Darbhanga Housing Colony Vigilance: बिजली विभाग के इंजीनियर के ठिकाने से बरामद भारी नकदी
दरभंगा, बिहार — Darbhanga Housing Colony Vigilance टीम ने बुधवार सुबह बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रणव कुमार के किराए के मकान पर एक बड़ी छापेमारी की। यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) के संदेह में की गई है। सुबह 8 बजे शुरू हुई यह कार्रवाई कई घंटे तक जारी रही और मौके पर विजिलेंस के अधिकारी लगातार जांच में जुटे रहे।
सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में नकदी (Cash Seizure), कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़, और अन्य अहम सामग्रियां बरामद हुई हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, बरामद दस्तावेजों में कई ऐसे कागजात शामिल हैं जो बिजली विभाग में संभावित भ्रष्टाचार और संदिग्ध लेनदेन के बड़े खुलासे का आधार बन सकते हैं।
विजिलेंस के अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान प्रणव कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके अलावा, विभाग के दो अन्य कर्मियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। अधिकारी यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई भी संदिग्ध लेनदेन जांच से बच न सके।
Darbhanga Housing Colony Vigilance कार्रवाई से पूरे बिजली विभाग में हड़कंप मच गया है। अधिकारीयों के अनुसार, बरामद नकदी और दस्तावेजों की जांच में पता चल सकता है कि प्रणव कुमार और उसके सहयोगियों ने लंबे समय से विभागीय नियमों का उल्लंघन करते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है।

एक वरिष्ठ विजिलेंस अधिकारी ने कहा —
“हमें आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिली थी। प्रारंभिक जांच में कई संदिग्ध लेनदेन की जानकारी सामने आई है। बरामद नकदी और दस्तावेजों की जांच की जा रही है।”
बिजली विभाग के स्थानीय कर्मचारियों और अफसरों में अफरा-तफरी का माहौल है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह छापेमारी सिर्फ Darbhanga ही नहीं, बल्कि पूरे जिले के बिजली विभाग के कर्मचारियों के लिए एक चेतावनी है। अधिकारी अब यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी संदिग्ध दस्तावेज़ सुरक्षित तरीके से विजिलेंस मुख्यालय भेजे जाएं।
वेब स्टोरी:
Darbhanga Housing Colony Vigilance टीम का कहना है कि जांच और छानबीन में कई और तथ्य सामने आ सकते हैं, जो आगे चलकर विभागीय सुधार और भ्रष्टाचार के मामलों में निर्णायक साबित होंगे। विजिलेंस की टीम देर शाम तक तलाशी अभियान पूरी कर सकती है।
इस मामले से स्थानीय जनता में भी बिजली विभाग और सरकारी अधिकारियों की ईमानदारी को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। लोगों का कहना है कि ऐसे मामलों का सार्वजनिक रूप से खुलासा होना चाहिए ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कदम उठाए जा सकें।