दीवाली मुहूर्त ट्रेडिंग 2025 (Diwali Muhurat Trading 2025) की तारीख और समय का ऐलान हो चुका है, और इस बार बाजार में एक ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिलेगा।
दरअसल, वर्षों से रात्रि में आयोजित होने वाला यह विशेष ट्रेडिंग सत्र अब पहली बार दोपहर के समय आयोजित किया जाएगा।
2025 में मुहूर्त ट्रेडिंग मंगलवार, 21 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी, जब निवेशक शुभ लग्न में अपने नए निवेश की शुरुआत करेंगे।
मुहूर्त ट्रेडिंग क्या है?
मुहूर्त ट्रेडिंग हिंदू पंचांग के अनुसार दीवाली के दिन आयोजित एक विशेष प्रतीकात्मक ट्रेडिंग सत्र होता है।
यह सत्र सम्वत वर्ष (Hindu New Year) की शुरुआत को दर्शाता है और इसे निवेश की दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है।
देशभर के निवेशक इस समय को न केवल आर्थिक लाभ के प्रतीक के रूप में देखते हैं, बल्कि इसे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का अवसर भी मानते हैं।
“मुहूर्त” शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है — शुभ समय।
इस दौरान किए गए निवेश को दीर्घकालिक समृद्धि और सौभाग्य का सूचक माना जाता है।
मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा कब शुरू हुई?
इस विशेष परंपरा की शुरुआत 1957 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने की थी।
उस समय इसे “चोपड़ा पूजन” समारोह के साथ जोड़ा गया था — यह वह अनुष्ठान है जिसमें व्यापारी नए लेखा-वर्ष की शुरुआत करते हैं और अपने खाते की पुस्तिकाएँ (खाते) खोलते हैं।
गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र के व्यापारी परिवार पहले से ही दीवाली को नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के रूप में मनाते रहे हैं।
जब आधुनिक शेयर बाज़ार अस्तित्व में आए, तब परंपरा को समाप्त करने की बजाय, उसे ट्रेडिंग के आधुनिक स्वरूप में ढाल दिया गया।
बाद में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने भी इस प्रथा को अपनाया, जिससे यह आयोजन पूरे देश में प्रचलित हो गया।
दीवाली मुहूर्त ट्रेडिंग 2025 की तिथि और समय
वर्ष 2025 में, मुहूर्त ट्रेडिंग मंगलवार, 21 अक्टूबर को होगी।
इस बार यह आयोजन रात्रि के बजाय दोपहर में किया जाएगा — यह बदलाव कई वर्षों बाद देखा जा रहा है।
नीचे पूरा टाइम-टेबल देखें
सत्र | समय |
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Pre-Open Session | दोपहर 1:30 बजे से 1:45 बजे तक |
Main Trading Session | दोपहर 1:45 बजे से 2:45 बजे तक |
Post-Close Modification | दोपहर 2:45 बजे से 2:55 बजे तक |
इस अवधि के दौरान निवेशक BSE और NSE दोनों पर वास्तविक ट्रेड कर सकेंगे, जो सामान्य बाज़ार नियमों के तहत सेटल होंगे।
हालाँकि यह प्रतीकात्मक निवेश माना जाता है, लेकिन इसके आर्थिक और भावनात्मक दोनों पहलू निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
दीवाली और निवेश का पारंपरिक संबंध
दीवाली को केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आर्थिक नववर्ष का आरंभ भी माना जाता है।
इस दिन व्यापारी और निवेशक लक्ष्मी पूजन के साथ अपने नए निवेश की शुरुआत करते हैं।
कई लोगों का मानना है कि इस समय किया गया निवेश दीर्घकालिक रूप से लाभदायक साबित होता है।
आमतौर पर दीवाली के दिन बाजारों में सकारात्मक रुझान देखने को मिलता है क्योंकि निवेशक उत्साह और आस्था से प्रेरित होकर खरीदारी करते हैं।
पिछले कई वर्षों के आँकड़े भी बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन अधिकांश बार बाजार हरे निशान में बंद हुए हैं।
कब रहेगा बाजार बंद?
मुहूर्त ट्रेडिंग के अलावा, दीवाली लक्ष्मी पूजन के दिन और 22 अक्टूबर (बली प्रतिपदा) को BSE और NSE दोनों ही बंद रहेंगे।
यानि, सामान्य कारोबार इन तिथियों पर नहीं होगा।
इस बार दोपहर में क्यों हो रहा है बदलाव?
जानकारों का मानना है कि इस बार समय में बदलाव का कारण खगोलीय गणना और तिथि परिवर्तन है।
2025 में अमावस्या तिथि और प्रदोषकाल का योग दिन के पहले भाग में पड़ रहा है, इसलिए मुहूर्त ट्रेडिंग को शाम से बदलकर दोपहर में शिफ्ट किया गया है।
यह निर्णय भारतीय बाजार नियामकों द्वारा पंचांग और बाजार गतिविधियों के संतुलन को ध्यान में रखकर लिया गया है।
निवेशकों के लिए सलाह
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इस अवधि में हल्के प्रतीकात्मक निवेश करना शुभ माना जाता है।
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अधिकतर निवेशक ब्लू-चिप या लॉन्ग-टर्म स्टॉक्स में निवेश करना पसंद करते हैं।
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निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना हमेशा बुद्धिमानी है।
2025 में दीवाली मुहूर्त ट्रेडिंग 21 अक्टूबर (मंगलवार) को दोपहर 1:30 से 2:55 बजे के बीच आयोजित की जाएगी।
यह परिवर्तन न केवल परंपरा में नया अध्याय जोड़ता है, बल्कि आधुनिक निवेशकों के लिए एक अनोखा अनुभव भी लाएगा।
शुभ मुहूर्त में किया गया निवेश केवल आर्थिक लाभ ही नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और विश्वास का प्रतीक भी है — यही दीवाली की असली भावना है।