री को कोई अतिरिक्त मेहनत नहीं करनी होगी। प्रक्रिया लगभग पहले जैसी ही रहेगी, बस एक अतिरिक्त सत्यापन चरण जुड़ गया है। पहले की तरह यात्री आरक्षण फार्म भरकर टिकट काउंटर पर जमा करेगा। फार्म में अपना सही मोबाइल नंबर दर्ज करना अनिवार्य होगा। यह वही नंबर होना चाहिए जो यात्री के पास सक्रिय हो और जिस पर उसे संदेश प्राप्त हो सकें।

जब काउंटर पर बैठा कर्मचारी फार्म में दी गई जानकारी को सिस्टम में दर्ज करेगा, तब यात्री के मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। यह ओटीपी कुछ अंकों का एक गुप्त कोड होगा जो सिर्फ यात्री के मोबाइल पर आएगा। यात्री को यह ओटीपी काउंटर कर्मचारी को बताना होगा। कर्मचारी उस ओटीपी को सिस्टम में दर्ज करेगा। केवल सही ओटीपी दर्ज होने के बाद ही टिकट जारी किया जाएगा।

यात्रियों को क्या फायदा होगा

इस नई व्यवस्था से यात्रियों को कई तरह के फायदे होंगे। सबसे बड़ा फायदा यह है कि टिकट केवल उसी व्यक्ति को मिलेगा जिसके मोबाइल नंबर पर ओटीपी आया है। कोई भी व्यक्ति फर्जी या दूसरे का मोबाइल नंबर देकर टिकट नहीं ले सकेगा। इससे तत्काल कोटा को ब्लाक करने और बाद में ऊंचे दाम पर बेचने जैसी गतिविधियों पर रोक लगेगी। बिचौलियों और टिकट दलालों की भूमिका खत्म हो जाएगी।

असली यात्री को तत्काल टिकट मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। जो लोग वास्तव में यात्रा करना चाहते हैं, उन्हें अब पहले से अधिक आसानी से टिकट मिल सकेंगे। फर्जी आईडी के सहारे टिकट लेने वालों पर नकेल कसेगी। काउंटर पर टिकट लेने की प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बन जाएगी। यात्री को अपने मोबाइल पर तुरंत यह भरोसा भी मिल जाएगा कि टिकट वास्तविक सत्यापन के बाद ही जारी हुआ है।

सुरक्षा और विश्वसनीयता

इस व्यवस्था से रेलवे टिकट बुकिंग प्रणाली की सुरक्षा काफी मजबूत हो जाएगी। अब तक कई बार देखा गया कि लोग दूसरों के नाम से टिकट बुक कराते थे या फर्जी विवरण देकर टिकट ले लेते थे। इससे वास्तविक यात्रियों को नुकसान होता था। लेकिन अब ओटीपी सत्यापन से यह सुनिश्चित हो जाएगा कि टिकट उसी व्यक्ति के नाम पर बन रहा है जो वास्तव में यात्रा करना चाहता है।

यह व्यवस्था रेलवे के डिजिटल इंडिया अभियान का भी हिस्सा है। तकनीक के सही इस्तेमाल से सेवाओं को बेहतर और पारदर्शी बनाना सरकार की प्राथमिकता है। ओटीपी आधारित बुकिंग से यात्रियों को भी यह भरोसा होगा कि उनकी निजी जानकारी सुरक्षित है और टिकट सही तरीके से जारी हो रहा है।

लागू होने की समयसीमा

रेलवे ने अभी तक लागू होने की सटीक तारीख का खुलासा नहीं किया है, लेकिन अधिकारियों ने संकेत दिया है कि यह व्यवस्था अगले कुछ दिनों में सभी स्टेशनों पर लागू हो जाएगी। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद अब इसे तेजी से पूरे देश में लागू करने की तैयारी चल रही है। सभी रेलवे जोन और मंडलों को इस बारे में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। काउंटर कर्मचारियों को भी इस नई प्रणाली के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

यात्रियों को सलाह

रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे टिकट बुकिंग के समय अपना सही और सक्रिय मोबाइल नंबर जरूर दें। जिस नंबर पर उन्हें एसएमएस और ओटीपी प्राप्त हो सके, वही नंबर फार्म में भरें। गलत या पुराना मोबाइल नंबर देने से टिकट बुकिंग में परेशानी हो सकती है। अगर किसी यात्री के पास मोबाइल नहीं है, तो वह अपने किसी विश्वसनीय परिवार के सदस्य या मित्र का नंबर दे सकता है, बशर्ते बुकिंग के समय वह व्यक्ति साथ हो और ओटीपी प्राप्त कर सके।

भविष्य में और सुधार

रेलवे लगातार अपनी सेवाओं में सुधार करने के लिए प्रयासरत है। ओटीपी आधारित बुकिंग इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले समय में रेलवे और भी कई डिजिटल सुविधाएं शुरू करने की योजना बना रहा है। चेहरा पहचान प्रणाली, डिजिटल टिकट चेकिंग और स्वचालित टिकट मशीनें जैसी सुविधाएं भी जल्द शुरू हो सकती हैं।

यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है। तत्काल टिकट बुकिंग में ओटीपी अनिवार्य करने से न केवल धोखाधड़ी रुकेगी बल्कि यात्रियों को भरोसेमंद और पारदर्शी सेवा मिलेगी। यह कदम रेलवे को आधुनिक और तकनीक से जुड़ी सेवा बनाने में मददगार साबित होगा।

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Asfi Shadab

एक लेखक, चिंतक और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, जो खेल, राजनीति और वित्त की जटिलता को समझते हुए उनके बीच के रिश्तों पर निरंतर शोध और विश्लेषण करते हैं। जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सरल, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।