सीट शेयरिंग के बाद बोले जीतन राम मांझी – “शिकायत नहीं है”, पर चेहरे के भाव बोले कुछ और

अक्टूबर 12, 2025

6 सीटों पर मिली हिस्सेदारी, पर दिखी निराशा की झलक

एनडीए के सीट बंटवारे में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को कुल 6 विधानसभा सीटें दी गई हैं। सूत्रों के अनुसार, मांझी इससे पहले 10 से अधिक सीटों की उम्मीद लगाए बैठे थे। हालांकि उन्होंने मीडिया के सामने नाराजगी जाहिर नहीं की, लेकिन जानकार बताते हैं कि पार्टी के अंदरूनी हलकों में इस निर्णय को लेकर असंतोष व्याप्त है।

एक वरिष्ठ हम नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “हमारी पार्टी को जो सीटें मिली हैं, वे हमारी संगठनात्मक मजबूती के अनुपात में नहीं हैं। लेकिन फिलहाल मांझी जी ने माहौल को शांत रखने का निर्णय लिया है।”


“हम एनडीए में हैं और रहेंगे” — मांझी का संकेत

पत्रकारों के लगातार सवालों पर मांझी ने कहा,

“हम एनडीए में हैं और रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का विकास ही हमारी प्राथमिकता है।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि “हर चुनाव में समीकरण बदलते हैं, पर हमें संगठन की एकजुटता बनाए रखनी है।”

मांझी के इस बयान से साफ झलकता है कि वह अभी किसी तरह का विवाद नहीं चाहते, खासकर तब जब एनडीए को एकजुटता का संदेश देना आवश्यक है।


विपक्ष ने साधा निशाना

इधर, विपक्षी दलों ने मांझी के इस “संयमित असंतोष” को तुरंत भांप लिया है। राजद प्रवक्ता ने तंज कसते हुए कहा,

“मांझी जी का चेहरा सब कुछ बोल गया। एनडीए में छोटी पार्टियों को सिर्फ दिखावे के लिए रखा गया है, असल फैसले भाजपा और जेडीयू ही लेती हैं।”

कांग्रेस नेताओं ने भी कहा कि “एनडीए में सहयोगियों के सम्मान की कोई जगह नहीं रह गई है।”


एनडीए में भीतरघात का संकेत?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एनडीए के अंदरूनी समीकरण अभी स्थिर नहीं हुए हैं। चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और अब जीतन राम मांझी जैसे नेताओं की प्रतिक्रियाएँ यह इशारा कर रही हैं कि सीट शेयरिंग को लेकर असंतोष धीरे-धीरे सतह पर आ सकता है।

राजनीतिक टिप्पणीकारों के अनुसार, मांझी भले अभी चुप हैं, लेकिन चुनावी मैदान में टिकट वितरण के बाद उनकी रणनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

सीट बंटवारे के बाद मांझी का “संतुष्टि वाला बयान” भले राजनीतिक तौर पर सही प्रतीत हो, लेकिन उनके चेहरे के भाव और पार्टी के अंदरूनी असंतोष इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि एनडीए की अंदरूनी राजनीति आने वाले दिनों में और दिलचस्प मोड़ ले सकती है।

राजनीतिक गलियारों में अब सभी की नजर इस बात पर है कि क्या मांझी आगे भी एनडीए के साथ बने रहेंगे, या भविष्य में कोई नया समीकरण तैयार करेंगे।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com