Hingoli Farmers Protest: Uproar Over Crop Insurance Non-Payment
Hingoli: Hingoli जिले के किसानों ने 24 सितंबर को अपने गुस्से का इजहार करते हुए Hingoli Farmers Protest किया। भारी बारिश और प्राकृतिक आपदा के कारण मूंग, उड़द, सोयाबीन, कपास, हल्दी और ज्वार जैसी फसलें बुरी तरह प्रभावित हुईं, लेकिन बीमा राशि का भुगतान अब तक नहीं हुआ। इसी पर क्रांतिकारी किसान संगठन, Revolutionary Kisan Sangh, ने बीमा कंपनी के कार्यालय में प्रदर्शन कर तोड़फोड़ की।
संगठन के पदाधिकारी नामदेव पतंगे, सखाराम भाकरे और गजानन काले ने कहा कि किसानों को उनकी मेहनत की पूरी भरपाई मिलना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर Crop Insurance राशि तुरंत जारी नहीं की गई, तो और बड़ा आंदोलन होगा।
हिंगोली जिले में बोई गई 3.50 लाख हेक्टेयर जमीन में से 2.71 लाख हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। प्रशासन के अनुसार, दो लाख से अधिक किसानों ने फसल बीमा कराया था। बावजूद इसके बीमा कंपनी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे किसानों में नाराजगी और हताशा बढ़ गई।
किसानों का कहना है कि जब खेत में फसल ही नहीं है, तो बीमा कटाई प्रक्रिया कैसे पूरी होगी। बीमा कंपनी के कर्मचारियों ने दावा किया कि फसल कटाई प्रयोग के बाद ही बीमा राशि दी जा सकती है। लेकिन किसानों ने इसे अस्वीकार करते हुए कार्यालय में तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस दौरान उन्होंने कुर्सियों, मेजों और अन्य ऑफिस सामग्री को नुकसान पहुँचाया।
Revolutionary Kisan Sangh ने कहा कि कृषि किसानों की आजीविका का मुख्य स्त्रोत है और Hingoli Farmers Protest इसका संकेत है कि किसानों का सब्र जवाब दे चुका है। किसान अब चिंता में हैं कि वे अपने फसल ऋण और परिवार की जरूरतें कैसे पूरी करेंगे। संगठन ने बीमा कंपनी से तुरंत कार्रवाई की मांग की है और कहा कि यदि भुगतान नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन होंगे।
वेब स्टोरी:
विशेषज्ञों का मानना है कि Hingoli जैसे कृषि प्रधान जिले में प्राकृतिक आपदा के समय किसानों को बीमा राशि का तत्काल भुगतान करना चाहिए। यह न केवल किसानों की आर्थिक मदद करेगा बल्कि भविष्य में किसानों और बीमा कंपनियों के बीच विश्वास भी बनाएगा।
इस घटना के बाद प्रशासन ने सरकार को रिपोर्ट सौंपी और बीमा कंपनियों से तुरंत कार्रवाई करने को कहा। Hingoli में किसानों के साथ यह पहली बड़ी घटना नहीं है, लेकिन इस बार प्रदर्शन इतना उग्र हुआ कि बीमा कंपनी के कर्मचारियों को सुरक्षा कारणों से कार्यालय छोड़ना पड़ा।