अवैध खनन पर जिला प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है
पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन ने अवैध खनन एवं परिवहन गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं। शनिवार, 11 अक्टूबर 2025 को जिला समाहरणालय स्थित सभागार में जिला दंडाधिकारी-सह-उपायुक्त श्री चंदन कुमार की अध्यक्षता में जिला खनन टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। बैठक में अवैध खनन की रोकथाम, बालू घाटों की नीलामी की स्थिति तथा राजस्व वसूली से संबंधित बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
अब तक 121 वाहन जब्त, 77 मामलों में प्राथमिकी दर्ज
जिला खनन पदाधिकारी ने बैठक में जानकारी दी कि अब तक जिले में 115 निरीक्षणों के दौरान 121 वाहनों को जब्त किया गया है, जो बिना वैध अनुमति के खनन कार्य या परिवहन में संलिप्त पाए गए। इनमें से 77 वाहनों पर परिवाद एवं प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्रशासन ने अब तक ₹14.34 लाख की वसूली की है, जिससे स्पष्ट होता है कि जिला प्रशासन अवैध गतिविधियों के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति पर काम कर रहा है।
जब्त बालू की नीलामी से ₹16.10 लाख का राजस्व प्राप्त
बैठक में यह भी बताया गया कि अब तक 121,700 घनफुट जब्त बालू की नीलामी की गई है, जिससे ₹16.10 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है। उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आगामी दिनों में नीलामी प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया जाए ताकि अवैध भंडारण और परिवहन को पूरी तरह समाप्त किया जा सके।
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेश के बाद बालू उठाव पर रोक
बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) द्वारा निर्धारित 15 अक्टूबर 2025 की तिथि के बाद, जब तक नई नीलामी प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, किसी भी बालू घाट से बालू का उठाव प्रतिबंधित रहेगा। यह आदेश पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने और अवैध उत्खनन को रोकने के उद्देश्य से लागू किया गया है।
ई-नीलामी प्रक्रिया में कम भागीदारी बनी चुनौती
जिला खनन पदाधिकारी ने बताया कि बालू घाटों की ई-नीलामी प्रक्रिया में पहली बार कोई भी बोलीदाता नहीं आया। दूसरी बार निविदा जारी करने के बावजूद केवल एक ही बोली प्राप्त हुई, जिसके चलते प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। अब तीसरी बार ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू की जा रही है, ताकि अधिकाधिक बोलीदाता भाग ले सकें और नीलामी सफल हो।
उपायुक्त ने दिए सख्त निर्देश
बैठक में उपायुक्त श्री चंदन कुमार ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिले में अवैध खनन, परिवहन और भंडारण के खिलाफ नियमित जांच जारी रखी जाए। उन्होंने कहा कि खनन से होने वाला राजस्व राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए इस क्षेत्र में पारदर्शिता और विधि सम्मत कार्यवाही सुनिश्चित की जानी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि “अवैध खनन केवल राजस्व हानि का कारण नहीं बनता बल्कि पर्यावरण और ग्रामीण जनजीवन पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इसलिए जिला प्रशासन किसी भी कीमत पर ऐसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा।”
प्रशासन की अपील — कानून का पालन करें
बैठक के अंत में प्रशासन ने खनन व्यवसायियों और आम जनता से अपील की कि वे केवल वैध अनुज्ञापत्र के माध्यम से ही खनन और परिवहन कार्य करें। किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि पाए जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस अवसर पर अपर उपायुक्त, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला खनन पदाधिकारी, सभी अंचल अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।