काराकाट विधानसभा सीट पर उतार-चढ़ाव भरी मतगणना, प्रमुख प्रत्याशियों के बीच कड़ा संघर्ष
काराकाट विधानसभा सीट 2025 का परिणाम इस बार बिहार की सबसे चर्चित और उच्च स्तर की राजनीतिक जंगों में से एक बन गया है। परंपरागत रूप से वामपंथ का गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र में वर्षों से राजनीतिक रंग बदलते रहे हैं, लेकिन इस बार मुकाबला बेहद सघन और उत्सुकता से भरा दिखाई दे रहा है। मतगणना सुबह 8 बजे से लगातार जारी है और हर राउंड के साथ समीकरण तेजी से बदलते हुए नए राजनीतिक संकेत दे रहे हैं।
मतगणना की शुरुआत और प्रारंभिक रुझान
काराकाट विधानसभा सीट पर मतगणना की प्रक्रिया सुबह 8 बजे पोस्टल बैलेट से शुरू हुई। तय प्रक्रिया के अनुसार पोस्टल बैलेट की गिनती के लगभग आधे घंटे बाद ईवीएम खोले गए और प्रत्येक राउंड में अलग-अलग टेबलों पर गिनती आगे बढ़ाई गई। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक पहला स्पष्ट रुझान 8:30 बजे के बाद सामने आया, जिसने समर्थकों में अचानक उत्साह और तनाव दोनों को बढ़ा दिया।
शुरुआती रुझानों में जेडीयू के महाबली सिंह को बढ़त मिली। 08:00 बजे तक के आंकड़े बता रहे थे कि महाबली सिंह आगे चल रहे हैं, जबकि उनके पीछे जन सुराज पार्टी के योगेंद्र सिंह और निर्दलीय उम्मीदवार एवं भोजपुरी स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह भी कड़ी चुनौती दे रही थीं।
12वें राउंड तक अरुण सिंह की बढ़त
मतगणना के 12वें राउंड तक आते-आते समीकरण पूरी तरह बदल गए। सीपीआई (माले) के उम्मीदवार अरुण सिंह ने 32,049 वोटों के साथ बढ़त बना ली, जबकि जेडीयू के महाबली सिंह 29,794 वोटों पर आ गए और वे 2,255 मतों से पीछे चलने लगे।
निर्दलीय प्रत्याशी ज्योति सिंह 8,435 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। इससे यह स्पष्ट हो गया कि मुकाबला अब अरुण सिंह और महाबली सिंह के बीच सिमट चुका है।
वामपंथी दल सीपीआई (एम-एल) के लिए काराकाट एक अहम और भावनात्मक सीट रही है, और इसी कारण यह मुकाबला सिर्फ जीत-हार का नहीं बल्कि विचारधारा की मजबूती का भी प्रतीक बन चुका है।
रुझानों में बदलाव का कारण
काराकाट की राजनीतिक धरातल की बात करें तो यह सीट जातीय समीकरणों, स्थानीय मुद्दों और राष्ट्रीय विचारधाराओं के मिश्रण के कारण हमेशा से खास रही है।
एक तरफ महाबली सिंह जैसे जमीनी नेता हैं जिनका इस क्षेत्र में लंबा राजनीतिक अनुभव है, वहीं दूसरी ओर अरुण सिंह वामपंथी विचारधारा के मजबूत प्रतिनिधि माने जाते हैं।
वहीं तीसरी चुनौती बनी हुई हैं निर्दलीय ज्योति सिंह, जिन्होंने भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह के प्रभाव के चलते जनता का खासा ध्यान अपनी ओर खींचा है।
हालांकि मतगणना आगे बढ़ने के साथ स्पष्ट हुआ कि मुख्य मुकाबला दो दिग्गजों—अरुण सिंह और महाबली सिंह के बीच ही रह गया है।
मतदाताओं में उत्सुकता और रोमांच
काराकाट सीट का माहौल मतदान के दिन से ही बेहद गर्म रहा। क्षेत्र के गांवों से लेकर शहर के केंद्रों तक मतदाताओं में खास उत्साह देखने को मिला। चर्चा इस बात की थी कि क्या इस बार भी वामपंथ अपना किला बचा पाएगा या जेडीयू अपनी पकड़ को मजबूत करेगी।
मतगणना स्थल के बाहर प्रत्याशियों के समर्थक लगातार लाइव अपडेट्स के आधार पर अपनी उम्मीदों को ऊपर-नीचे होते देख रहे हैं। हर राउंड के बाद तालियों, नारों और कभी-कभी सन्नाटे का माहौल दिख रहा है।
आगे क्या उम्मीद?
अभी तक के रुझानों से यह तो साफ है कि मुकाबला लगातार बदल रहा है। दोनों प्रमुख दावेदार एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
आधिकारिक परिणाम आने में अभी समय है, लेकिन काराकाट सीट के राजनीतिक भविष्य का फैसला अब कुछ ही राउंड की दूरी पर प्रतीत होता है।
बिहार चुनाव 2025 के व्यापक परिणामों के बीच काराकाट एक ऐसी सीट है जो इस चुनाव का सबसे नाटकीय और रोमांचक अध्याय लिख रही है।