बिहार में एनडीए की तैयारी और पहली सूची
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दृष्टिगत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की चुनावी तैयारी पूरी गति से चल रही है। भाजपा जल्द ही उम्मीदवारों के नाम फाइनल करने के लिए बैठक करने जा रही है। एनडीए में सीट बंटवारे पर सभी सहयोगी दलों के बीच सहमति बन गई है।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। बैठक के अगले दिन एनडीए की पहली सूची जारी होने की उम्मीद है।
सीट बंटवारे की रणनीति
एनडीए के सहयोगी दलों में यह तय हो चुका है कि सीट बंटवारे के लिए सभी दलों के उम्मीदवारों का समन्वय किया जाएगा। बिहार में एनडीए के प्रमुख सहयोगी जदयू ने अपने प्रत्याशियों की सूची पहले ही फाइनल कर ली है।
भाजपा ने अपने सहयोगी दलों – लोजपा (रामविलास), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी – के साथ बातचीत कर सीट बंटवारे पर सहमति बनाई है। इसके बाद ही उम्मीदवारों के नामों का एलान होगा।
चुनावी मुकाबला और प्रशांत किशोर का रोल
इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन एनडीए का मुख्य प्रतिद्वंद्वी है। इसके अलावा प्रशांत किशोर की पार्टी – जन सुराज पार्टी (जसुपा) भी चुनावी अखाड़े में कूद चुकी है।
विश्लेषकों का कहना है कि इस बार का चुनाव सिर्फ एनडीए और महागठबंधन के बीच नहीं, बल्कि जसुपा की भूमिका भी निर्णायक होगी। प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी कितनी प्रभावी रणनीति अपना पाते हैं, यह पूरे चुनावी परिदृश्य को प्रभावित करेगा।
रणनीति और प्रचार की रूपरेखा
एनडीए की बैठक में तय हुआ है कि उम्मीदवारों की घोषणा के बाद चुनावी प्रचार की रणनीति पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसमें तय होगा कि नेताओं की सभाओं और रोड शो की योजना किस प्रकार से लागू की जाएगी।
जदयू और भाजपा के नेताओं ने मिलकर यह सुनिश्चित किया है कि सभी क्षेत्रों में सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन के साथ चुनाव अभियान चले। इससे पार्टी की छवि मजबूत होगी और चुनावी मैदान में प्रभावी रूप से प्रतिस्पर्धा की जा सकेगी।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए ने सख्त रणनीति और सहयोगी दलों के समन्वय से अपनी स्थिति मजबूत की है। सीट बंटवारे पर सहमति और उम्मीदवारों की पहली सूची के जल्द एलान से पार्टी चुनावी तैयारी में गति ला रही है।
इस बार का चुनाव न केवल एनडीए और महागठबंधन के बीच प्रतिस्पर्धा होगा, बल्कि प्रशांत किशोर की पार्टी भी निर्णायक भूमिका निभा सकती है। बिहार की जनता इस चुनाव को लेकर उत्साहित है और राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव की उम्मीद कर रही है।