Bihar Government Corruption Arrest: जहानाबाद में राजस्व कर्मचारी अविनाश कुमार गिरफ्तार
जहानाबाद से बड़ी खबर है। बिहार में सरकारी कर्मचारियों में भ्रष्टाचार की घटनाओं ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। सदर प्रखंड में तैनात राजस्व कर्मचारी अविनाश कुमार को निगरानी विभाग की टीम ने 5 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। इस मामले ने प्रशासनिक तंत्र में हड़कंप मचा दिया है और आम जनता में सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या “सुशासन” केवल शब्दों में ही रह गया है।
सूत्रों के अनुसार, अविनाश कुमार ने दाखिल-खारिज (mutation) के नाम पर स्थानीय नागरिक से रिश्वत मांगी थी। शिकायत मिलने के बाद निगरानी विभाग ने जाल बिछाया। जैसे ही अविनाश कुमार ने पैसे स्वीकार किए, टीम ने मौके पर ही उसे गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी के बाद सरकारी दफ्तरों में अफरा-तफरी मची हुई है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के Bihar Government Corruption Arrest मामलों से यह साफ होता है कि निगरानी और पारदर्शिता के तंत्र में सुधार की लगातार जरूरत है। अविनाश कुमार की गिरफ्तारी न केवल एक चेतावनी है बल्कि यह संदेश भी देती है कि रिश्वतखोरी करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
लोकल लोगों का कहना है कि ऐसे भ्रष्टाचार की घटनाएं आम जनता को सरकारी सुविधाओं से वंचित कर देती हैं। वहीं कुछ अधिकारी मानते हैं कि यह कार्रवाई बिहार में ईमानदार प्रशासन के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, अब निगरानी विभाग अविनाश कुमार से पूछताछ कर रहा है और मामले की विस्तृत जांच जारी है। अगर जांच में और भी गड़बड़ी सामने आती है, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वेब स्टोरी:
इस घटना ने राज्य में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक जवाबदेही पर एक बार फिर बहस छेड़ दी है। आम लोग पूछ रहे हैं कि जब जनता के हित में काम करने वाले कर्मचारियों से ही रिश्वत ली जा रही है, तो सुशासन की अवधारणा कहां रह गई?
विशेष नोट: यह मामला Bihar Government Corruption Arrest की श्रेणी में आता है, और इसे राज्य एवं केंद्रीय प्रशासन दोनों ही गंभीरता से देख रहे हैं।