छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कार्रवाई
रायपुर, 10 अक्टूबर 2025। छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने राज्य के दो प्रमुख जिलों में एक साथ कार्रवाई करते हुए दो सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। एसीबी की यह कार्रवाई सूरजपुर और बिलासपुर जिलों में हुई, जिसमें एक सहकारी शक्कर कारखाना के असिस्टेंट इंजीनियर और आदिम जाति विकास विभाग के क्लर्क शामिल थे। अधिकारियों ने बताया कि दोनों मामलों में शिकायत मिलने के बाद जांच कर आरोपियों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।
सूरजपुर में सहकारी शक्कर कारखाना इंजीनियर की गिरफ्तारी
सूरजपुर जिले के लटोरी तहसील निवासी प्रदीप कुमार ने एसीबी में शिकायत की थी कि उनकी 2024 में मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित केरता में ‘डीसी ड्राइव ऑपरेटर’ के पद पर संविदा नियुक्ति हुई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि कारखाने के असिस्टेंट इंजीनियर चंदू राम नायक ने ‘कॉशन मनी’ के नाम पर उनसे एक लाख रुपये लिए, लेकिन कोई रसीद या प्रमाण नहीं दिया।
इसके एक वर्ष पश्चात नायक ने प्रदीप से फिर एक लाख रुपये मांग की, और मना करने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी। 8 सितंबर 2025 को प्रदीप को नौकरी से निकाल भी दिया गया।
जांच के दौरान, जब प्रदीप ने नायक से पुनः नियुक्ति की गुहार लगाई, तब नायक ने 50 हजार रुपये रिश्वत लेने के बाद उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।
बिलासपुर में आदिम जाति विकास विभाग क्लर्क की गिरफ्तारी
दूसरी ओर बिलासपुर जिले के निपनिया गांव के निवासी अभिलाष बर्मन ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई कि वह अनुसूचित जाति का है और उसने अन्य समुदाय की लड़की से अंतर्जातीय विवाह किया है।
शिकायत में बताया गया कि आदिम जाति विकास विभाग में क्लर्क के पद पर तैनात मनोज तोनडेकर ने अंतर्जातीय विवाह पर शासन द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि (2.5 लाख रुपये) दिलाने के एवज में 10 हजार रुपये रिश्वत की मांग की।
एसीबी ने शिकायत की सत्यता जांचने के बाद मनोज को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।
आरोप और कानूनी कार्रवाई
दोनों मामलों में एसीबी ने आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की है। अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई राज्य में भ्रष्टाचार को रोकने और सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संदेश देने के लिए की गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में शिकायतकर्ताओं की सुरक्षा और गुप्तता बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है, जिससे भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई प्रभावी हो सके।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ में यह दोहरी गिरफ्तारी भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार और एसीबी की गंभीरता को दर्शाती है। अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि अगर उन्हें भी किसी प्रकार का भ्रष्टाचार देखने को मिले तो वे बिना संकोच शिकायत करें। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि सरकारी सेवाओं में जनता का विश्वास भी मजबूत होगा।