बीएसपी की जीत और मतगणना की गाथा
मतगणना के दौरान रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जबरदस्त तनाव देखा गया। प्रारंभिक दौर से ही बीएसपी और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर रही। पहले 25 राउंड में बीएसपी ने बढ़त बनाई, लेकिन धीरे-धीरे यह बढ़त कम होती गई। मतगणना में विलंब और पोस्टल वोटों की दोबारा गिनती ने स्थिति को और नाजुक बना दिया।
पत्थरबाजी और सड़क जाम
मतगणना के दौरान बीएसपी समर्थकों ने अपने जज्बातों को नियंत्रित नहीं किया और सड़क जाम व पत्थरबाजी जैसी घटनाएं हुईं। चुनाव अधिकारी के वाहन को भी नुकसान पहुंचा। बावजूद इसके सतीश यादव और उनके समर्थक शांतिपूर्वक संघर्ष करते रहे।

जीत का ऐतिहासिक महत्व
बीएसपी की यह जीत मात्र चुनावी सफलता नहीं बल्कि जनता और सरकार के बीच शक्ति संतुलन का प्रतीक है। सतीश कुमार सिंह यादव ने कहा कि यह जीत जनता की जीत है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 2020 में हुई घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए, इसलिए जनता ने भी सड़कों पर संघर्ष किया और अंततः जनादेश अपने पक्ष में किया।
विकास और जनता का विश्वास
सतीश कुमार सिंह यादव ने चुनावी जीत के बाद शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक कार्य करने का वचन दिया। उनका कहना है कि जनता ने उन पर विश्वास जताया है और अब वह अपने सभी वादों को पूरा करेंगे।
बीएसपी का रणनीतिक लाभ
इस जीत से बीएसपी को न केवल रामगढ़ विधानसभा में बल्कि पूरे बिहार में राजनीतिक मजबूती मिली है। छोटे मत अंतर से मिली जीत यह संकेत देती है कि जनता अब राजनीतिक विकल्पों और निष्पक्ष शासन की ओर अधिक ध्यान दे रही है।
रामगढ़ विधानसभा का यह चुनाव केवल एक सीट का परिणाम नहीं बल्कि जनता और प्रशासन के बीच भरोसे की कसौटी है। बीएसपी की जीत ने यह साबित कर दिया कि छोटे मत अंतर में भी जनता का निर्णय निर्णायक होता है और लोकतंत्र की सच्ची ताकत जनता की आवाज में है।
बाइट: सतीश कुमार सिंह यादव (बीएसपी प्रत्याशी, रामगढ़ विधानसभा)