Winter Session: शीतकालीन सत्र आमतौर पर गंभीर विधायी कार्यों और राष्ट्रीय मुद्दों पर बहस का समय माना जाता है, लेकिन इस बार लोकसभा का वातावरण उस क्षण भारी हो गया, जब सदन के भीतर एक ऐसी गतिविधि का आरोप लगा जिसकी कल्पना तक मुश्किल है। टीएमसी के एक सांसद पर सदन के भीतर ई-सिगरेट पीने का आरोप लगते ही पूरा सदन गूंज उठा, और इस घटना ने न केवल सदन की कार्यवाही को बाधित किया, बल्कि संसद की गरिमा पर भी सीधा प्रश्नचिह्न लगा दिया।
सांसद अनुराग ठाकुर ने उठायी आवाज
प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने अचानक स्पीकर ओम बिरला का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि वे टीएमसी के एक सांसद को सदन के अंदर ई-सिगरेट पीते हुए देख रहे हैं। यह सुनते ही सदन में उपस्थित सदस्यों के बीच हलचल बढ़ गई और विपक्षी सांसदों पर कार्रवाई की मांग तेज होने लगी। कुछ ही क्षणों में सदन की आवाज़ें मुद्दों पर नहीं, बल्कि शोर और आरोपों पर केंद्रित हो गईं।
स्पीकर ओम बिरला की सख्त प्रतिक्रिया
स्पीकर ओम बिरला ने इस मामले पर तुरंत संज्ञान लिया और कहा कि यदि कोई सदस्य सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, तो उस पर नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि लिखित शिकायत दी जाती है, तो जांच अवश्य कराई जाएगी।
देश में ई-सिगरेट प्रतिबंधित
अनुराग ठाकुर ने अपनी ओर से इस मुद्दे को बेहद संजीदगी से उठाया। उनका कहना था कि जब पूरे देश में ई-सिगरेट प्रतिबंधित है, तो संसद जैसे सर्वोच्च संस्थान में इस प्रकार की गतिविधि अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि सदन वह स्थान है जिसे देश का हर नागरिक सम्मान और आशा की दृष्टि से देखता है। यहां का हर व्यवहार आदर्श होना चाहिए, क्योंकि यह सिर्फ कानून बनाने की जगह नहीं, बल्कि नैतिक संदेश देने का मंच भी है।
सदन की मर्यादा पर फिर उठे बड़े सवाल
यह घटना सिर्फ एक विवाद नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक संस्थाओं के आचरण पर गहरा विमर्श खड़ा करती है। पिछले कुछ वर्षों में कई बार सदन के अंदर उठापटक, कुर्सियाँ फेंकने, पोस्टर लगाने जैसी घटनाएँ सुर्खियाँ बनी हैं। अब ई-सिगरेट जैसा आरोप इस सूची को और लंबा कर गया है।
ई-सिगरेट पर कानून क्या कहता है?
भारत में 2019 में ई-सिगरेट पर व्यापक प्रतिबंध लगाया गया था। इसके तहत—उत्पादन,आयात, बिक्री, भंडारण, विज्ञापन सभी पूर्णत: प्रतिबंधित हैं।
ऐसे में अगर संसद के भीतर ही इसका उपयोग पाया जाता है, तो यह न केवल नैतिक, बल्कि कानूनी उल्लंघन भी माना जाएगा।