Bihar Politics: सासाराम में गोलगप्पे खाते दिखे उपेंद्र कुशवाहा
मतदान के बाद परिवार संग लिया चटपटा स्वाद
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के अंतिम चरण का मतदान संपन्न होते ही राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। रोहतास जिले के सासाराम विधानसभा क्षेत्र में एक अलग ही नजारा देखने को मिला, जब पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा अपने परिवार के साथ सड़क किनारे गोलगप्पे खाते नजर आए। उनके साथ उनकी पत्नी स्नेह लता, जो इस बार सासाराम से एनडीए की प्रत्याशी हैं, भी मौजूद थीं।
स्थानीय लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ उस वक्त जुट गई जब उन्होंने कुशवाहा दंपत्ति को साधारण अंदाज में सड़क किनारे खड़े होकर गोलगप्पे खाते देखा। माहौल में हल्कापन था, लेकिन इस सहज पल के पीछे चुनावी तनाव और प्रत्याशियों की चिंता भी छिपी हुई थी।
जनता के बीच सादगी भरा अंदाज
उपेंद्र कुशवाहा हमेशा से अपने सहज व्यवहार और जमीन से जुड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं। सासाराम की गलियों में गोलगप्पे खाते हुए उनका यह रूप जनता को खूब भाया। लोगों ने मोबाइल निकालकर तस्वीरें और वीडियो बनाए, जो कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गए।
लोगों ने कहा कि चुनाव प्रचार की भागदौड़ और गर्मजोशी के बीच नेताओं का यह मानवीय रूप जनता को उनसे जोड़ता है। वहीं, पार्टी कार्यकर्ता इस दृश्य को “नेता का जनता के बीच रहना” का प्रतीक बता रहे हैं।
पत्नी स्नेह लता को मिल रही है कड़ी टक्कर
सासाराम विधानसभा सीट इस बार काफी चर्चा में है क्योंकि यहां से एनडीए की ओर से स्नेह लता कुशवाहा मैदान में हैं। उन्हें विपक्षी गठबंधन से कड़ी चुनौती मिल रही है। स्थानीय समीकरणों और जातीय संतुलन के चलते यह सीट बेहद दिलचस्प हो गई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि स्नेह लता का प्रचार अभियान मजबूत रहा है, लेकिन विपक्ष ने भी जोरदार तरीके से मोर्चा संभाला है। अब सबकी नजर 14 नवंबर को होने वाली मतगणना पर टिकी है कि क्या स्नेह लता सासाराम की जनता का दिल जीत पाएंगी या नहीं।
गोलगप्पे के बहाने बना चुनावी प्रतीक
Bihar Politics: चुनावों में कई बार छोटी-छोटी घटनाएं भी प्रतीक बन जाती हैं। जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी कभी चाय और चर्खा को प्रतीक बनाते हैं, उसी तरह कुशवाहा दंपत्ति का यह “गोलगप्पा प्रसंग” भी चर्चा का विषय बन गया है।
स्थानीय युवाओं ने कहा कि “नेता जी तो गोलगप्पा खा चुके हैं, अब देखना है 14 तारीख को जीत का स्वाद खाते हैं या हार का।” यह बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ, जिससे चुनावी माहौल में हल्कापन तो आया, लेकिन चर्चा और भी गर्म हो गई।
सासाराम में मतदान के बाद का माहौल
सासाराम में मतदान के दौरान मतदाताओं में काफी उत्साह देखा गया। शांतिपूर्ण माहौल में मतदान संपन्न हुआ, हालांकि कई बूथों पर लंबी कतारें लगी रहीं। स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखी। अब जब मतदान पूरा हो चुका है, तो जनता भी परिणाम को लेकर उत्सुक है।
अब सबकी नजर 14 नवंबर पर
मतगणना के दिन तय होगा कि कुशवाहा परिवार की मेहनत रंग लाती है या नहीं। चुनाव परिणाम इस बात का संकेत देंगे कि क्या एनडीए ने सासाराम में अपनी पकड़ बनाए रखी है या विपक्ष ने सेंध लगाई है।
राजनीतिक हलकों में यह चर्चा आम है कि अगर स्नेह लता जीतती हैं, तो यह उपेंद्र कुशवाहा के लिए बड़ी राजनीतिक पुनर्स्थापना होगी। वहीं, हार की स्थिति में उनकी राजनीतिक जमीन और भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगी।