Delhi Blast: लाल किला के पास विस्फोट से हिली राजधानी, जांच में मिला अहम सुराग
दिल्ली की शांति सोमवार शाम उस वक्त भंग हो गई जब लाल किला के पास खड़ी एक आई-20 कार में अचानक जोरदार धमाका हुआ। इस धमाके ने पूरे इलाके को दहला दिया और राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
विस्फोट में इस्तेमाल कार पहले दो जगहों पर दिखी
प्रारंभिक जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि धमाके में इस्तेमाल की गई आई-20 कार को धमाके से पहले राजधानी के दो प्रमुख इलाकों—कनॉट प्लेस और मयूर विहार—में देखा गया था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने पुष्टि की है कि यह वाहन कई घंटों तक इन इलाकों में घूमता रहा।
पुलिस के अनुसार, आतंकी उमर नबी ने इस कार को पार्किंग में करीब तीन घंटे तक खड़ा रखा, जिसके बाद शाम 6:52 बजे इसमें विस्फोट हुआ। विस्फोट इतना तीव्र था कि आसपास खड़े वाहनों के परखच्चे उड़ गए और कई दुकानों के शीशे टूट गए।
10 लोगों की मौत, 26 घायल
इस धमाके में अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है जबकि 26 लोग घायल हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है।
जैश-ए-मोहम्मद का हाथ होने की आशंका
सूत्रों के अनुसार, इस हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ बताया जा रहा है। जांच में यह भी सामने आया है कि फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े प्रोफेसर उमर नबी बट ने इस विस्फोट की योजना बनाई थी। प्राथमिक जांच रिपोर्ट में इसे आतंकी हमला घोषित किया गया है।
एनआईए ने संभाली जांच
Delhi Blast: गृह मंत्रालय के आदेश के बाद इस पूरे मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई है। दिल्ली पुलिस और एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लैब) की टीम भी जांच में सहयोग कर रही है।
प्रारंभिक जांच में यह पाया गया है कि विस्फोटक सामग्री में अमोनियम नाइट्रेट, ईंधन तेल और डेटोनेटर जैसे घटकों का इस्तेमाल किया गया है।
धमाका बाकी विस्फोटों से अलग
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, लाल किला के बाहर हुआ यह धमाका दिल्ली में अब तक हुए अन्य धमाकों से बिल्कुल भिन्न है।
पहले हुए विस्फोटों में लोहे की कीलें या टुकड़े मिलते थे, लेकिन इस बार ऐसे कोई अवशेष नहीं मिले। इससे संकेत मिल रहा है कि धमाके में इस्तेमाल विस्फोटक अत्याधुनिक और रासायनिक प्रकृति का था।
जांच एजेंसियां उलझी रासायनिक मिश्रण में
विस्फोट में किस प्रकार के रासायनिक मिश्रण का प्रयोग किया गया, यह अब तक रहस्य बना हुआ है। फोरेंसिक टीमें इस दिशा में काम कर रही हैं और केमिकल विश्लेषण जारी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि विस्फोट का सबसे ज्यादा प्रभाव कार के पीछे के हिस्से पर पड़ा। उसके पीछे खड़े लगभग 10-12 वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं।
राजधानी की सुरक्षा पर बड़ा सवाल
दिल्ली जैसे उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में इस तरह का आतंकी हमला न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि सुरक्षा तंत्र की कमजोरियों को भी उजागर करता है।
लाल किला, जो न केवल ऐतिहासिक धरोहर है बल्कि प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस संबोधन का केंद्र भी रहता है, उसके पास ऐसा धमाका होना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
जनता में भय और चिंता का माहौल
विस्फोट के बाद आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है। स्थानीय लोग रात भर अपने घरों में सतर्क रहे। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं।