दिल्ली से पटना पहुंचे चिराग, चुप्पी ने बढ़ाई राजनीतिक सरगर्मी | Chirag Paswan
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक हलचलें तेज होती जा रही हैं। एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में सीट बंटवारे की चर्चा के बीच सबकी निगाहें लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान पर टिकी हैं।
दिल्ली से पटना लौटे चिराग पासवान ने सीट शेयरिंग पर पत्रकारों के सवालों को टाल दिया और कहा कि “अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।” हालांकि उन्होंने इस मौके पर अपने पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए बड़े संकेत जरूर दिए।
यह भी पढ़ें:
आचार संहिता लागू होते ही रोहतास गोलीकांड घटना से दहशत, शिवपुरी मोहल्ले में युवक को गोली मारकर किया घायल
पिता के सपनों को पूरा करने का लिया संकल्प
चिराग पासवान ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर पिता को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा —
“पापा, आपने बिहार के समग्र और सर्वांगीण विकास का जो सपना देखा था, अब उसे साकार करने का समय आ गया है। आपने जो जिम्मेदारी मेरे कंधों पर सौंपी थी, उसे निभाना मेरे जीवन का उद्देश्य और कर्तव्य है।”
उन्होंने आगे लिखा कि बिहार में लोकतंत्र का महापर्व शुरू होने जा रहा है और यह अवसर उनके पिता के अधूरे संकल्पों को पूरा करने का है। चिराग के इस भावनात्मक संदेश को उनके समर्थक “राजनीतिक संदेश” के रूप में भी देख रहे हैं, क्योंकि इसमें उन्होंने भविष्य की दिशा को लेकर एक स्पष्ट संकेत दिया है।
‘बिहार को नई दिशा देने का समय आ गया है’
पिता को याद करते हुए चिराग ने कहा कि बिहार को अब नई दिशा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हर बिहारी के सपनों को साकार करने का समय आ गया है, और यही उनके पिता की असली विरासत है।
चिराग पासवान ने कहा, “आज बिहार को उस विकास की राह पर ले जाना है, जहां जात-पात और भेदभाव की राजनीति खत्म हो और हर वर्ग को समान अवसर मिले। यही मेरे पिता की सोच थी, और मैं उस सोच को धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”
कार्यकर्ताओं को चुनावी संदेश
पटना पहुंचने के बाद चिराग पासवान ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने उन्हें “मिशन बिहार विकास” के तहत आगामी विधानसभा चुनाव में जुटने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि “लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)” केवल एक राजनीतिक दल नहीं, बल्कि बदलाव का आंदोलन है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे हर बूथ और हर गांव तक पहुंचें और जनता को यह संदेश दें कि एलजेपी (रामविलास) बिहार को एक नई सोच और नई दिशा देने आई है।
पिता की विरासत और भविष्य की राजनीति
चिराग पासवान के ताजा बयान ने बिहार की राजनीति में नई चर्चा छेड़ दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सीट शेयरिंग पर उनकी चुप्पी एक रणनीतिक कदम है। वह एनडीए में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए समय का इंतजार कर रहे हैं, जबकि दूसरी ओर वह अपनी स्वतंत्र राजनीतिक पहचान भी बनाए रखना चाहते हैं।
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि चिराग पासवान अपने पिता की विरासत को आधुनिक राजनीतिक शैली के साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उनके हालिया बयानों में भावनात्मक अपील के साथ-साथ एक ठोस राजनीतिक संदेश भी झलकता है।
‘पापा, आपकी प्रेरणा मेरे मार्गदर्शक’ — भावुक संदेश
अपने एक्स पोस्ट के अंत में चिराग पासवान ने लिखा —
“पापा, आपकी प्रेरणा, आशीर्वाद और आदर्श सदैव मेरे मार्गदर्शक रहेंगे।”
उनका यह संदेश न केवल भावनात्मक था, बल्कि इसमें बिहार की राजनीति के भविष्य के लिए एक संकेत भी छिपा था। उनके समर्थक इसे “चिराग युग” की शुरुआत के रूप में देख रहे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चिराग पासवान का यह बयान और उनका पिता रामविलास पासवान को भावनात्मक रूप से याद करना, दोनों ही राजनीतिक रणनीति और संवेदना का मिश्रण हैं। सीट शेयरिंग पर उनकी चुप्पी और पिता के सपनों को साकार करने का संकल्प, एनडीए में उनके बढ़ते कद का संकेत है।
अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में एनडीए में सीट बंटवारे पर चिराग की भूमिका कैसी होती है और क्या वह रामविलास पासवान की विरासत को राजनीतिक शक्ति में तब्दील करने में सफल होते हैं या नहीं।