Bihar Assembly Election 2025: NDA में सीट बंटवारे को लेकर चिराग पासवान की मजबूत मांग
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Election 2025) की घोषणा के बाद से ही राज्य की सियासी हलचल तेज हो गई है। एनडीए गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर बातचीत और रणनीतिक मंथन जोर पकड़ चुका है। पटना में सोमवार देर शाम करीब 40 मिनट तक हुई बैठक में चिराग पासवान और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने सीट शेयरिंग को लेकर गहन चर्चा की।
सूत्रों के मुताबिक, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) [LJP(RV)] के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बैठक में साफ कहा कि उनकी पार्टी की मांगें सिर्फ राजनीतिक मजबूती के लिए नहीं, बल्कि पिछले लोकसभा चुनाव 2024 में मिली जीत के आधार पर होंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद सीटों पर सम्मानजनक हिस्सेदारी उन्हें मिलनी चाहिए।
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LJP(RV) की मांगें:
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पार्टी ने लोकसभा 2024 में जीती गई 5 सीटों को आधार बनाकर विधानसभा सीटों की मांग रखी।
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हर जीती हुई लोकसभा सीट से कम से कम दो विधानसभा सीटें एलजेपी के खाते में दी जाएं।
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पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की परंपरागत सीटों की भी मांग रखी गई है, जिसमें गोविंदगंज से पार्टी प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी की सीट प्रमुख है।
बैठक में बीजेपी नेताओं ने चिराग पासवान की बातों को गंभीरता से सुना और कहा कि उनकी मांगों पर पार्टी स्तर पर चर्चा कर जल्द जवाब दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, आगामी 2-3 दिनों में एनडीए में सीट बंटवारे का फाइनल फार्मूला सामने आ सकता है।
एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर मंथन जारी है। जेडीयू और बीजेपी के बीच भी कई सीटों पर रस्साकशी चल रही है। बीजेपी का मानना है कि पिछली बार जिन सीटों पर उसका प्रदर्शन मजबूत रहा, उन्हें इस बार भी मौका मिलना चाहिए। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि एनडीए इस बार लोकसभा जीत के फॉर्मूले को विधानसभा चुनाव में भी दोहराने की योजना बना रहा है। वहीं, चिराग पासवान चाहते हैं कि उनकी पार्टी को सम्मानजनक हिस्सेदारी मिले ताकि उनकी राजनीतिक जमीन मजबूत बनी रहे।
चिराग पासवान की रणनीति:
एलजेपी (रामविलास) अध्यक्ष ने साफ किया कि उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे जोश और मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगी। हालांकि उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अगर उनकी पार्टी को नजरअंदाज किया गया, तो गठबंधन निर्णय कठिन हो सकता है।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Election 2025) में एनडीए के भीतर सीटों की खींचतान महागठबंधन जैसी जटिलता पेश कर सकती है। हालांकि चिराग की स्पष्ट रणनीति और 2024 लोकसभा नतीजों के आधार पर उनकी मांगें गठबंधन के लिए चुनौतीपूर्ण मोड़ लेकर आ सकती हैं।
वेब स्टोरी:
इस बीच, सीट शेयरिंग को लेकर होने वाली आगामी बैठकों पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। एनडीए के भीतर फाइनल फार्मूले पर मुहर लगते ही बिहार की राजनीतिक तस्वीर और चुनावी रणनीतियों पर गहरा असर पड़ सकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Election 2025) में सीट बंटवारे की यह सियासत यह दर्शाती है कि गठबंधन में शक्ति संतुलन, चुनावी जीत और नेताओं की मांगें कैसे आपस में टकरा सकती हैं।