लाल किले के पास दहला दिल्ली, नौ की गई जान
Delhi Blast: नई दिल्ली। सोमवार की शाम राजधानी दिल्ली आतंक के साये में कांप उठी। ऐतिहासिक लाल किला के पास हुए भीषण विस्फोट ने न केवल सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया, बल्कि पूरे देश को शोक में डूबो दिया। इस हमले में नौ निर्दोष लोगों की मौत हो गई और बीस से अधिक घायल हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
गृह मंत्रालय ने इस हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी है। दिल्ली पुलिस और फॉरेंसिक टीमों ने घटनास्थल से कई साक्ष्य एकत्र किए हैं। शुरुआती जांच में आतंकी साजिश के संकेत मिले हैं।
आम लोगों पर टूटा कहर
इस हमले में जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई, वे सब आम और मेहनतकश नागरिक थे। कोई टैक्सी चालक था, कोई सरकारी कर्मचारी, तो कोई दुकानदार। सभी अपने परिवारों का सहारा थे और अपने सपनों की तलाश में दिन-रात मेहनत कर रहे थे।
बिहार के पंकज सैनी — परिवार का एकमात्र सहारा
बिहार के मूल निवासी पंकज सैनी दिल्ली में टैक्सी चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। सोमवार शाम वे एक यात्री को चांदनी चौक छोड़ने पहुंचे थे। तभी धमाके की चपेट में आ गए। उनके पिता ने लोकनायक अस्पताल के बाहर रोते हुए कहा, “मेरा बेटा घर का सहारा था, अब किसके सहारे जियेंगे?”
शामली के नोमान — दुकान के लिए निकले, मौत ने घेर लिया
Delhi Blast: उत्तर प्रदेश के शामली जिले के नोमान अपनी कॉस्मेटिक्स की दुकान के लिए सामान खरीदने चांदनी चौक आए थे। धमाका इतना तेज़ था कि वे मौके पर ही चल बसे। उनके साथ उनका छोटा भाई भी था, जो गंभीर रूप से घायल है और अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है।
डीटीसी के कर्मचारी अशोक कुमार — ड्यूटी के बाद मौत का सामना
अमरोहा के रहने वाले अशोक कुमार दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) में कंडक्टर के पद पर कार्यरत थे। उस शाम वे किसी व्यक्तिगत कार्य से चांदनी चौक आए थे। विस्फोट में वे भी मारे गए। उनके चचेरे भाई ने बताया, “सूची में जब हमने उनका नाम देखा तो पैरों तले ज़मीन खिसक गई।”
श्रावस्ती के दिनेश मिश्रा — रोजी की तलाश में आए और लौटे नहीं
उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के दिनेश मिश्रा दिल्ली में निमंत्रण पत्र बेचने वाली दुकान पर काम करते थे। विस्फोट के वक्त वे पास ही मौजूद थे। उनकी पत्नी ने कहा, “टीवी पर जब खबर देखी तो यकीन नहीं हुआ कि वो मेरे पति थे।” उनका परिवार अब पूरी तरह टूट चुका है।
Delhi Blast: धमाके की भयावह तस्वीरें
शाम 6:50 बजे का वक्त था। चांदनी चौक की भीड़भाड़ भरी सड़क पर अचानक एक i20 कार में जोरदार धमाका हुआ। चारों ओर अफरा-तफरी मच गई। आस-पास खड़े वाहनों में आग लग गई। घायल लोग सड़कों पर तड़पते दिखाई दिए। मौके पर पहुंचे लोगों ने जैसे-तैसे घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
लोकनायक अस्पताल और अरुणा आसफ अली हॉस्पिटल में घायलों का इलाज जारी है। कई शव अब तक पहचान से बाहर हैं। अस्पतालों के बाहर पीड़ित परिवारों की भीड़ और रोने की आवाजें माहौल को और दर्दनाक बना रही हैं।
एनआईए करेगी जांच, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
गृह मंत्रालय ने हमले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच एनआईए को सौंपी है। फिलहाल दिल्ली पुलिस, स्पेशल सेल और फॉरेंसिक विभाग मिलकर शुरुआती सुराग जुटा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, विस्फोटक सामग्री कार में पहले से रखी गई थी और टाइमर से नियंत्रित थी।
सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली-एनसीआर में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। मेट्रो स्टेशनों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में जांच कड़ी कर दी गई है।
देश में शोक और सवाल
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने इस हमले की निंदा करते हुए मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई है। लेकिन साथ ही देश में एक बड़ा सवाल फिर उठ खड़ा हुआ है — राजधानी के इतने सुरक्षित क्षेत्र में आतंकी पहुंच कैसे गए?
लाल किले जैसी ऐतिहासिक और संवेदनशील जगह के पास हुआ यह धमाका सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिह्न छोड़ गया है।