नागपुर में आयोजित 69वाँ Dhammachakra Pravartan Day 2025 समारोह
दीक्षाभूमि में तीन दिवसीय धर्म चक्र परिवर्तन महोत्सव
नागपुर: दीक्षाभूमि में आज से तीन दिन का धर्म चक्र परिवर्तन महोत्सव शुरू हो गया है। यह महोत्सव डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर स्मारक समिति द्वारा आयोजित किया गया है और इसका मुख्य उद्देश्य धर्म चक्र परिवर्तन की परंपरा को जीवित रखना है। इस समारोह में देश-विदेश के भिक्षु और अनुयायी भाग ले रहे हैं।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय भागीदारी: Dhammachakra Pravartan Day 2025 के संदर्भ में
इस साल आयोजित यह महोत्सव 69वें Dhammachakra Pravartan Day 2025 के अवसर पर बुधवार से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक चलेगा। मुख्य समारोह गुरुवार, 2 अक्टूबर को होगा। इस दिन समता सैनिक दल द्वारा वंदना की जाएगी और समिति के अध्यक्ष भदंत आर्य नागार्जुन सुरई ससाई द्वारा पंचशील झंडा का ध्वजारोहण किया जाएगा।
कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और देवेंद्र फडणवीस सहित अन्य आला अधिकारी उपस्थित रहेंगे। जापान से आए 30 प्रतिनिधियों के समूह में से कई ने श्रमणेर दीक्षा ली। इस प्रकार यह आयोजन धार्मिक महत्व के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बौद्ध समुदाय को भी जोड़ता है।
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सुरक्षा और व्यवस्थाएँ
दीक्षाभूमि और आसपास के क्षेत्रों में होने वाले कार्यक्रम और दशहरे के चलते नागपुर रेलवे स्टेशन पर हाई अलर्ट रखा गया है। लगभग 11 वरिष्ठ अधिकारी और 200 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। सभी ट्रेनों की सख्त जांच की जा रही है ताकि लाखों लोगों की यात्रा सुरक्षित और व्यवस्थित हो।
भिक्षु अनुयायी और श्रद्धालु सुबह से ही दीक्षाभूमि पहुंच रहे हैं। पालक मंत्री श्री चंद्रशेखर कुले ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की। फायर ब्रिगेड और लगभग 500 पुलिसकर्मी भी कार्यक्रम की सुरक्षा में तैनात हैं।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष तैयारी
इस आयोजन में लगभग 200 स्टॉल लगाए गए हैं और आयोजकों ने स्वास्थ्य और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा है। पहले दिन लगभग 5,000 अनुयायियों ने श्रमणेर दीक्षा प्राप्त की। सुबह 9:30 बजे बुद्ध वंदना संपन्न हुई और तत्पश्चात धम्मदीक्षा का कार्यक्रम शुरू हुआ।
मंच पर भदंत ससाई के साथ भंते नागसेन, भंते प्रज्ञाबोधी, भंते अश्वजित, भंते धम्मविजय, भंते महानाग, भंते कश्यप, भंते बुद्धघोष और भंते धम्मप्रकाश सहित अनेक भिक्षु उपस्थित थे। भिक्षुओं और समिति ने मिलकर दीक्षा प्रमाणपत्र वितरण की प्रक्रिया पूरी की।
महत्व और संदेश: Dhammachakra Pravartan Day 2025 का सामाजिक और धार्मिक योगदान
भदंत ससाई ने कहा कि दीक्षाभूमि प्रेरणाभूमि है और यहाँ से प्राप्त ऊर्जा जीवन में सकारात्मकता और शांति लाती है। यह आयोजन सामाजिक समरसता और धार्मिक भाईचारे का संदेश भी देता है। विभिन्न राज्यों से आए उपासक और अनुयायी इस समारोह का हिस्सा बनकर बौद्ध मूल्यों और धर्मिक परंपराओं का सम्मान कर रहे हैं।
यह महोत्सव नागपुर की पहचान को और मजबूत करता है और देश-विदेश से आने वाले अनुयायियों के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करता है। 69वें Dhammachakra Pravartan Day 2025 ने इस पवित्र स्थल को फिर से धर्म और समाज के प्रति समर्पित ऊर्जा का केंद्र बना दिया है।
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