चुनावी माहौल में एआई तकनीक पर चुनाव आयोग की सख्ती
बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Elections 2025) जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, राज्य का चुनावी माहौल सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी तेजी से गर्म हो रहा है। इसी बीच चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को एआई तकनीक से बने वीडियो और कृत्रिम सामग्री के गलत उपयोग को लेकर कड़ा चेतावनी जारी किया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि कोई भी पार्टी या प्रत्याशी एआई द्वारा निर्मित सामग्री का उपयोग मतदाताओं को भ्रमित करने या झूठा प्रचार फैलाने के लिए न करे।
चुनाव आयोग की सख्त चेतावनी और निर्देश
चुनाव आयोग ने कहा है कि किसी भी राजनीतिक दल, स्टार प्रचारक या उम्मीदवार द्वारा साझा की जाने वाली डिजिटल सामग्री को स्पष्ट रूप से “एआई जनित”, “डिजिटल रूप से संवर्धित” या “कृत्रिम सामग्री” के रूप में चिह्नित किया जाना चाहिए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जनता को यह समझ में आए कि कौन-सा कंटेंट वास्तविक है और कौन-सा तकनीक द्वारा निर्मित है।
आयोग ने यह भी बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर चुनावी माहौल को विकृत होने से बचाने के लिए सख्त निगरानी रखी जा रही है, विशेषकर Bihar Elections 2025 के दौरान।
ECI directs political parties to adhere to MCC and relevant guidelines on the use of AI for synthetic videos targeting rival parties/candidates
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— Election Commission of India (@ECISVEEP) October 9, 2025
सोशल मीडिया पर निगरानी और संभावित कार्रवाई
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। किसी भी प्रकार का एआई द्वारा निर्मित वीडियो, नकली आवाज़, या भ्रामक अभियान सामने आने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
आयोग की साइबर टीम और राज्य स्तरीय अधिकारी लगातार डिजिटल ट्रैफिक और वायरल कंटेंट की समीक्षा कर रहे हैं ताकि किसी भी फर्जी खबर या कृत्रिम प्रचार को रोका जा सके।
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Bihar Elections 2025 की तारीखें और आयोग की तैयारी
इस बार बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे। पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा, जबकि मतों की गिनती 14 नवंबर को होगी। आयोग ने कहा है कि जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आएंगे, सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी का खतरा बढ़ सकता है। इस लिए राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वे केवल सत्यापित जानकारी ही साझा करें।
पिछली बार भी जारी हुई चेतावनी
यह पहली बार नहीं है जब चुनाव आयोग ने एआई तकनीक को लेकर चेतावनी जारी की हो। पिछली लोकसभा चुनाव के दौरान भी आयोग ने सभी दलों को निर्देश दिए थे कि वे कृत्रिम तरीके से झूठा प्रचार न करें। तब भी कई नेताओं के फेक वीडियो वायरल हुए थे, जिनमें आवाज़ और चेहरा बदलकर झूठी बातें कही गई थीं।
लोकतंत्र की साख बनाए रखने की अपील
आयोग ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना सभी राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है। एआई उपकरणों का उपयोग अगर सही दिशा में किया जाए तो यह सूचना प्रसार के लिए उपयोगी हो सकता है, लेकिन इसका गलत इस्तेमाल झूठी या भ्रामक जानकारी फैलाने में किया गया तो यह लोकतंत्र के लिए खतरा बन सकता है।
यदि किसी दल को कृत्रिम या भ्रामक सामग्री साझा करते हुए पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ चुनाव आचार संहिता के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मतदाताओं के लिए संदेश
चुनाव आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे किसी भी वीडियो या संदेश पर बिना जांच के भरोसा न करें। किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले उसकी सत्यता सुनिश्चित करें और केवल विश्वसनीय स्रोतों पर भरोसा करें। यह विशेष रूप से Bihar Elections 2025 के दौरान अत्यंत महत्वपूर्ण है।