प्रधानमंत्री द्वारा नई कृषि योजनाओं का शुभारंभ
11 अक्टूबर 2025 को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नई कृषि योजनाओं प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना एवं दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का औपचारिक शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर झारखंड राज्य के दो जिलों पश्चिमी सिंहभूम और सिमडेगा को चयनित किया गया है। प्रधानमंत्री ने एनएएससी कंपलेक्स, पूसा, नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से योजनाओं का उद्घाटन किया।
झारखंड के आत्मा सभागार, चाईबासा में आयोजित जिलास्तरीय कार्यक्रम की अध्यक्षता उप विकास आयुक्त श्री संदीप कुमार मीणा ने की। इस समारोह में राज्य के कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम मैनेजर – जेएसएलपीएस, विभिन्न प्रखंडों के बीटीएम/एटीएम एवं क्षेत्रीय किसानगण उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना – उद्देश्य एवं महत्व
प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना का मुख्य उद्देश्य धान की पैदावार में वृद्धि और किसानों की आय में स्थिरता लाना है। इस योजना के तहत किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक, उच्च गुणवत्तायुक्त बीज, जैविक उर्वरक और मशीनरी उपलब्ध कराई जाएगी। इससे न केवल उत्पादन में वृद्धि होगी बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।
विशेष रूप से झारखंड जैसे राज्यों में, जहां छोटे और सीमांत किसान मुख्यतः खेती पर निर्भर हैं, इस योजना से कृषि आत्मनिर्भरता और स्थानीय खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
दलहन आत्मनिर्भरता मिशन – किसानों के लिए अवसर
दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का उद्देश्य है राज्य में दलहन उत्पादन को बढ़ाना और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना। झारखंड में सोयाबीन, मसूर, चना और मूंग जैसी दलहन फसलों के लिए इस मिशन के अंतर्गत किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों और बीज उपलब्ध कराए जाएंगे।
इस योजना से किसानों को मौसमी उतार-चढ़ाव और बीज गुणवत्ता की समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। साथ ही, स्थानीय स्तर पर बीज उत्पादन और कृषि संसाधनों के वितरण से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

जिलास्तरीय कार्यक्रम – सहभागी और संवाद
चाईबासा में आयोजित कार्यक्रम में किसानों और अधिकारियों के बीच सीधे संवाद का अवसर प्रदान किया गया। वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि योजनाओं का उद्देश्य केवल उत्पादन बढ़ाना नहीं बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिरता और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना है।
उप विकास आयुक्त श्री संदीप कुमार मीणा ने कहा कि जिलास्तरीय कार्यक्रम किसानों और अधिकारियों के बीच विश्वास और सहयोग की भावना को मजबूत करेगा। साथ ही, यह योजनाओं की सफलता के लिए आवश्यक तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन भी प्रदान करेगा।
राज्य और स्थानीय स्तर पर प्रभाव
इस कार्यक्रम का झारखंड में विशेष महत्व है। पश्चिमी सिंहभूम और सिमडेगा के किसान अब आधुनिक कृषि तकनीक और प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। इससे क्षेत्रीय कृषि उत्पादन में सुधार होगा, और किसानों को स्थिर आय और आत्मनिर्भरता का मार्ग मिलेगा।
साथ ही, योजना के माध्यम से स्थानीय स्तर पर कृषि उपकरणों और बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी और कृषि क्षेत्र में युवाओं को रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई ये योजनाएँ झारखंड के किसानों के लिए एक नए युग की शुरुआत हैं। धन धान्य कृषि और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन किसानों को आत्मनिर्भर बनाएंगे और उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेंगे। यह पहल न केवल कृषि उत्पादन को बढ़ाएगी बल्कि ग्रामीण समाज और अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगी।