N. Chandrababu Naidu: श्रीकाकुलम मंदिर हादसे में 9 लोगों की मौत, रेलिंग टूटने से मचा हड़कंप
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में शनिवार को एक निजी मंदिर में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 8 महिलाएं और एक 12 वर्षीय बच्चा शामिल हैं। यह हादसा तब हुआ जब श्रद्धालु मंदिर की पहली मंजिल की ओर जा रहे थे और अचानक सीढ़ियों की लोहे की रेलिंग टूट गई, जिससे लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे।
घटना स्थल पर मचा अफरातफरी
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, मंदिर के अंदर बड़ी संख्या में श्रद्धालु कार्तिक एकादशी के मौके पर पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे थे। जैसे ही रेलिंग टूटी, कई लोग संतुलन खो बैठे और नीचे गिर गए। कुछ ही सेकंड में हालात बेकाबू हो गए।
शुरुआती रिपोर्ट्स में कहा गया था कि यह भगदड़ (Stampede) थी, लेकिन बाद में पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह संरचनात्मक गिरावट (Structural Failure) के कारण हुआ हादसा था, न कि भीड़ के दबाव से मची भगदड़।
पुलिस ने बताई चौंकाने वाली बात
श्रीकाकुलम के पुलिस अधीक्षक केवी महेश्वर रेड्डी ने बताया,
“यह मंदिर एक निजी व्यक्ति द्वारा बनाया गया था। आयोजन समिति ने न तो पुलिस से अनुमति ली और न ही किसी तरह का सुरक्षा बंदोबस्त कराया। मंदिर पहली मंजिल पर बना था और रेलिंग बहुत कमजोर थी। जब भक्त ऊपर जा रहे थे, तो अचानक रेलिंग गिर गई, जिससे नीचे गिरने वालों के ऊपर अन्य लोग भी गिर पड़े।”

रेड्डी ने यह भी स्पष्ट किया कि लोग लगभग छह फीट ऊंचाई से गिरे, जिससे कई लोगों की सांस रुक गई और गंभीर चोटें आईं।
गृह मंत्री वंगालापुडी अनीता ने बताई हादसे की वजह
राज्य की गृह मंत्री वंगालापुडी अनीता ने भी मौके का दौरा किया और हादसे की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि
“रेलिंग के कमजोर होने और अत्यधिक भीड़ के कारण यह घटना हुई। यह कोई भगदड़ नहीं थी, बल्कि संरचनात्मक लापरवाही का परिणाम थी।”
उन्होंने बताया कि मंदिर के मालिक और आयोजन समिति ने प्रशासन को पूर्व सूचना नहीं दी, जबकि इस तरह के आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था अनिवार्य है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक, घोषित की सहायता राशि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से मुआवजे की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि मृतकों के परिजनों को ₹2-2 लाख और घायलों को ₹50,000 की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा —
“आंध्र प्रदेश में हुई इस दुखद घटना से गहरा दुख हुआ है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
मुख्यमंत्री नायडू ने दिए जांच और इलाज के आदेश
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अधिकारियों को घायलों के बेहतर इलाज के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सुनिश्चित करेगी कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
“यह अत्यंत पीड़ादायक घटना है। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे इस हादसे की विस्तृत जांच करें और भविष्य के लिए ठोस सुरक्षा दिशानिर्देश तैयार करें,” उन्होंने कहा।
निजी मंदिर और प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि निजी धार्मिक संस्थानों में होने वाले आयोजनों पर सरकारी निगरानी की कमी क्यों है। कई स्थानीय निवासियों का कहना है कि मंदिर का निर्माण बिना पर्याप्त संरचनात्मक अनुमति के हुआ था और भीड़ नियंत्रण के उपाय नहीं किए गए।
विशेषज्ञों के अनुसार, “ऐसे आयोजनों में Crowd Management Protocol का पालन अनिवार्य होना चाहिए, चाहे आयोजन निजी स्तर पर ही क्यों न हो।”
Venkateshwara stampede news: श्रद्धालुओं में मातम, पूरे इलाके में शोक
श्रीकाकुलम जिले में यह खबर फैलते ही पूरा इलाका शोक में डूब गया। कई परिवारों ने अपने परिजनों को खो दिया, जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं जो पूजा के लिए मंदिर आई थीं। स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है।
श्रीकाकुलम मंदिर हादसा आस्था और लापरवाही के बीच टकराव का एक दर्दनाक उदाहरण है। रेलिंग का टूटना और सुरक्षा उपायों की कमी ने कई परिवारों को उजाड़ दिया।
अब सवाल यह है कि क्या इस घटना के बाद राज्य सरकार निजी धार्मिक आयोजनों के लिए कड़े सुरक्षा मानदंड लागू करेगी, या यह हादसा भी सिर्फ एक सांत्वना बयान तक सीमित रह जाएगा।