बिहार के जनादेश पर राष्ट्रीय राजनीति में नई हलचल
असम के मुख्यमंत्री ने बिहार की जनता के प्रति जताया आभार
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के रुझान जैसे-जैसे राष्ट्रीय सुर्खियों में उभर रहे हैं, पूरे राजनीतिक परिदृश्य में नई चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में कार्यरत एनडीए गठबंधन स्पष्ट बहुमत की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। ऐसे में अनेक नेताओं की प्रतिक्रियाएँ सामने आने लगी हैं। इन्हीं प्रतिक्रियाओं की श्रृंखला में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का वक्तव्य विशेष रूप से चर्चा में है। उन्होंने बिहार की जनता के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए विपक्ष के प्रमुख नेता राहुल गांधी पर अपनी चिर-परिचित शैली में व्यंग्यबाण भी साधा।
पत्रकारों से वार्ता के दौरान सीएम सरमा ने कहा कि राहुल गांधी जहाँ भी चुनाव प्रचार करते हैं, वहाँ भाजपा की जीत लगभग तय मानी जाती है। उन्होंने हँसी-हँसी में कहा कि राहुल गांधी को वे भाजपा का “स्टार प्रचारक” मानते हैं, क्योंकि उनकी उपस्थिति से भाजपा का जनसमर्थन बढ़ता ही दिखता है। सरमा ने दावा किया कि उन्होंने यह बात बिहार चुनाव अभियान के दौरान भी कही थी और अब परिणाम उनकी टिप्पणी को प्रमाणित कर रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी को असम आने का न्योता देते हुए कहा कि जैसे बिहार में उनका स्वागत किया गया, वैसे ही असम में भी उनका हार्दिक स्वागत होगा।
विपक्ष पर प्रहार और आगामी असम चुनाव का संकेत
सीएम सरमा ने केवल बिहार परिणामों पर प्रतिक्रिया तक अपने विचार सीमित नहीं रखे, बल्कि असम के राजनीतिक हालात पर भी संकेत दिए। उन्होंने कहा कि असम में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में विपक्षी दलों का “सूपड़ा साफ” होना तय है। उनके अनुसार, राज्य की जनता पिछले वर्षों में किए गए विकास कार्यों और सुशासन को भली-भाँति देख रही है और इसी कारण आगामी चुनावों में भी भाजपा को स्पष्ट बहुमत प्राप्त होगा।
सरमा का यह दावा न केवल विपक्ष पर राजनीतिक दबाव बढ़ाने का प्रयास माना जा रहा है, बल्कि भाजपा समर्थकों में उत्साह का संचार करने की रणनीति भी मानी जा रही है। असम में भाजपा की सरकार लगातार अपने विकास कार्यों और राष्ट्रीय राजनीति से तालमेल की नीति पर बल देती रही है, जिसका प्रभाव वे अगले चुनावों में देखे जाने का दावा कर रहे हैं।
बिहार की जीत को केंद्र की विकास नीति का समर्थन बताया
असम के मुख्यमंत्री ने एक्स प्लेटफ़ॉर्म पर अपने संदेश में कहा कि बिहार के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रशासनिक दिशा पर निरंतर भरोसा दिखा रहे हैं। उन्होंने लिखा कि बिहार में विकास और विश्वास का कालखंड जारी है, और इस चुनाव में मिली जीत यह दर्शाती है कि जनता डबल इंजन सरकार की नीतियों को अत्यंत भरोसे के साथ देख रही है।
सरमा द्वारा दिया गया यह बयान भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के प्रति उनके समर्थन को दोहराता है और यह भी संकेत देता है कि वे बिहार चुनाव को केंद्र सरकार की नीतियों पर जनता के मुहर के रूप में देख रहे हैं।
राजनीतिक निहितार्थ और राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य
राहुल गांधी और सीएम सरमा के बीच राजनीतिक कटाक्ष और प्रतिक्रिया का यह दौर नया नहीं है, परंतु बिहार चुनाव परिणामों ने इस संवाद को और तीखा कर दिया है। कांग्रेस जहाँ लगातार भाजपा पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाती रही है, वहीं भाजपा नेता कांग्रेस के नेतृत्व पर जनसमर्थन की कमी का कारण थोपते हैं।
सरमा के ताज़ा वक्तव्य से स्पष्ट है कि भाजपा बिहार की सफलता को राष्ट्रीय राजनीति में अपनी मजबूती का संकेत मान रही है और आगामी राज्यों के चुनावों में इसी लहर को आगे बढ़ाने की तैयारी में है। वहीं, विपक्ष के लिए यह समय आत्ममंथन का है कि बड़े नेताओं के प्रचार के बावजूद उन्हें जनता के बीच अपेक्षित समर्थन क्यों नहीं मिल पा रहा।