गठबंधन में सीट बंटवारे पर झामुमो की तैयारी
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में तेजी ला दी है। महागठबंधन के तहत सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए पार्टी ने पटना में राजद नेताओं के साथ बैठकें कीं। इन वार्ताओं में झामुमो ने कटोरिया और मनिहार आदिवासी आरक्षित सीटों पर अपना दावा पेश किया।
राज्य ब्यूरो, रांची के अनुसार, पार्टी के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू और महासचिव विनोद पांडेय ने बैठक में स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनावी रणनीति के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती जिलों में पार्टी का आधार मजबूत करना प्राथमिकता है, क्योंकि यह क्षेत्र पारंपरिक रूप से झामुमो के प्रभाव में हैं।
तेजस्वी यादव से मुलाकात और सीटों पर दावा
मंगलवार को झामुमो नेताओं ने राजद नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात की और बिहार में पार्टी के दावों पर चर्चा की। इस बैठक में बांका, कटोरिया, चकाई, तारापुर, मनिहार, पूर्णिया और धमदाहा जैसी सीटों पर पार्टी ने अपना दावा पेश किया।
विशेष रूप से कटोरिया और मनिहार आदिवासी आरक्षित (एसटी) सीटें हैं, जहां झामुमो का आधार मजबूत है। इसलिए इन सीटों को झामुमो को आवंटित किए जाने की संभावना अधिक है। महासचिव पांडेय ने बताया कि राजद नेताओं के साथ हुई वार्ता सकारात्मक और फलदायक रही है।
सीमावर्ती जिलों में रणनीति
पार्टी की बैठक में कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से यह निर्देश दिया गया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में पार्टी का संगठन मजबूत किया जाए। पांडेय ने कहा कि यह कदम महागठबंधन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इन सीटों पर जीत हासिल करना गठबंधन को मजबूत करेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के आदिवासी और सीमावर्ती जिलों में पार्टी का पारंपरिक प्रभाव चुनावी रणनीति में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए झामुमो बिहार इकाई को सक्रिय करने और Grassroots स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखने पर जोर दिया गया।
महागठबंधन की मजबूती के लिए झामुमो की भूमिका
पटना में हुई वार्ता महागठबंधन में सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। बैठक के निष्कर्षों से पार्टी प्रमुख हेमंत सोरेन को अवगत कराया जाएगा।
झामुमो के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि बिहार के सीमावर्ती जिलों में पार्टी का प्रभाव और आदिवासी आरक्षित सीटों पर पकड़ महागठबंधन की जीत में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।
पांडेय ने कहा कि “इन सीटों पर जीत हासिल करना महागठबंधन के लिए केवल चुनावी सफलता नहीं, बल्कि राजनीतिक मजबूती भी सुनिश्चित करेगा।” उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि सभी क्षेत्रों में संगठन और जनसंपर्क को और मजबूती से बढ़ाया जाए।
झारखंड मुक्ति मोर्चा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन के हिस्से के रूप में सशक्त और निर्णायक भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है। कटोरिया और मनिहार जैसी आदिवासी आरक्षित सीटों पर दावा और सीमावर्ती जिलों में पार्टी का फोकस इसे और स्पष्ट करता है।
महागठबंधन के सहयोग से झामुमो का लक्ष्य केवल सीटें जीतना नहीं है, बल्कि बिहार में आदिवासी और सीमावर्ती समुदायों के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करना भी है। आगामी चुनावी मुकाबले में झामुमो की रणनीति और भूमिका राजनीतिक परिदृश्य को काफी हद तक प्रभावित कर सकती है।